Sirmour News: युवा पीढ़ी की बरबादी का कारण न बन जाए भांग की खेती की मंजूरी, हाटी किसान संघ अध्यक्ष कुंदन सिंह शास्त्री ने जताई चिंता ddnewsportal.com

Sirmour News: युवा पीढ़ी की बरबादी का कारण न बन जाए भांग की खेती की मंजूरी, हाटी किसान संघ अध्यक्ष कुंदन सिंह शास्त्री ने जताई चिंता  ddnewsportal.com

Sirmour News: युवा पीढ़ी की बरबादी का कारण न बन जाए भांग की खेती की मंजूरी, हाटी किसान संघ अध्यक्ष कुंदन सिंह शास्त्री ने जताई चिंता

हिमाचल सरकार द्वारा प्रदेश में भांग की खेती के लिए शोध को मंजूरी देना युवा पीढ़ी की बरबादी के लिए एक आसान मार्ग खोलने जैसा निर्णय है। यह चिंता हाटी किसान संघ के अध्यक्ष कुंदन सिंह शास्त्री जताई है। उनका कहना है कि जो लोग समझते हैं कि किसी नियम कानून के तहत भांग की खेती पर नियंत्रण रखा जाएगा वे इसके दुरुपयोग, अवैध कारोबार और सम्भावित खतरे से बिल्कुल अनजान हैं। जरा सोचिए कि बिना सरकारी मंजूरी के भी हिमाचल में भांग के पौधों से बनाए जाने वाले सुल्फे का कितना बड़ा अवैध कारोबार खड़ा हो चुका है। कोई भी गांव ऐसा नहीं बचा है जहां के युवा चोरी छिपे सुल्फे का सेवन नहीं करते। यहां तक कि अब तो अनेक गांव के देवालय भी इस नशे का प्रयोग करने वाले युवकों के लिए भोले का प्रशाद के नाम पर शरणस्थली बनते जा रहे हैं जो बहुत चिंताजनक है।


सोचिए सुल्फे का अवैध व्यापार करने वाले कितने तो पकड़े जा रहे हैं लेकिन जो नहीं पकड़े जाते उनकी संख्या कितनी होगी? 
जो लोग अपने खेतों में भांग की खेती करेंगे उनकी भावना अधिक लाभ लेने में होगी और भांग की खेती में बीज से अधिक लाभ भांग से सुल्फा तैयार करने और बेचने से मिलेगा फिर चाहे वह अवैध रूप से ही क्यों ना हो। और जब ये खतरनाक रूप लेकर सुल्फे का अवैध व्यापार का तन्त्र खड़ा हो जाएगा तो इसे रोकना कतई आसान नहीं होगा। गांव गांव में युवा देखा देखी में इस्तेमाल

करते हुए इस नशे के आदी बनेंगे और हिमाचल की युवा पीढ़ी बरबादी की ओर जाएगी, गांव में अपराध बढ़ेंगे, अनेक परिवारों का सुख चैन छीनेगा और हमारा सुन्दर शान्त हिमाचल भी अशान्त बनेगा।
इसलिए समय पर समझदार और दूरदर्शी लोगों को आवाज उठानी चाहिए और प्रदेश सरकार को भी भांग की खेती को दी गई कानूनी मान्यता के निर्णय को जनहित में वापस लेना चाहिए।