शिलाई- बिना प्लानिंग और सर्वे के बन रही मौत की सडकें- ddnewsportal.com
शिलाई- बिना प्लानिंग और सर्वे के बन रही मौत की सडकें
शिलाई विधानसभा क्षेत्र के समाजसेवी कुंदन सिंह शास्त्री ने बयाँ किया दर्द, आंकड़े देख तो आंखें खोले नेता।
सिरमौर जिला में पिछले 10 सालों में 390 लोगों की जान सड़क एक्सीडेंट में गई है। राजनेता, पंचायत प्रतिनिधि और सम्बन्धित सरकारी कर्मचारी भी हृदय को झकझोरने वाले इस आंकड़े को जरा ठीक से देखें और बिचार करें कि ये सड़क एक्सीडेंट में हुई नौजवानों की मौतें थोड़ा दुख प्रकट कर और दुर्भाग्य समझ कर टाली नहीं जा सकती। यह बात शिलाई विधानसभा क्षेत्र के समाजसेवी कुंदन सिंह शास्त्री ने कही। उन्होंने कहा कि लिंक रोड़ों के लिए बिना प्लानिंग और बिना सर्वे के थोड़ा बहुत बजट देकर वाह वाही लूटने से भोली भाली जनता को ऐसे दुखद परिणाम बार-बार भुगतने पड़ रहे हैं। क्षमा
करें दुख भी है और आक्रोश भी है कि हमारे जनप्रतिनिधियों का अपने क्षेत्र में लिंक रोड़ों के निर्माण और कनेक्टिविटी के लिए अपना कोई विजन ही नहीं है। वह केवल शिलाई क्षेत्र में ऐसे 20 लिंक रोड़ को जानता हूं जो बिना प्लानिंग और बिना सर्वे के ही बनाए गए हैं और उन पर भारी वाहनों के चलते कभी भी दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अभी टमाटर फसल का सीजन शुरू हो रहा है भगवान ना करे कि ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति हो। जागो जनता, जागो राजनेता।
साथ ही उन्होंने लिखा है कि, "बहुत दुखी मन से ऐसी दुर्घटनाओं को परिवार और इलाके के लोगों को बार-बार सहन करना पड़ रहा है।विकास के बड़े बड़े दावे करने वाले कान खोल कर सुनें लिंक रोड़ों के खस्ता हालत के कारण पूरे हिमाचल में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हमारे गिरिपार क्षेत्र में हो रही है जिसमें पिछले 30-40 वर्षों में सैंकड़ों नौजवानों को हम खो चुके हैं। इस आधे अधूरे जानलेवा विकास का ठीकरा किसके सिर पर फोड़ा जाए। नशा करके गाड़ी चलाना और ओवर लोडिंग इन खस्ता हालत लिंक रोड़ों में दुर्घटनाओं की सम्भावना और भी अधिक बढ़ा देती है। जब तक लिंक रोड़ों का सही रूप में ग्रेड और चौड़ाई के साथ सुधार नहीं होगा तब तक ऐसी दुर्घटनाएं भविष्य में भी देखने को मिलती रहेगी। सड़कों का सुधार ही इसका एक मात्र समाधान है। दुखी मन से परमात्मा से यही प्रार्थना है कि मृतकों को शान्ति मिले और परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्राप्त हो।"