अब आशियाना बनाने के सपनों को लगा महंगाई का ग्रहण ddnewsportal.com

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फोटो: साभार गूगल।

अब आशियाना बनाने के सपनों को लगा महंगाई का ग्रहण

सरिया, सीमेंट, रेत-बजरी आदि के रेट बढ़ गये एकाएक, सरिये की कीमत में 2 हजार रूपये तक का उछाल।

हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना एक सुन्दर आशियाना हो। गरीब और सामान्य वर्ग का इंसान उम्र भर कड़ी मेहनत कर पाई पाई जोडता है ताकि बुढापा अपने घर मे सुकून से काट सके। लेकिन जब उन सपनों पर मंहगाई का ग्रहण लगे तो सपने पूरे होने मुश्किल हो जाते हैं। ऐसा ही हिमाचल प्रदेश में भी हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में मकान बनाना बहुत महंगा हो गया है। यहां सरिया, सीमेंट, रेत-बजरी आदि के रेट एकाएक बढ़ गए हैं। दो महीने के भीतर सरिया के रेट प्रति क्विंटल 30 फीसदी तक बढ़ गए हैं। राजधानी शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में सरिया के दाम जीएसटी जोड़कर 8,600 से लेकर 8,800 रुपये तक पहुंच गए हैं। सीमेंट के रेट भी बढ़कर 465 रुपये प्रति बैग तक हो गए हैं। यही हाल प्रदेश के अन्य हिस्सों के हैं। दुर्गम क्षेत्रों तक तो सरिया बहुत ही महंगा पहुंच रहा है। स्क्वेयर पाइप का दाम 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है। 
जानकारी के मुताबिक पिछले दो महीने में सरिया के रेट ने करीब 2,000 रुपये की वृद्धि के साथ अपना रिकॉर्ड बनाया है। पिछले एक साल में करीब 2,400 से 2,500 रुपये तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। दो साल में सरिया करीब 3,500 से 3,800 रुपये बढ़ चुका है। सीमेंट के रेट की भी यही स्थिति

है। दो साल पहले जहां सीमेंट 410 रुपये प्रति बैग के हिसाब से मिल रहा था, वह अब करीब 465 रुपये पहुंच चुका है। यानी यह 55 रुपये तक बढ़ चुका है। ये शिमला के रेट हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में यातायात की लागत के हिसाब से इसमें फर्क पड़ता है। बजरी का भी यही हाल है। शिमला में जो बजरी 28 रुपये प्रति वर्ग फुट तक मिलती थी, अब वह 35 रुपये तक पहुंच गई है। रेत भी महंगी हुई है। ऐसे में गरीब कैसे आशियाना बना पाएगा ये सोंचने वाली बात है। 

राज्य का नियंत्रण नहीं : धीमान 

हिमाचल सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग आरडी धीमान ने बताते हैं कि सरिया के रेट राष्ट्रीय स्तर पर बढ़े हैं। इसमें राज्य का नियंत्रण नहीं है। जहां तक सीमेंट की बात है तो तुलनात्मक प्रदेश में यह फिर भी कम बढ़ा है। इस संबंध में समय-समय पर हिमाचल प्रदेश की सीमेंट कंपनियों से बात की जाती है।