शिक्षा मंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर ये क्या कह दिया... ddnewsportal.com

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फाइल फोटो: रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश।

शिक्षा मंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर ये क्या कह दिया...

विधानसभा में चर्चा के दौरान उठे कईं सवाल, विधायकों ने रखे अपने विचार

हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने अपने हि प्रदेश की शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाये है। मंत्री ने कहा कि प्रदेश में साक्षरता दर 83 फीसदी हो चुकी है। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आई है। 455 प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। सरकार शिक्षण संस्थानों को मजबूत कर रही है। सरकार जरूरत के आधार पर बंद किए स्कूलों को खोलेगी। 

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। हिमाचल में तबादला नीति लागू है। दलगत राजनीति से ऊपर उठने की जरूरत है। स्कूलों में सही मायने में निष्ठा और समर्पण से पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहन देंगे। विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि शिक्षकों के तबादलों में अफसरशाही, नौकरशाही और वकीलों का गठजोड़ है। तबादला नीति को राजनीति से अलग रखा जाए। सदस्यों ने शिक्षकों के लिए तबादला नीति बनाने, शिक्षकों की स्थायी तैनाती, निजी स्कूलों पर निगरानी को आयोग बनाने और बंद शिक्षण संस्थानों के खाली भवन महिला मंडलों और युवक मंडलों के देने का सुझाव दिया।

इससे पहले सदन में नियम 130 के तहत विधायक संजय रत्न मंगलवार को शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा और सुदृढ़ीकरण के बारे में चर्चा को सदन में प्रस्ताव लाया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने भवन बनाए बिना ही स्कूल खोल दिए। छात्रों को दी जाने वाली वर्दी पर भी सवाल उठाए। मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि शिक्षण संस्थानों पर ही हमारा भविष्य टिका है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य ने कहा कि जिन स्कूलों का 80 फीसदी काम पूरा हो गया है उनके निर्माण कार्य को प्राथमिकता देंगे।