सरकारी योजनाओं की स्वीकृति के नाम पर अवैध वसूली नही होगी बर्दाश्त- चौहान- ddnewsportal.com

सरकारी योजनाओं की स्वीकृति के नाम पर अवैध वसूली नही होगी बर्दाश्त- चौहान- ddnewsportal.com

सरकारी योजनाओं की स्वीकृति के नाम पर अवैध वसूली नही होगी बर्दाश्त

महा प्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र सिरमौर ज्ञान सिंह चौहान की वेरिफिकेशन एजेंसियों को दो टूक, निदेशक उद्योग के संज्ञान मे भी लाया मामला, की जाएगी कार्रवाई। 

जिला उद्योग केन्द्र सिरमौर के महाप्रबंधक ज्ञान सिंह चौहान ने कहा कि विभाग की योजनाओं की स्वीकृति के नाम पर अवैध वसूली कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि PMEGP प्रोजेक्टों की स्पॉट वेरिफिकेशन के लिए भारत सरकार ने जो एजेंसी निर्धारित की है, उनके इंस्पेक्टर, स्कीम के लाभार्थियों से अवैध वसूली कर रहे हैं जो कि बहुत गलत है। इस बारें लाभार्थियों से कई शिकायतें मिली हैं, अतः यह मामला निदेशक उद्योग हिमाचल प्रदेश के संज्ञान में लाया गया है। जिस पर कार्यवाही करते हुए उन्होंने KVIC के शीर्ष कार्यालय को पत्र लिखकर इस तरह की अनैतिक गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने को कहा है। इस सन्दर्भ में स्कीम के लाभार्थिओं को सूचित किया जाता है कि इस स्कीम की वेरिफिकेशन निशुल्क है और यदि कोई उनसे इस प्रकार की वसूली करने का प्रयास करें तो तुरंत उसकी सूचना इस कार्यालय को दें। साथ ही जिन लाभार्थियों से वसूली की गई है, वे उसका पूरा ब्यौरा लिखित रूप में प्रस्तुत करें ताकि यह पूरा प्रकरण निदेशालय उद्योग, हि. प्र. शिमला को भेजा जा सके। यह भी देखने में आया है कि PMEGP या मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के कुछ मामलों में लोन सैंक्शन करवाने के नाम पर कुछ तत्वों द्वारा आवेदकों से 5000 रु. से लेकर 20,000 रु. तक की वसूली की जा रही है जो कि अत्यंत चिंताजनक है। बार बार जागरूक करने के बावजूद भी लोग ऐसे तत्वों के झांसे में आ रहे हैं जिसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार हैं। ऐसे तत्व लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए आधे अधूरे

या अलाभकारी प्रोजेक्टों को भरवा कर, उसकी  'सी. एम्. हेल्पलाइन' पर शिकायत करवा देते हैं ताकि दबाव में विभाग/ बैंक, उनका लोन  स्वीकृत कर दे। यद्यपि लोन सैंक्शन होने के अपने मापदंड हैं  लेकिन इस से विभाग का काम काज अनावश्यक रूप से बढ़ जाता है। ऐसे तत्वों का डाटा तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही  पुलिस के साथ सांझा किया जायेगा। आवेदकों को आगाह किया जाता है कि वे ऐसे तत्वों से दूर रहें तथा विभागीय स्कीमों से सम्बंधित किसी भी जानकारी या समस्या के समाधान के लिए विभाग के अधिकारियों से सीधे संपर्क करें।