कमरऊ: कोशिश कामयाब हुई तो बन गया इतिहास, 43 वर्ष की समस्या का नायब तहसीलदार और ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास से हुआ समाधान ddnewsportal.com
कमरऊ: कोशिश कामयाब हुई तो बन गया इतिहास, 43 वर्ष की समस्या का नायब तहसीलदार और ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास से हुआ समाधान, पढ़ें और देखें ये खास ख़बर...
हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री व शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक हर्षवर्धन चौहान के पिता व पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय ठाकुर गुमान सिंह चौहान द्वारा खुलवाई गई कमरऊ उप तहसील (अब तहसील) को आखिरकार करीब 43 वर्ष बाद सड़क नसीब हुई। पूरा माजरा क्या है ये हम आपको इस खब़र में बतायेंगे।
दरअसल, वर्ष 1981 में क्षेत्र के बड़े गाँव कमरऊ में उप तहसील खोली गई। लेकिन उप तहसील को जहाँ जगह दी गई वह स्थान सड़क से थोड़ी दूरी पर है। वर्ष 2015 में यह अपग्रेड होकर तहसील बनी। यहां तहसील कार्यालय पंहुचने के लिए जनता को किसी के निजी मकान के आँगन व एक जगह दीवार के ऊपर छलांग लगाकर पहुंचना पड़ता था। खासकर दिव्यांगजन, बुजुर्गों व वरिष्ठ नागरिकों को तथा महिलाओं को कार्यालय तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
बता दें कि पिछले चार दशकों से तहसील कार्यालय कमरऊ में लगभग 26 नायब तहसीलदार व 7 तहसीलदार कार्यरत रहे। किंतु शायद यह कामयाबी नायब तहसीलदार और तहसीलदार का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे ओम प्रकाश ठाकुर के नाम लिखी थी। ओमप्रकाश ठाकुर ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मात्र दो महीने में तहसील कार्यालय कमरऊ के लिए लिंक रोड़/रास्ते का समाधान कर दिया। इतना ही नहीं मौका पर संपर्क मार्ग भी तैयार करवा दिया जिससे क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है।
इस समस्या के सामाधान को स्थानीय लोग खतरी सिंह ठाकुर प्रधान ट्रक ऑपरेटर यूनियन, मोहन सिंह प्रधान ग्राम पंचायत, मंगी राम ठाकुर उप प्रधान ट्रक ऑपरेटर यूनियन, बहादुर सिंह शर्मा पूर्व BDC, माम राज ठाकुर पूर्व प्रधान, खतर सिंह पूर्व प्रधान, मुंशी राम पूर्व वार्ड मेंबर, उदय राम शर्मा माईन ऑनर, कुलदीप ठाकुर माईन ऑनर, मोहन सिंह व नंबरदार जगत सिंह, नंबरदार शुप्पा राम, इंदर सिंह व रघुबीर सिंह आदि व सभी ग्रामीणों का बड़ा सहयोग रहा।
बता दें कि तहसील कमरऊ में कार्यरत नायब तहसीलदार तथा इंचार्ज तहसीलदार कमरऊ ओम प्रकाश ठाकुर शिलाई तहसील के हलाहं गांव के निवासी है तथा वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध में जम्मू कश्मीर के मुश्को घाटी के द्रास सेक्टर में शहीद हुए शहीद कल्याण सिंह के परिवार से संबंध रखते हैं। जिस तरह से ओम प्रकाश ठाकुर ने 43 वर्ष की इस लंबित समस्या का सड़क निकालकर समाधान निकाला है वह काबिले तारीफ है। ग्रामीणों ने भी नायब तहसीलदार का आभार व्यक्त किया है।
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