Paonta Sahib: IMA पाँवटा साहिब ने एसडीएम के मार्फत सीएम सुक्खू को भेजा ज्ञापन, उठाई ये मांगे... ddnewsportal.com

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Paonta Sahib: IMA पाँवटा साहिब ने एसडीएम के मार्फत सीएम सुक्खू को भेजा ज्ञापन, उठाई ये मांगे...

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पांवटा साहिब शाखा के सदस्यों ने मेडिकल प्रतिष्ठानों के डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ पर हिंसा के संबंध में केंद्रीय कानून बनाने की मांग को लेकर एसडीएम पांवटा साहिब के माध्यम से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक ज्ञापन सौंपा। पांवटा साहिब के सभी डॉक्टर पेन

डाउन स्ट्राइक पर हैं। निजी क्षेत्र के साथ-साथ सरकारी सिविल अस्पताल में भी कोई ओपीडी काम नहीं कर रही है। केवल आपातकालीन कार्य हो रहे हैं। कोई वैकल्पिक सर्जरी नहीं। ज्ञापन देने के दौरान एसोसिएशन के प्रेजिडेंट डॉ. एसपी खेड़ा के साथ डॉ. जीएस चौधरी, डॉ. कंचन खेड़ा, डॉ. राजीव गुप्ता, डॉ. रीना गुप्ता, डाॅ शरद गुप्ता, डॉ. वरमानी, डॉ. संजीव सहगल, डॉ. हरसिमरन सिंह चौधरी, डॉ. सुधी गुप्ता, डॉ. राघव, डॉ. सीमा, डॉ. आरके धीमान, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. प्रवेश सबलोक, डॉ. अजय देयोल, डॉ. रतिका जिंदल और जेसी जुनेजा अस्पताल और कई अन्य डॉक्टर आदि मौजूद रहे। 

■ ये है आईएमए की मांगें-

आरजी कर घटना ने अस्पताल में हिंसा के दो आयाम सामने ला दिए हैं। एक महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी और गुंडागर्दी के कारण बर्बर पैमाने के अपराध। एक संगठित सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी के कारण फैलाया गया अपराध और बर्बरता राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। 

नीतिगत स्तर पर डॉक्टरों और अस्पतालों पर हिंसा को स्वीकार करने में अनिच्छा बदलना होगा। 
महामारी में 2023 के संशोधनों को शामिल करने वाला एक केंद्रीय अधिनियम 2019 के अस्पताल संरक्षण विधेयक के मसौदे में रोग अधिनियम 1897 को मजबूती मिलेगी। मौजूदा 25 राज्य विधान। जैसा कि कोविड महामारी के दौरान एक अध्यादेश है
आदेश देना।
सभी अस्पतालों का सुरक्षा प्रोटोकॉल किसी एयरपोर्ट से कम नहीं होना चाहिए। घोषणा अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र बनाने में पहला कदम है।
सीसीटीवी, सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जा सकता है।
पीड़ित की 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट और आराम करने के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी, पर्याप्त विश्राम कक्ष कामकाज और रहन-सहन में पूरी तरह से बदलाव की गारंटी।
रेजिडेंट डॉक्टरों की स्थिति एक समय सीमा में अपराध की सूक्ष्म एवं पेशेवर जांच एवं प्रतिपादन न्याय का। बर्बरता करने वाले गुंडों की पहचान करें और कड़ी सजा दंड दें।
शोक संतप्त परिवार को उचित एवं सम्मानजनक मुआवजा दिया जाए।