शिलाई: ताकि जीता रहे अपना हिंदुस्तान... ddnewsportal.com

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शिलाई: शहीद प्रमोद नेगी के माता-पिता।

शिलाई: ताकि जीता रहे अपना हिंदुस्तान...

भारत की ऐसी मां के सपूतों की वजह से आम आदमी सोता है चैन से, दूसरा बेटा भी सरहद पर

ऐसा मां को शत शत नमन, जिनके सपूत ने देश सेवा करते हुए शहादत पाई है। उसकी उम्र ही क्या थी, अभी तो जवानी की दहलीज पर कदम रखा ही था। मां ने जाने क्या क्या सपने संजोएं थे कि बेटे का धूमधाम से विवाह करवायेंगे। हर मां बाप का ये सपना होता है कि अपने होते अपने बच्चे का घर बसा देख लें।

लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। बात शिलाई के शहीद प्रमोद नेगी की हो रही है। जिसने 26 वर्ष की उम्र में ही देश पर मर मिटने का वो जज्बा दिखा दिया जिसके लिए हर देशभक्त तरसता है। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों से मुठभेड़ में प्रमोद शहीद हुए है। परिवार पर तो जैसे दुःखों का पहाड़ ही टूट गया हो, लेकिन एक तरफ सांत्वना यह भी है कि उनका लाल देश के काम आया। 

एक मां का जज्बा तो देखो कि दोनो बेटों को देश की सरहद की सेवा में भेज दिया ताकि हिंदुस्तान का हर आम नागरिक अपने घर पर चैन से सो सके। ऐसी मां के वीर सपूतों के कारण ही तो हिंदुस्तान का परचम विश्व में फहरा रहा है। प्रमोद का छोटा भाई भी सेना में ही सेवाएं दे रहा है। 


गोर हो कि राजोरी में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव के प्रमोद नेगी दो साल से देश की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स में तैनात थे। शुक्रवार करीब 12:30 बजे के आसपास उनकी शहादत की खबर आई। इसकी जानकारी सेना के अधिकारियों ने परिजनों को दी। शहादत की खबर मिलते ही पूरा गिरिपार इलाका गम में डूब गया। शहीद प्रमोद अपने पीछे माता तारा देवी, पिता देवेंद्र नेगी, छोटा भाई नितेश नेगी और बड़ी बहन मनीषा को छोड़ गए हैं। शहीद के छोटे भाई भी भारतीय सेना में तैनात हैं। शहीद प्रमोद नेगी का पार्थिव देह शनिवार शाम तक उनके पैतृक गांव पंहुचने की संभावना है।