10 गारंटियों पर CM का बयान... ddnewsportal.com

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फोटो: अंतरराष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ करते मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू।

10 गारंटियों पर CM का बयान...

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव शुरू
देव समाज को एक करोड़ 
6 हजार बच्चों का सहारा
पड्डल की जगह ऐतिहासिक सेरी मंच
गवर्नर को सीएम की बधाई 
बाली के घर पंहुचे सीएम सुक्खू 

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग हिमाचल प्रदेश बुलेटिन (हिमाचल समाचार) 19 फरवरी 2023


विस्तार-

1- मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का किया विधिवत शुभारंभ।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान से विश्व विख्यात अन्तरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने मुख्य देवता राज माधोराय के मंदिर में शीश नवाया तथा मंदिर से शुरू हुई पारंपरिक शोभा यात्रा जलेब में भाग लिया। पारंपरिक परिधानों से सजे हजारों श्रद्धालुओं ने देवी-देवताओं की पालकियों को पड्डल मैदान तक पहुंचाया। यह शोभा यात्रा पड्डल मैदान में संपन्न हुई। पारंपरिक शोभा यात्रा ‘शाही जलेब’ में जिले के लगभग सभी हिस्सों से आए 200 से अधिक देवी-देवताओं ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने पगड़ी समारोह में भी भाग लिया और श्री राज माधोराय मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोगों को महाशिवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि मंडी शिवरात्रि देव समाज का पर्व है और प्रदेश के इतिहास में पहली बार प्रदेश सरकार एक करोड़ रुपये से अधिक व्यय कर देव समाज को लाभान्वित कर रही है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी ने समृद्ध संस्कृति, भाईचारे और प्रेम को दर्शाने वाली उच्च परंपराओं का संवर्धन किया है। मेले और त्यौहार हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपरा को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि मंडी शिवरात्रि की अपनी एक अनूठी पहचान है और देश भर में अपनी विविध परंपरा के लिए जानी जाती है। आधुनिकता के इस दौर में भी मंडी महोत्सव के दौरान पारंपरिक परंपराओं का निर्वहन सुनिश्चित किया जाता है। सात दिवसीय उत्सव के दौरान देव समागम मंडी शहर को एक भव्य स्वरूप प्रदान करता है। यह हम सबका सामूहिक दायित्व है कि हम देवभूमि की समृद्ध परंपराओं और संस्कृति का संरक्षण करें ताकि आने वाली पीढ़ियां इस पर गर्व कर सकें। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य की कमज़ोर आर्थिक स्थिति के बावजूद प्रदेश के विकास कार्यों में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी जायेगी। प्रदेश सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, भ्रष्टाचार को दूर करने और युवाओं को नशे से बचाने के लिए विशेष प्रयास शुरू किये हैं। प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाया गया है और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया की अवधि कम कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार का आगामी बजट शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य की चुनौतियों के समाधान पर केंद्रित रहेगा। सीएम ने कहा कि मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल कर दी गई जबकि दूसरी बैठक में मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अन्तर्गत अनाथ बच्चों को कई सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगा। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों की उच्च शिक्षा पर व्यय, प्रति माह 4000 रुपये जेब खर्च और साल में एक बार उच्च सुविधायुक्त ठहरने और यात्रा के साथ एक भ्रमण पैकेज राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। योजना के तहत 60-60 करोड़ रुपये की लागत से मंडी जिले के सुंदरनगर और कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी में एकीकृत आवास स्थापित किये जायेंगे, जिनमें मुख्यमंत्री कार्यालय की तर्ज पर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष में तीन करोड़ रुपये की धन राशि जमा की जा चुकी है, जिसके लिए उन्होंने स्वयं अपना एक माह का वेतन और कांग्रेस के सभी विधायकों ने एक-एक लाख रुपये का योगदान दिया है। कहा कि मंडी के पहले प्रवास के दौरान उन्हें लोगों का अपार स्नेह प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने पड्डल मैदान में विभिन्न विभागों, बोर्डों एवं निगमों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और इसमें विशेष रुचि दिखाई। उन्होंने शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर मेला समिति द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन भी किया। इस अवसर पर पीडब्ल्यूडी कॉन्ट्रेक्टर्स वेल्फेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष के लिए मुख्यमंत्री को 12.31 लाख रुपये का चैक भी भेंट किया।  इस अवसर पर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष और सांसद प्रतिभा सिंह ने शिवरात्रि के शुभ अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि यह क्षेत्र के लिए अविस्मरणीय क्षण है जब मंडी के लोगों को देवताओं का

आशीर्वाद प्राप्त करने का मौका मिला है। इस अवसर पर उपायुक्त मण्डी एवं अन्तरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष अरिंदम चौधरी ने मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मंडी का शिवरात्रि महोत्सव हिमाचल प्रदेश की अनूठी संस्कृति के दर्शन करवाता है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 25 फरवरी, 2023 तक मनाया जाएगा और इस मेले में भाग लेने के लिए दो सौ से अधिक देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया है। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक अनिल शर्मा, चंद्रशेखर, भुवनेश्वर गौड़, सुरेश कुमार, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर व प्रकाश चौधरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सोहन लाल ठाकुर, सुरेंद्र पाल ठाकुर, डॉ. जय कुमार आजाद, चंपा ठाकुर, पवन ठाकुर, संजीव गुलेरिया, जीवन ठाकुर, नरेश चौहान, विजय पाल, चेत राम ठाकुर, कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद रहे। 

2- प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सर्व देवता सेवा समिति द्वारा संस्कृति सदन मंडी में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर शिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि और वीरभूमि है। राज्य की देव संस्कृति की अपनी अलग पहचान है और लोगों की देवी-देवताओं में अटूट आस्था है। उन्होंने मंडी शिवरात्रि में आने वाले देव समाज को एक करोड़ रुपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने समिति की मांग को मानते हुए अलॉटेबल पूल से मंदिरों के इर्द-गिर्द आधा बीघा भूमि प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि संस्कृति सदन के रखरखाव के लिए भी पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि यहां देव समाज से जुड़े अन्य कार्यक्रम बेहतर ढंग से आयोजित किए जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कांग्रेस पार्टी द्वारा घोषणा पत्र में दी गई सभी 10 गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी। प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने राजनीतिक उद्देश्य से 900 से अधिक सरकारी कार्यालय खोल दिए और अनावश्यक खर्च से राज्य पर आर्थिक बोझ डाला। पूर्व भाजपा सरकार ने बिना बजट के घोषणाएं की, लेकिन इसके बावजूद भाजपा को लोगों से सत्ता से बाहर कर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन इसमें अभी कुछ समय लगेगा और इसमें सभी से सहयोग की आवश्यकता है।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष और मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि मेला प्राचीन है। हिमाचल प्रदेश के लोगों की देव संस्कृति के प्रति गहरी आस्था है। प्रतिभा सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने ही देव समाज की सुविधा के लिए मंडी और कुल्लू में देव सदनों का निर्माण किया। मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि मंडी शिवरात्रि पर्व में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। उन्होंने मंडी जेल को शहर से बाहर स्थानांतरित करने के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान करने पर आभार व्यक्त किया। धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि वर्तमान सरकार समाज के हर वर्ग का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रसासरत है। उन्होंने कहा कि देवी-देवताओं के आशीर्वाद से प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रही

है। पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने मंडी आने पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का स्वागत करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि मेला प्रदेश की पुरातन संस्कृति का हिस्सा है। इससे पूर्व, सर्व देवता सेवा समिति के अध्यक्ष शिव पाल शर्मा ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने प्रशासन में पारदर्शिता से संबंधित प्रदेश सरकार के विभिन्न प्रयासों की सराहना की। संस्कृति सदन में आयोजित कार्यक्रम में मंत्रमुग्ध कर देने वाली देव ध्वनि की प्रस्तुति भी दी गई। इस अवसर पर कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक चंद्रशेखर, अनिल शर्मा, भुवनेश्वर गौड़ और सुरेश कुमार, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी, कांग्रेस पार्टी के नेता सोहन लाल ठाकुर, चंपा ठाकुर, पवन ठाकुर, चेत राम ठाकुर, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री और गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

3- मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना यानि 6 हजार अनाथ बच्चों का सहारा: मुख्यमंत्री

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लगभग 6000 अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जाएगा। यह बात उन्होंने शनिवार देर सायं मंडी परिधि गृह में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इन बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ स्टेट’ के रूप में अपनाने का निर्णय लिया है। योजना के अन्तर्गत उनकी उच्च शिक्षा, जेब खर्च, स्वरोजगार तथा घर निर्माण के लिए तीन बिस्वा भूमि सहित तीन लाख रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपने लगभग दो माह के कार्यकाल में व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र लाभार्थी तक पहुंचाना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में प्रदेश सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से परिलक्षित होगा। वर्तमान सरकार योजनाओं की घोषणा करने से पहले आवश्यक बजट का प्रावधान कर रही है। सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया है और सभी 10 गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने शिवधाम और मंडी हवाई अड्डे के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं किया था। लेकिन वर्तमान सरकार पूर्व सरकार की सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी पूरा करेगी।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिला मण्डी के साथ-साथ प्रदेश भर के लोगों से उन्हें भरपूर स्नेह और सम्मान मिल रहा है और इसके लिए वह सभी के आभारी हैं।
सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी इस अवसर पर सम्बोधित किया और मुख्यमंत्री का स्वागत किया। विभिन्न संगठनों और स्थानीय लोगों ने भी मुख्यमंत्री को सम्मानित किया। इससे पूर्व सुंदरनगर से मंडी तक विभिन्न स्थानों पर लोगों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, विधायक चंद्रशेखर, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता चंपा ठाकुर, चेत राम ठाकुर, पवन ठाकुर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे। 

4- व्यवस्था परिवर्तन के सकारात्मक प्रभाव का साक्षी बना अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के गतिशील नेतृत्व में जिला प्रशासन मंडी ने इस बार शिवरात्रि महोत्सव में राज्य सरकार की तर्ज पर पुरानी व्यवस्था में नई जान भरने की नवीन पहल की है। प्रदेश सरकार ने मंडी शिवरात्रि मेले की प्राचीन प्रथा तथा संस्कृति को संरक्षित करने के लिए पड्डल मैदान की जगह ऐतिहासिक सेरी मंच में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मंडी की जनता की भावनाओं को समझते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल को सेरी मंच के लिए स्थानांतरित किया है। देव समाज को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से उनके रहने की व्यवस्था संस्कृति सदन कंगनीधार में

की गई है। वृद्धाश्रमों और अनाथालयों में रहने वाले आवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मंडी जिला के वृद्धाश्रमों और अनाथालयों में रहने वाले 53 आवासियों को अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी की सांस्कृतिक संध्याओं में भाग लेने का अवसर भी प्रदान किया गया है। इस निर्णय से इन आवासियों को अपनी कला को प्रदर्शित करने के लिए उपयुक्त मंच मिलेगा। जिला प्रशासन द्वारा अनाथ बच्चों को शिवरात्रि उत्सव में भाग लेने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की जनता से व्यवस्था में सुधार का वायदा किया है। उन्होंने कई अवसरों पर यह कहा कि वह सत्ता सुख के लिए नहीं बल्कि प्रदेश के विकास के लिए व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं। 

5- शिव प्रताप शुक्ल ने ली राज्यपाल पद की शपथ, सीएम ने दी बधाई।

शिव प्रताप शुक्ल ने यहां राजभवन में आयोजित गरिमापूर्ण समारोह में हिमाचल प्रदेश के 29वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शिव प्रताप शुक्ल ने संस्कृत में शपथ ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी उपस्थित थीं। इस अवसर पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने नियुक्ति पत्र पढ़कर सुनाया। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा ने प्रभार प्रमाण पत्र पर राज्यपाल के हस्ताक्षर प्राप्त किये। इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, मुख्य संसदीय सचिव, सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, सह-प्रभारी प्रदेश कांग्रेस तजिंदर सिंह बिट्टू, सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, विधायकगण, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पी.एस. राणा, राज्य सूचना आयुक्त आर. डी. धीमान, हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रामेश्वर सिंह ठाकुर, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, जीओसी-इन-सी (आरट्रेक) लेफ्टिनेंट जनरल एस.एस. महल, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष और सदस्य, विश्वविद्यालयों के कुलपति, पुलिस और सिविल सेवा के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। 

इसके उपरांत, मीडिया के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि राज्यपाल संविधान का एक उच्च पद है और वह राज्य सरकार के साथ समन्वय से कार्य करेंगे। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के लिए भारत के राष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वह संविधान के अनुरूप कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि वह पूर्व राज्यपालों द्वारा आरंभ किए गए कार्यों को पूरा करेंगे और मुख्यमंत्री से उन कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने में सहयोग करने का आग्रह भी करेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है और अब वह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए योगदान देंगे।
उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में अधिकांश समय सड़क मार्ग से ही यात्रा करेंगे ताकि वह लोगों की समस्याओं को जान सकें और हिमाचल को और करीब से समझ सकें। उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है और उन्होंने देवभूमि में ‘देवभाषा’ में शपथ लेकर इस परंपरा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में कौशल विकास के लिए भी कार्य करेंगे ताकि युवा पीढ़ी को लाभ मिल सके। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बुराई तेजी से हमारी युवा पीढ़ी, देश के भविष्य को अपने शिकंजे में ले रही है। उन्होंने कहा कि सबसे दुखद स्थिति यह है कि आज दूर-दराज के क्षेत्रों में भी नशा अपने पांव पसार रहा है, जिसे रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कानून और पुलिस प्रशासन अपने स्तर पर काम करता है लेकिन इसके लिए समाज को जागरूक करने की भी आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि शिक्षण संस्थानों और सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से नशामुक्ति के अभियान को और व्यापक बनाकर प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। हिमाचल देवभूमि है और यहां नशे के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस नशा निवारण जागरूकता के लिए मीडिया से भी सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने प्रदेश की जनता के आतिथ्य की सराहना भी की। राज्यपाल ने शपथ लेने से पहले अपने परिवार के सदस्यों के साथ यज्ञ भी किया।

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल का जीवन-परिचय

शिव प्रताप शुक्ल का जन्म गोरखपुर जनपद के ग्राम रूद्रपुर पोस्ट-खजनी में 1 अप्रैल 1952 को हुआ। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा ग्राम-रूद्रपुर खजनी एवं कक्षा 9 से विधि स्नातक की शिक्षा गोरखपुर में प्राप्त की। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री के रूप में भी कार्य किया। वह 1983 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुये। वर्ष 1989 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में गोरखपुर नगर विधानसभा क्षेत्र से प्रथम बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुये। इसके उपरान्त, वर्ष 1991 में पुनः निर्वाचित हुये एवं उत्तर प्रदेश में भाजपा की पहली सरकार के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सरकार में प्रारंभिक शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा एवं भाषा विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का कार्यभार संभाला। उन्होंने बागवानी विभाग, खेलकूद, युवा कल्याण एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के दायित्व का निवर्हन भी किया। वह वर्ष 1993 में पुनः विधानसभा के लिये निर्वाचित हुये। वर्ष 1996 में चौथी बार विधानसभा के लिये निर्वाचित होने के पश्चात् कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्त और राजनाथ सिंह की सरकार में कारागार विधि एवं न्याय एवं ग्रामीण विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निवर्हन किया। इसके उपरान्त, 10 जून, 2016 को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुये। उन्होंने 3 सितम्बर, 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में वित्त राज्यमंत्री, भारत सरकार का दायित्व संभाला। उन्होंने 4 जुलाई, 2022 तक राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन सुनिश्चित किया।

मुख्यमंत्री- उप मुख्यमंत्री ने दी बधाई-

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप-मुख्यमंत्री मुकेश

अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने पर शिव प्रताप शुक्ल को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि राज्य के राज्यपाल के रूप में श्री शुक्ल का कार्यकाल उपलब्धियों से परिपूर्ण होगा और राज्य को उनके व्यापक अनुभवों का भरपूर लाभ मिलेगा।

6- मुख्यमंत्री ने किरण बाली के निधन पर व्यक्त किया शोक।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू आज कांगड़ा में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आर.एस. बाली के घर गये और उनकी माता किरण बाली के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने आर.एस. बाली और शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि बाली परिवार ने

हमेशा लोगों के कल्याण और क्षेत्र के विकास के लिए कार्य किया है। उन्होंने परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री के साथ शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया, धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर, पूर्व सांसद विप्लव ठाकुर, पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिपहिया, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल और पुलिस अधीक्षक खुशाल शर्मा उपस्थित रहे। 

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग हिमाचल प्रदेश बुलेटिन (हिमाचल समाचार) 19 फरवरी 2023