एक शख्सियत ऐसी भी....... कोरोना और लंपी काल में दी अविस्मरणीय निशुल्क सेवाएं ddnewsportal.com

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एक शख्सियत ऐसी भी (पार्ट-01).......

कोरोना और लंपी काल में दी अविस्मरणीय निशुल्क सेवाएं, हजारों इंसान और गौवंश की बचाई जान

जनता के बीच खासे लोकप्रिय हैं डाॅक्टर रोहताश, पहली बार चुनाव लड़कर बने नगर पार्षद।

देश दिनेश मीडिया "एक शख्सियत ऐसी भी" सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के माध्यम से हम आपको ऐसी शख्सियतों से रू-ब-रू करवायेंगे जिन्होंने अपने निजी हितों को एक तरफ रखकर समाज के लिए अनुकरणीय कार्य कर समाजसेवा का एक उदाहरण पेश किया है। जिनके लिए अपने परिवार से बढ़कर समाज व मानवता हित सर्वोपरि है और समाज में जिन्होने लीक से हटकर काम किया है। ऐसे लोगों के नेक कार्य समाज के सामने आएं, यही हमारा लक्ष्य है। सीरीज के पहले पार्ट में हम आपको एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कोरोना और लंपी काल में मानव और गौवंश की निशुल्क सेवा कर हजारों को नवजीवन देने का बेहतरीन प्रयास किया।
हम बात कर रहे हैं पाँवटा साहिब में लाइफलाइन के नाम से होम्योपैथिक क्लीनिक चलाने वाले होम्योपैथिक चिकित्सक (एमडी) डाॅ रोहताश नांगिया की। हालाँकि अपने सामाजिक कार्यों से यह शख्स किसी परिचय के मोहताज नही हैं और लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। लेकिन फिर भी जिन लोगों को इनके बारे में पूरी जानकारी नहीं है उन्हे यह आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए।
डाॅक्टर रोहताश नांगिया का जन्म 20 सितंबर 1986 को शारदा नांगिया और डाॅ ललित कांत नांगिया के घर पांवटा साहिब में हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा डीएवी स्कूल में हुई। जमा दो यहां के गुरू नानक मिशन पब्लिक स्कूल से उतीर्ण की। उसके बाद वर्ष 2004 से 2011 तक लुधियाना से बीएचएमएस और एमडी की डिग्री हासिल की। इस दौरान वह एक महीने न्यूजीलैंड भी गये और वहां पर उन्हें विशेष बच्चों के उपचार के लिए सिक्ख काउंसिल एंड ऑकलैंड काऊंसिल ने विशेष रूप से सम्मानित किया। वर्ष 2011 में वह पांवटा साहिब आए और पिछले 11 वर्ष से यहां पर सेवाएं दे रहे हैं। 

बीते कोरोना काल की बात करें तो वर्ष 2020 में जब भारत में कोरोना ने दस्तक दी तो डर का माहौल इस कदर था कि उस समय सरकार के पास भी लाॅकडाउन के अलावा कोई चारा नही था। हर कोई भय के माहौल में बंद कमरे में जी रहा था। देश के वैज्ञानिक वैक्सीन की खोज में लग गये। इसी बीच डाॅक्टर रोहताश नांगिया ने भी अपने अनुभव के आधार पर होम्योपैथी की ऐसी दवा इजाद की जो कोरोना वायरस पर कारगर ही नही थी बल्कि यदि इसे पहले से लेते रहें तो कोरोना पॉजिटिव होने की संभावना जीरो थी। ये अलग बात है कि इनके इस शोध को क्लीनिकल ट्रायल नही मिला लेकिन जब दवा असरदार थी तो ही हजारों लोग इन तक पंहुचे और कोरोना से खुद को बचाया। यहां तक की सरकार के मंत्री और बड़े नेता तक इनसे दवा लेते देखे गये। सबसे बड़ी बात यह थी कि कोरोना के काल में जब हर और मास्क और सेनिटाइजर आदि के नाम पर लूट मची हुई थी, उस समय भी डाॅक्टर रोहताश ने हजारों लोगों को यह दवा निशुल्क दी। वो चाहते तो करोड़ों कमा सकते थे लेकिन मन मे मानवता की सेवा भावना सर्वोपरि रही। यही कारण है कि वह जनता में लोकप्रिय होते गये और जनता के दिल मे बस गये। 
उसके बाद करीब दो-तीन माह पूर्व गौवंश में लंपी चर्म रोग आया जिससे किसानों के पशुधन बेमौत मरने लगे। लेकिन मानव जीवन की सेवा करने वाले डाॅक्टर रोहताश के मन में बेजुबान गौवंश की सेवा का भी वही भाव था। यही कारण रहा कि इन्होंने लंपी चर्म रोग की दवा भी इजाद की। और जिस एलोपैथिक दवा से पशु महिनों में ठीक हो रहे थे, इनकी दवा से वह तीन से सात दिनों तक में ठीक होने लगे। पाँवटा साहिब के सैंकड़ो पशुपालकों ने तो इनसे निशुल्क दवा ली ही साथ ही पड़ोसी राज्य के किसान भी कोरोना की तरह लंपी की दवा लेने भी इनके पास पंहुचे। इनकी दवा कारगर है इसकी पुष्टि पशुपालन विभाग के स्थानीय चिकित्सकों ने भी की और अपनी रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया। आज वह जनता के इसी प्यार की बदौलत नगर परिषद पाँवटा साहिब के वार्ड नंबर-8 से पार्षद है। इनकी कार्यशैली यहां भी हटकर हैं। यह अपने सफाई कर्मचारियों का विशेष ख्याल रखते हैं। उनके परिवार को हर तरह की दवा निशुल्क देते हैं। अमूमन मंडी से ताजा फल लेकर सुबह ही सफाई कर्मचारियों के बीच पंहुच जाते हैं और उनकी अपने परिवार की तरह देखरेख करते हैं। रोज वार्ड का चक्कर लगाते हैं और लोगों की समस्याएं जानकर उनका हल करवाते हैं। वार्ड में गली व नाली निर्माण कार्य में ठेकेदार इमानदारी से और समय पर काम पूरा करता है तो उन्हे सम्मानित करते हैं। 
इनकी लोकप्रियता का अंदाजा उही समय लग गया था जब वह सेवा के लिए राजनिति के क्षेत्र में उतरे और वार्ड नंबर आठ से पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़कर पूर्व चेयरमैन के खिलाफ जीत दर्ज की।
हिमाचल प्रदेश में अभी चुनावी हलचल है, ऐसे में यदि कोई दल ऐसी लोकप्रिय शख्सियत पर दांव खेल दे तो निश्चित रूप से लाभ मिल सकता है।