Himachal Political News: हिमालय की गोद से होगी दिल्ली की सत्ता के रास्ते की तलाश- ddnewsportal.com
Himachal Political News: हिमालय की गोद से होगी दिल्ली की सत्ता के रास्ते की तलाश
20 वर्ष बाद इतिहास दोहराने के मंसूबे से शिमला में प्रस्तावित है कांग्रेस सहित विपक्षी दलों का महामंथन
कांग्रेस और उसके सहयोगी विपक्षी दल 20 वर्ष बाद इतिहास दोहराने के मंसूबे से हिमालय की गोद में बैठकर महामंथन से दिल्ली की सत्ता का रास्ता तलाशेंगे। वह वर्ष 2003 था जब हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय चिंतन बैठक हुई थी। उक्त बैठक में बनाई रणनीति के बाद यूपीए गठबंधन की सरकार अगले 10 वर्ष यानि वर्ष 2004 से 2014 तक केंद्र में सत्ता में रही। अब फिर 20 वर्ष बाद जब शिमला में कांग्रेस और विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होगी तो इतिहास दोहराने की उम्मीद बलवान होगी। साल 2003 में शिमला के होटल पीटरहॉफ में कांग्रेस की राष्ट्रीय चिंतन बैठक हुई थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए दोबारा से शिमला को महाबैठक के लिए चुना गया है। हालांकि तिथी अभी फाइनल नहीं है लेकिन 10 या 12 जुलाई को विपक्षी दलों की यह बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में विपक्षी दल संयुक्त तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर रणनीति बना सकते हैं।
राजनैतिक जानकारों की मानें तो कांग्रेस पार्टी के पास विपक्षी दलों के गठबंधन में अपना कद तय करने का भी बड़ा मौका है। यह कद इसी वर्ष पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन पर भी काफी हद तक निर्भर करेगा। साथ ही हिमाचल से पूरे देश को यह संदेश देने का भी प्रयास किया जाएगा कि जिस तरह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा को बाहर किया है, उसी तरह केंद्र की सत्ता से भी भाजपा को बाहर किया जाएगा।
हालांकि यह इतना आसान नही है क्योंकि वर्ष 2003 के मुकाबले भाजपा पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है। साथ ही देश की राजनीति में अब परिस्थितियां बहुत भिन्न हैं। जानकार बताते हें कि भाजपा जनता की नब्ज टटोलने की माहिर मानी जाती है और चुनाव से ठीक पहले वह जनता के बीच ऐसे मुद्दों के साथ उतरती है जिसके आगे मंहगाई और बेरोजगारी जैसे बड़े मुद्दे भी हवा हवाई हो जाते हैं। भावनात्मक मुद्दा इनमे एक होता है।