कौन जिम्मैवार है क्षेत्र के ग्यारह चिराग बुझाने के- ddnewsportal.com

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कौन जिम्मैवार है क्षेत्र के ग्यारह चिराग बुझाने के

तकनीकी खामी या व्यवस्था का दोष, मौत की सड़क के तौर पर जानी जाने लगी है टिंबी-मिल्लाह-बकरास सड़क, दो किलोमीटर के दायरे मे सौ से अधिक गवां चुके हैं जान।

इसे किस्मत का दोष कहें या चालक की खता या कहें व्यवस्था की खामी। हर बार खामियाजा तो क्षेत्र के लोगों को ही अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है। हर बार दुर्घटना के बाद दोष या तो चालक के सिर मढ़ दिया जाता है या तकनीकी खामी बता दी जाती है। लेकिन ये कोई नही देखता कि यदि खूनी सडकें न होती तो हादसे भी न होते। लिंक रोड़ बनाते समय राजनैतिक इच्छापूर्ति से अधिक बेहतर सर्वे पर ध्यान देकर सडकें बनाई जाती तो ऐसे हादसे न होते। आज शिलाई विधानसभा क्षेत्र के टिंबी-बकरास रोड़ पर हुआ दर्दनाक हादसा भी चीख चीख कर कह रहा है कि यदि सडकें जानलेवा न होती, तीखे मोड़ खूनी न होते तो ऐसे हृदयविदारक समाचार सुनने को न मिलते। पहले भी इस सड़क के मात्र दो किलोमीटर के दायरे पर कईं हादसों

मे सैंकड़ों जाने जा चुकी है। फिर भी विभाग सडकों की दशा और सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नही उठा रहा। बताया जा रहा है कि जहां हादसा हुआ वहां तीखा मोड़ है। जिससे वाहन क़ंट्रोल नही हुआ और सीधा खाई मे जा गिरा। इस सड़क को चौड़ा करने की लगातार मांग उठती रही है। ब्लैक स्पाॅट पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की आवाज बुलंद हुई। कुछ स्थानों पर काम भी हुआ लेकिन कुछ अभी भी वैसे ही है। 


क्षेत्र के बुद्धिजीवि कुंदन सिंह शास्त्री बतातें हैं कि "बहुत दुखी मन से ऐसी दुर्घटनाओं को परिवार और इलाके के लोगों को बार-बार सहन करना पड़ रहा है। विकास के बड़े बड़े दावे करने वाले कान खोल कर सुनें लिंक रोड़ों के खस्ता हालत के कारण पूरे हिमाचल में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हमारे गिरिपार क्षेत्र में हो रही है जिसमें पिछले 30-40 वर्षों में सेंकड़ों नौजवानों को हम खो चुके हैं। इस आधे अधूरे जानलेवा विकास का ठीकरा किसके सिर पर फोड़ा जाए। नशा करके गाड़ी चलाना और ओवर लोडिंग इन खस्ता हालत लिंक रोड़ों में दुर्घटनाओं की सम्भावना और भी अधिक बढ़ा देती है। जब तक लिंक रोड़ों का सही रूप में ग्रेड और चौड़ाई के साथ सुधार नहीं होगा तब तक ऐसी दुर्घटनाएं भविष्य में भी देखने को मिलती रहेगी। सड़कों का सुधार ही इसका एक मात्र समाधान है। दुखी मन से परमात्मा से यही प्रार्थना है कि मृतकों को शान्ति मिले और परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्राप्त हो।"
उधर डीएसपी पांवटा साहिब बीर बहादुर सिंह ने बताया कि हालांकि दुर्घटना के कारणों का पता करने के लिए टेक्निकल टीम मौके पर पंहुचेगी। लेकिन प्राथमिक दृष्टया मे लगता है कि तीखा मोड़ पर गाड़ी की ब्रेक नही लगी जिससे गाड़ी सीधा खाई मे गिर गई। जांच जारी है।