River Polution News: हिमाचल की 9 नदियों पर प्रदूषण का काला साया, सिरमौर जिला की एक नदी भी... ddnewsportal.com

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River Polution News: हिमाचल की 9 नदियों पर प्रदूषण का काला साया, सिरमौर जिला की एक नदी भी सूची में शुमार, चिंताजनक है बोर्ड के ये आंकड़े...

हिमाचल प्रदेश की नदियां साफ-स्वच्छ की कल-कल धारा प्रवाह के लिए जानी जाती है लेकिन जो रिपोर्ट सामने आई है उससे प्रदेश के माथे पर चिंता की लकीरें उभरना तय है। दरअसल, सूबे की नदियों और खड्डों में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की इस साल की रिपोर्ट प्रदेश की नौ नदियों के बदतर हालात बता रही है, जिसमे सिरमौर जिला की भी एक नदी शामिल है। 
इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 37 नदियों पर 136 स्थानों पर नदियों की जल गुणवत्ता की जांच की गई। इनमें से नौ नदियों-खड्डों में 19 स्थानों पर बीओडी (बायोलोजिकल ऑक्सीजन डिमांड) के संबंध में पानी के सैंपल फेल हुए हैं। अश्विनी खड्ड, बद्दी की बाल्द, सिरमौर की गिरि, रामपुर की मारकंडा, रोहड़ू की पब्बर, नालागढ़ की रत्ता, रोहड़ू की शिकारी खड्ड, नालागढ़ की सरसा और परवाणू की सुखना खड्ड में प्रदूषण का स्तर तय मापदंडों से ऊपर है।


जबकि शिमला में बहने वाली अश्विनी खड्ड प्रदेश की सबसे प्रदूषित नदी है। औद्योगिक अपशिष्टों के अनियमित निपटान, बिना ट्रीटमेंट सीवेज और कृषि गतिविधियों से निकलने वाले अपवाह के कारण नदियां प्रदूषित हो गई हैं। जल प्रदूषण न केवल जलीय जीवन को खतरे में डालता है, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए पीने के पानी के प्राथमिक स्रोत के लिए भी खतरनाक है।
बोर्ड का मानना है कि इस संकट को कम करने के लिए मजबूत जल प्रबंधन नीतियों, प्रदूषण नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने और टिकाऊ प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक भागीदारी की जरूरत है। प्रदेश में प्रदूषित नदियों पर चिंतन के लिए प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण विभाग और जिला प्रशासन की एक टीम गठित की है। लेकिन प्रदेश में बढ़े जल प्रदूषण के आंकड़े हिमाचलवासियों को चिंता में जरूर डाल गए हैं।