हिमाचल: आयोग भंग करने के बाद ये रहेगा भर्ती का फार्मूला... ddnewsportal.com
हिमाचल: आयोग भंग करने के बाद ये रहेगा भर्ती का फार्मूला...
पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह की राह पर सुखविंद्र सिंह सुक्खू, भाजपा ने उठाया सवाल
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर स्थित राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने के बाद अब बेरोजगार युवाओं के जेहन में एक ही सवाल था कि अब भर्ती किस प्रकार होगी और क्या नया तरीका अपनाया जाएगा। युवाओं के दिलो-दिमाग पर बैठे इस सवाल का जवाब भी सरकार ने दे दिया है। राज्य लोक सेवा आयोग के लिए हमीरपुर से शिमला भर्तियां स्थानांतरित कर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह का फार्मूला
अपनाया है। सत्ता में आने के बाद पिछली सरकारों में भी हमीरपुर से शिमला के लिए भर्तियां स्थानांतरित हुई थीं। राज्य कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को उस वक्त राज्य अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड कहा जाता था। तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए इस आयोग को छह अक्तूबर 1998 को अधिसूचित किया गया था। हमीरपुर स्थित यह आयोग अब खत्म हो चुका है। इसमें चल रहीं सभी भर्तियों को शिमला के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है। जिन पदों लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उनके लिए भर्ती अब शिमला में ही होगी। आगे की भर्तियां भी अब यहीं होनी हैं, जब तक नई एजेंसी को न खोल दिया जाए। पिछली कांग्रेस सरकारों में भी इस आयोग की भर्तियों पर जांचें बैठती रही हैं। जब यह अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड था तो इसके एक अध्यक्ष पर तो कार्रवाई भी की जा चुकी है।
हालांकि मंगलवार को सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने साफ-साफ किसी भी राजनेता या अफसर का नाम नहीं लिया कि इसकी जांच की जद में कौन-कौन लोग आने वाले हैं। वह इससे बचते दिखे और कहा कि अभी जांच चल रही है तो सारी बातें बताई भी नहीं जा सकती हैं। हालांकि, आयोग के निलंबन के दौरान प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने राजनेताओं की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया था।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले...
उधर, कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग करने के निर्णय को भाजपा ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि इस आयोग के साथ लाखों युवाओं के रोजगार का एक अवसर भी फिलहाल लंबे समय तक बंद हो गया है। यह तो वही बात होगी कि बीमारी का इलाज तो किया ही नहीं, बीमार का इलाज कर दिया।