Bharat Mission: चंद्रयान और सूर्ययान के बाद अब ये होगा भारत का अगला मिशन... ddnewsportal.com

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Bharat Mission: चंद्रयान और सूर्ययान के बाद अब ये होगा भारत का अगला मिशन...

चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग और सूर्य की जानकारी एकत्रित करने के लिए भैजे गये सौर मिशन आदित्य एल1 की लॉन्चिंग के बाद भारत का अब अगला मिशन समुद्रयान होगा। जी हां, चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (NIOT) में इसे बनाया जा रहा है। यह एक पनडुब्बी है जिसका नाम ‘मत्स्य 6000’ रखा गया है। इसके जरिए 3 इंसानों को समुद्र के अंदर 6 किलोमीटर की गहराई तक भेजा जाएगा ताकि वहां के स्रोतों और जैव विविधता की स्टडी की जा सके। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मंत्री किरेन रिजिजू ने 11 सितंबर को ‘X’ कर इस बारे में जानकारी दी।


किरेन रिजिजू ने ‘X’ करते हुए लिखा, अगला है ‘सुमद्रयान’। यह चेन्नई स्थित राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान में निर्माणाधीन मत्स्य 6000 सबमर्सिबल है। भारत के पहले मानवयुक्त गहरे महासागर मिशन समुद्रयान में गहरे समुद्र के संसाधनों और जैव विविधता मूल्यांकन का अध्ययन करने के लिए एक पनडुब्बी में 6 किलोमीटर समुद्र की गहराई में 3 मनुष्यों को भेजने की योजना है। यह परियोजना समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को परेशान नहीं करेगी। डीप ओशन मिशन प्रधानमंत्री के ‘ब्लू इकोनॉमी’ दृष्टिकोण का समर्थन करता है। @नरेंद्र मोदी जी, और देश की आर्थिक वृद्धि, आजीविका और नौकरियों में सुधार और महासागर पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को संरक्षित करने के लिए समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग की परिकल्पना करता है।
बता दें कि समुद्रयान प्रोजेक्ट पूरी तरह से स्वदेशी है। मत्स्य 6000 को बनाने के लिए टाइटेनियम एलॉय का इस्तेमाल किया गया है। इसका ब्यास 2.1 मीटर है। यह 12 घंटों के लिए तीन इंसानों को समुद्र की गहराई में ले जाएगा। इसके सभी हिस्से अभी बनाए जा रहे हैं। उम्मीद है कि 2026 तक इसकी लॉन्चिंग होगी।