अब साइबर ठगों की इस बड़े वर्ग पर काली नजर ddnewsportal.com

अब साइबर ठगों की इस बड़े वर्ग पर काली नजर ddnewsportal.com

अब साइबर ठगों की इस बड़े वर्ग पर काली नजर

साइबर सेल शिमला ने फ्राॅड के नये ट्रेंड पर की एडवाइजरी जारी, डिफेंस फैमिली की महिला की काॅल पर हो जाएं चौकन्ने।

स्टेट सीआईडी साइबर सेल शिमला ने प्रॉपर्टी मालिकों को एडवाइजरी जारी की है। इस नई एडवाइजरी मे कथित डिफेंस फैमिली की महिला की कॉल पर चौकन्ने रहने की बात कही गई है। साइबर सेल शिमला के एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि तमाम मशहूर प्रॉपर्टी पोर्टल से रेंटेड प्रॉपर्टी के ऑनर का नंबर डिटेल जुटा करके फोन किया जाता है। शक न हो, इसके लिए महिला से कॉल कराई जाती है। आर्मी ऑफिसर फैमिली, गवर्नमेंट एंप्लाई बनकर प्रॉपर्टी खरीदने या किराए पर लेने की बात करते हैं। पुलिस ने बताया कि साइबर फ्रॉड का यह नया ट्रेंड हाल ही में संज्ञान में आया है। साइबर सेल का कहना है कि यदि आपने अपने अपार्टमेंट, फ्लैट या घर को किसी भी प्रॉपर्टी पोर्टल पर रेंट के लिए पोस्ट किया है, तो सचेत रहें। आपको किसी संभावित किराएदार की कॉल आ सकती है, जो असलियत में साइबर अपराधी होगा। एडवांस पेमेंट की आड़ में वह आपको लिंक या एक क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए भेजेगा, जिसके जरिए पेमेंट आपके पास आने के बजाय आपके अकाउंट से साइबर ठग के हाथ में पहुंच जाएगी। साइबर सेल का कहना है कि साइबर अपराधी हर बार ठगी के नये तरीके इजाद करते रहते हैं। अब फ्राॅड का नया ट्रेंड बना लिया है कि मकान मालिकों को किराएदार बनकर कॉल करें और एडवांस पेमेंट का झांसा देकर टारगेट कर चूना लगाएं। एएसपी राठौर ने बताया कि नये ट्रेंड के मुताबिक मशहूर प्रॉपर्टी पोर्टल से रेंटेड प्रॉपर्टी के ऑनर का नंबर डिटेल जुटा करके फोन किया जाता है। शक न हो, इसके लिए महिला से कॉल कराई जाती है। आर्मी ऑफिसर फैमिली, गवर्नमेंट एंप्लाई बनकर प्रॉपर्टी

खरीदने या किराए पर लेने की बात करते हैं। यह भी बताते हैं कि वर्तमान में उनकी पोस्टिंग बॉर्डर एरिया पर है। चूंकि अब शिमला में पोस्टिंग आ गई है, इसलिए रेंट पर बड़ा घर खोज रहे हैं। इसके बाद किराए की सिक्योरिटी मनी और एडवांस रेंट पेमेंट ट्रांसफर करने के लिए फोन पे, गूगल पर लिंक को भेजने के लिए कहते हैं, ताकि आप प्रॉपर्टी किसी और को ना दें या ना बेच दें। जब प्रॉपर्टी ऑनर आरोपी की भेजी गई यूपीआई रिक्वेस्ट को स्वीकार करते हैं या फिर भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन करके अपना यूपीआई पिन डालते हैं तो दिखाई देने वाली पेमेंट आपके खाते में आने की जगह आपके खाते से कट जाती है। इस तरह के अपराधों से संबंधित मामले साइबर सेल के संज्ञान में आ चुके हैं। दरअसल, मकान मालिकों ने ऑनलाइन पोर्टल पर अपने घरों, कमरों की डिटेल, लोकेशन और फोन नंबर के साथ पोस्ट की हुई है। रेंट पर प्रॉपर्टी के विज्ञापन प्रॉपर्टी पोर्टल, वेबसाइट, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर मकान मालिकों की तरफ से पोस्ट किए होते हैं। किराए के लिए खाली वन बीएचके, टू बीएचके, कमरों की जानकारी लेने के बाद फाइनल डील करते हैं। ग्यारह महीने के एग्रीमेंट के लिए तैयार हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए सतर्क और जागरूक रहना जरूरी है। 

आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स की यूनिफॉर्म का फोटो आईडी कार्ड वॉट्सऐप के माध्यम से दिखाए जाता है तो उस पर विश्वास ना करें।

ध्यान रखें कि यूपीआई पेमेंट रिसीव करते समय पिन की आवश्यकता नहीं होती।
किसी प्रकार की वेबसाइट के जरिए आने वाली कॉल, मेसेज, ईमेल पर बिना पुष्टि करे विश्वास न करें।
अपनी पर्सनल डिटेल, जैसे अकाउंट नंबर, एटीएम कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी को साझा न करें।

फ्रॉड होने पर तुरंत टोल फ्री नंबर 155260 पर या फिर साइबर पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर or email address [email protected]