Desh Dinesh Special: करवा चौथ आज- पति की लंबी उम्र की कामना का है ये व्रत, जानिए शाम की पूजा का समय... ddnewsportal.com
Desh Dinesh Special: करवा चौथ आज- पति की लंबी उम्र की कामना का है ये व्रत
उपासना कब से कब तक, शाम की पूजा कब और कब निकलेगा चांद, ज्योतिषाचार्य पंडित कमलकांत सेमवाल ने बताया सही समय
करवा-चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए सबसे खास होता है। इस दिन का सुहागिन पूरा वर्ष इंतजार करती है। ऐसी मान्यता है कि जो सुहागिन स्त्री करवाचौथ का निर्जला व्रत करती है और व्रत पूर्ण होने पर चौथ के चंद्रमा को अर्घ्य देती है उनके पति की आयु लंबी होती है। इस वर्ष करवाचौथ रविवार 20 अक्तूबर को मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति के मंगल की कामना से करवाचौथ का व्रत रखती है। मान्यता है कि इस दिन जो सुहागिन स्त्री व्रत करती हैं और सच्चे मन से माता पार्वती से अपने पति के मंगल की कामना करती है, उन्हें माता पार्वती से सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलता है। पांवटा साहिब के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं कमलकांत सेमवाल ने बताया कि हिन्दू धर्म के पर्वों मे से एक अहम् पर्व करवाचौथ का पर्व रविवार 20 अक्तूबर को मनाया जा रहा है। इस पर्व पर सांयकाल की करवा
माता की पूजा का समय 05:20 बजे से लेकर 07:10 बजे तक रहेगा। इसी तरह चंद्रमा दर्शन पाँवटा साहिब में रात 08 बजकर 20 मिनट पर होंगे। ज्योतिषी पं सेमवाल ने बताया कि करवाचौथ का व्रत 16 श्रृंगार के बिना अधूरा है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक सुहागिन को इस दिन 16 श्रृंगार यानि बिंदी, सिंदूर, काजल, मेहंदी, लाल जोड़ा, गजरा, मांग टीका, नथ, कान की बालियां, हार या मंगल सूत्र, आलता (लाल रंग जैसा), चूड़ियां, अंगूठी, कमरबंद, बिछिया और पायल का श्रृंगार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि चंद्रमा को सामान्यतः आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है। इसलिए करवाचौथ पर चंद्रमा की पूजा की जाती है। और महिलाएं वैवाहिक जीवन मे सुख शांति एवं पति की लंबी आयु की कामना करती है। वहीं, शनिवार को करवाचौथ की पूर्व संध्या पर खरीददारी के लिए बाजार में भारी भीड़ रही। महिलाएं साज श्रृंगार का सामान खरीदते और मेहंदी लगाते देखी गई। भारी रश से व्यापारी वर्ग भी खुश दिखा।