कोरोना काल मे साइबर ठग अपना रहे लूट का नया तरीका- ddnewsportal.com
कोरोना काल मे साइबर ठग अपना रहे लूट का नया तरीका
साईबर सेल ने जारी की एडवाइजरी, रहें सावधान- राठौर
साईबर सेल ने आम जनता के लिए एडवाइजरी जारी कर आगाह किया है कि कोरोना काल मे साइबर क्रिमिनल ने ठगी का नया तरीका इजाद किया है जिसकी लोगों को जानकारी होनी चाहिए। ताकि वह ठगी से बचने सके। साईबर सेल शिमला के एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने प्रेस बयान जारी कर बताया है कि वर्तमान समय में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच लोगों को जो मुश्किल आ रही है उसका फायदा साइबर अपराधी उठाने का प्रयास कर रहे है। उसके बाद भी कोरोना महामारी के बीच अस्पतालों में बेड, ऑक्सिजन सिलिंडर और रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर लोगों से ठगी का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को ठग सोशल साइट्स के जरिये अपना शिकार बना रहे है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच लोगों को अस्पतालों में बेड, रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सिजन सिलिंडर की किल्लत से जुझना पड़ रहा है। जिसके लिए लोग सोशल साइट्स और एप्स पर मदद मांग रहे है। जिसका फायदा ठगों ने उठाना शुरू कर दिया है। प्राय यह देखने में आया है कि ठग गूगल पर अस्पतालों का फर्जी नंबर डालते और फिर कर्मचारी बनकर
ठगी का खेल खेलते है और लोगों से एडवांस पेमेंट वसूल लेते है। इसके अलावा फर्जी बेवसाइट, ई—कॉमर्स प्लेटफार्म, सोशल मीडिया अकाउंट और ईमेल बनाते है, जिससे ये मेडिकल उत्पादों को बचने का दावा करते है। ठगों की तरफ से बैंक और यूपीआई के माध्यम से भुगतान कराया जाता है। स्वास्थ्य अधिकारी बनकर भी ठगी का शिकार बनाया जा सकता है। इसके इलावा (1)कविड कर्फ्यू के दौरान इ- पास प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा एप्प या वेबसाइट पर ही आवेदन करें(2) किसी भी यातायात साधन की आवश्यकता पड़ने पर गूगल पर दिए गये नम्बरों पर विश्वास न करे, केवलमात्र आप सरकार द्वारा बताये गये सहायता नम्बरों पर ही सम्पर्क करके सुविधाओं का लाभ उठाये।(3) कोरोना वायरस महामारी के वर्तमान के परिपेक्ष में आपदा प्रबंधन अधिनियम पुरे देश में लागू है जिसके तहत इसे व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है जो सरकार के आदेशो के सन्दर्भ में लोगो के बीच भ्रांतियाँ फैलाने का प्रयास करते है एवं कोविड-19 कर्फ्यू या लॉकडाउन के सन्दर्भ में भ्रांतियाँ एवं दुष्प्रचार करके लोगों की जान को खतरा उत्पन्न करते है। अत: लोगो से अनुरोध है कि सरकार के दिए गये निर्देशों का पालन करें और सरकार द्वारा दिए गये हेल्पलाइन नम्बरों पर ही सम्पर्क करें।
उन्होंने जनता से अनुरोध किया है कि इन ठगों से बचा जा सकता है यदि आप संदिग्ध ई—मेल, सोशल मेसेजिंग ऐप्स, गूगल आदि पर किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें। सोशल साइट्स से अस्पताल, मेडिकल व अन्य जरुरी सुविधा का नंबर लेते समय विशेष सावधानी बरतें। असत्यापित वेबसाइट से मिले कस्टमर केयर व पर्सनल नंबर से ठगी का शिकार हो सकते है। किसी की सत्यता की जांच के बिना एडवांस पेमेंट करने से बचें। इसके अलावा पैसे दान करने से पहले चैरिटी फंड की साख के बारे में जांच जरुर करें। आज के दौर में सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्तियों से चैटिंग और अपरिचित नंबर के कॉल रिसीव नहीं करें। साइबर अपराधी किसी एप और दूसरे मोबाइल की मदद से वीडियो रिकॉर्ड करते हैं। व्हाट्सएप पर अगर, अपरिचित नंबर से चैटिंग के लिए मैसेज आता है तो उसका जवाब नहीं देना चाहिए।
- आपके पास वीडियो कॉल आए तो अपना कैमरा ऑन न करें।
- व्हाट्सएप प्राइवेसी में अपना अकाउंट सिर्फ कान्टेक्ट करके रखें।
- फेसबुक पर आने वाले लाइव चैट के विज्ञापन से बचकर रहें।
- वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जाए तो पुलिस की सहायता लें।