Paonta Sahib: जब प्यार नही तो भुला क्यों नहीं देते...विधा एवं हिमोत्कर्ष की कवि गोष्ठी ddnewsportal.com

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Paonta Sahib: जब प्यार नही तो भुला क्यों नहीं देते...विधा एवं हिमोत्कर्ष की कवि गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचनाओं से बांधा समां 

पाँवटा साहिब में नगर परिषद सभागार में सांस्कृतिक संस्था विधा और हिमोत्कर्ष साहित्यिक एवं जन कल्याण परिषद ने शिक्षक दिवस के अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता हिमोत्कर्ष के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद तिवारी ने की।
इस मौके पर कवियों ने शिक्षक के महत्व को बताती हुई कविताओं के साथ-साथ अन्य विषयों पर भी काव्य पाठ किया। कवि सम्मेलन का संचालन शिक्षक जीवन प्रकाश जोशी और शिक्षिका रेनू गोस्वामी ने किया। 
कवि सम्मेलन के शुभारंभ करते हुए अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद तिवारी ने राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका एवं समाज दर्पण के रूप में कवियों की भूमिका पर विचार प्रकट किए।


उसके बाद कविता पाठ शुरु हुआ। सर्वप्रथम नवोदित कवयित्री काजल ने नारी अस्मिता पर मार्मिक शब्दों में कविता प्रस्तुत की। जबकि पारस चौहान ने अपनी पंजाबी कविता "गांव की मिट्टी बुलाती" तरन्नुम में प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। 
वहीं पंकज भटनागर ने व्यवस्था परिवर्तन के नारे पर पर तंज कसते हुए अपनी कविता प्रस्तुत की। सुमन बिश्नोई ने सरल बौद्ध धर्म कविता से सब का मन मोह लिया। 
जानी मानी स्थानीय गायिका और अध्यापिका रंजना शर्मा ने गज़ल "जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते" और "दमा दम मस्त कलंदर" गाकर खूब मनोरंजन किया।
वरिष्ठ पत्रकार सुरेश तोमर ने अपनी कविता से समाज का आईना प्रस्तुत किया। अध्यापिका सीमा बिस्वा ने जीवन की कहानी कविता पढ़कर यथार्थ के दर्शन करवाए। वहीं जाने माने अध्यापक और वक्ता जीवन प्रकाश जोशी ने मेरा प्रस्ताव कविता से सभी को भाव विभोर किया। 
संजय भारद्वाज ने तेरी नजर से संवर जाऊंगा गजल प्रस्तुत की। डॉ जयचंद शर्मा ने नई कविता एवं संवेदना पर आधारित कविता से सभी को आनंदित किया। 
अंत में प्रसिद्ध कवियित्रि सावित्री आजमी तिवारी ने गुरु की वंदना में  कविता "गुरुजी न होते तो उजास नहीं मिलती" प्रस्तुत कर गुरु वंदना की। उन्होंने देशभक्ति से ओत प्रोत एक कविता भी पढ़ी।