सिरमौर का जायजा....... 16 नवम्बर 2021- पांवटा साहिब से आज का खबरनामा ddnewsportal.com

सिरमौर का जायजा.......  16 नवम्बर 2021- पांवटा साहिब से आज का खबरनामा ddnewsportal.com

सिरमौर का जायजा.......

16 नवम्बर 2021- पांवटा साहिब से आज का खबरनामा 

सीबीआई के छापे, करोड़ों की कृषि परियोजनाएं, काफल पर शोध, पेन ने छुड़ाए पसीने, पीठासीन अधिकारियों का सम्मैलन, भर्ती-पदोन्नति नियमों पर बवाल, टीजीटी नाॅन मेडिकल परिणाम, प्रेस दिवस और....... कोविड/सूचना एवं जन संपर्क विभाग बुलेटिन। 


(आज की तस्वीर)


स्थानीय (सिरमौर)


1- केंद्रीय दल ने सिरमौर में फसलों को हुए नुकसान का लिया जायज़ा।

जिला सिरमौर में चालू वर्ष के दौरान गर्मियों के मौसम में फसलों को ओलावृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए आज उपायुक्त कार्यालय नाहन में तीन सदस्यीय केंद्रीय दल ने उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम के साथ बैठक कर कृषि तथा बागवानी क्षेत्र में हुए फासलों को नुकसान का आकलन किया। इस अवसर पर उपनिदेशक उद्यान डॉ सतीश शर्मा तथा विषयवाद विशेषज्ञ कृषि डॉ किशोर ने जिला में बागवानी तथा कृषि क्षेत्र में हुए फसलों को ओलावृष्टि से हुए नुकसान बारे प्रस्तुति दी। केंद्रीय दल में

निदेशक केंद्रीय जल आयोग शिमला पीयूष रंजन, अनुसंधान अधिकारी नीति आयोग भारत सरकार भास्कर ज्योति कश्यप, फोडर एग्रोनॉमिस्ट पशुपालन मंत्रालय भारत सरकार विजय ठाकरे के अतिरिक्त कार्यकारी जिला राजस्व अधिकारी माया राम, क्षमता एवं निर्माण समन्वयक डीडीएमए राजन कुमार और दस्तावेज समन्वयक अरविन्द चौहान भी उपस्थित रहे। इसके पश्चात, केंद्रीय दल ने पच्छाद उपमण्डल के गांव मलाणु की बेड जाकर लोगों से फसलों को हुए नुकसान की जानकारी हासिल की। इस दौरान उपमण्डल दण्डाधिकारी पच्छाद डॉ शशांक गुप्ता भी उपस्थित रहे।

2- कलम की स्याही मे हृदय का रंग भरने से देश को ले जाओगे आगे।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर पांवटा प्रेस क्लब ने एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता क्लब के अध्यक्ष आर पी तिवारी ने की। कार्यक्रम मे बतौर मुख्य अतिथि एसडीएम पांवटा साहिब विवेक महाजन तथा विशेष अतिथि के तौर पर डीएसपी पांवटा साहिब बीर बहादुर और तहसीलदार वेद प्रकाश अग्निहोत्री ने शिरकत की। कार्यक्रम मे पंहुचने पर मुख्य अतिथि और विशेष अतिथि को बुके भेंटकर उनका स्वागत किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि एसडीएम विवेक महाजन ने कहा कि आज का दिन बड़ा शुभ है, सभी पत्रकारों को बधाई। पेन तलवार से बड़ा और पैना होता है। बाल गंगाधर तिलक, गोखले, विपिन चंद्रपाल, सुब्रमण्यम आदि कलम से लड़

रहे थे। तलवार अपना काम कर रही थी, दूसरी तरफ कलम समाज को पथ दिखा रहा था कि तुम्हे आजादी व स्वराज पाना है। समाज को जोड़ने मे कलम का बड़ा हाथ रहा। कलम का जादू चला। उसी कड़ी मे आज के पत्रकारों को भी आंकते है। चौथा स्तंभ समाज और प्रशासन की कमियों को बताता है जिससे सुधार हो पाता है। कलम की स्याही मे मिलावट न हो। उस स्याही मे हृदय का रंग भरेंगे तो वह लंबे समय तक जीवित रहेगा। पत्रकार कर्मयोगी है। कर्म को पूजा मानकर करेंगे तो उसमे स्वार्थ नही होगा। इससे आपकी इज्जत तो बढ़ेगी ही, साथ ही देश का मान भी बढ़ेगा। नये पत्रकारों के लिए वर्कशाप का आयोजन किया जाएगा। जिससे उनकी लेखनी मे सुधार और पारदर्शिता आएं। तभी आज की मटिरियलिज्म की चकाचोंध से दूर रहेंगे। हम अगले वर्ष थीम रखेंगे कि Why Should not be Respect the Media। पत्रकारों ने जब भी हमारे संज्ञान मे कोई मामला लाया है तो मेरा हमेशा से प्रयास रहा है कि उसे हल किया जाए। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत महासचिव सुरेश तोमर ने पत्रकार के जीवन को बताती एक कविता "कलम का सिपाही" प्रस्तुत कर की। उसके बाद वरिष्ठ पत्रकार सुखविंदर सिंह सुक्खु ने अतिथियों का स्वागत किया। तत्पश्चात ज्ञान प्रकाश शर्मा, पंकज भटनागर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। क्लब के अध्यक्ष आरपी तिवारी ने कहा कि मीडिया का अहम् रोल पब्लिक की समस्याएँ प्रशासन के समक्ष रखना है। पत्रकार जनता का जिम्मेदार है। सही लोगों को किसी से डरने की जरूरत नही है। चौथा स्तंभ जनता ने बनाया है इसलिए हम उसी जनता के प्रति जिम्मेदारी निभानी चाहिए। 12 जनवरी 2018 मे सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के प्रेस कांफ्रेंस की, उस दिन आप स्थापित हो गये। लेकिन दुर्भाग्य कि खुद मीडिया ने ही मात्र तीन घंटे मे इस अहमियत की धज्जियां उड़ा दी। हमे अपनी जिम्मेदारी को बरकरार रखना है। साथ ही कहा कि हमे डिसिजन मेकिंग नही बनना है। हमारी कलम तय करती है कि हम कैसे पत्रकार है। आत्ममंथन करते रहिये ताकि आप अपनी राह से न भटके। जल्दबाजी मे खबर न लिखें, इससे खबर के गलत होने की संभावना न के

बराबर रहेगी। तहसीलदार वेद प्रकाश अग्निहोत्री ने कहा कि जनता और प्रशासन के मध्य सेतू का काम करते हैं पत्रकार। समाज की बुराईयां और प्रशासन की कमियों को बैखोफ उजागर करें। हमारे समाने कमियाँ आएगी तो हम उनका समाधान कर पायेंगे। वहीं, डीएसपी बीर बहादुर ने कहा कि मीडिया समाज का आईना तो ही ही साथ ही स्वयं का भी आईना है। उनका मानना है कि कोई भी फैसला जनहित मे हो तो वहां पर कुछ ऐसे लोगों को तरजीह देने से बचना चाहिए, जो उस विकास मे बाधा बन रहे हो। यदि आपको लगता है कि कहीं हम गलत हैं तो हमें जरूर बताएं। साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान के बारे मे जरूर पढें और ड्यूटी और राईट मे बारे मे लोगों को भी जागरूक करें। इस मौके पर दर्जनों पत्रकार साथी मौजूद रहे। 

3- दिव्यांगो को अंबाला मे वितरित किये कृत्रिम उपकरण। 

रोटरी क्लब पांवटा साहिब और विकलांग सेवा केंद्र, अम्बाला केंट ने जरूरतमंद दिव्यांगो को निशुल्क कृत्रिम उपकरण वितरित किये। यह उपकरण अंबाला मे प्रशिक्षण देने के बाद बांटे गये। दरअसल, गत 24 अक्तूबर को रोटरी क्लब पांवटा साहिब, पांवटा सखी, नाहन और नाहन सिरमौर हिल्स ने विकलांग सेवा केंद्र अम्बाला केंट के सहयोग से ज्ञान चंद गोयल धर्मशाला पांवटा साहिब में विकलांग सहायता शिविर का आयोजन किया गया था। यह शिविर दो चरणों में किया गया। प्रथम चरण में ज्ञान चंद गोयल धर्मशाला में विकलांगो जाँच की गयी और दूसरे चरण में उन विकलांगो को 13 नवंबर 2021 को विकलांग सेवा केंद्र, अम्बाला केंट में निशुल्क कृत्रिम उपकरण जैसे कैलिपर, ट्राईसाइकिल, बैसाखी, नकली टांग इत्यादि दिए गए और साथ ही इन उपकरणों को चलाने का प्रशिक्षण भी दिया गया। अध्यक्ष, रोटरी पांवटा साहिब मनमीत सिंह मल्होत्रा ने बताया कि इस शिविर को सफल बनाने में रोटरी सदस्य डॉक्टर नीना सबलोक, राकेश कुमार थापा, भविष्य गौतम, डॉक्टर सुरेश कुमार सबलोक, डॉक्टर प्रवेश कुमार सबलोक,

यशपाल धीमान और विकलांग सेवा केंद्र अम्बाला केंट की टीम ने पूर्ण सहयोग दिया। इस शिविर में कुल 125 विकलांगो की जाँच की गयी और उनकी जरुरत के अनुसार 13 नवंबर 2021 को विकलांग सेवा केंद्र, अम्बाला केंट में 08 विकलांगो, राजेश कुमार, सीता, शुभम, किरण, आयुष, अमन शर्मा, कपिल, कमलेश कुमार को निशुल्क कृत्रिम उपकरण दिए गए। इस शिविर को सफल बनाने में नंज मेड साइंस फार्मा प्राइवेट लिमिटेड, गांव- रामपुरघाट, पांवटा साहिब का भी विशेष सहयोग रहा। विकलांगो के आने-जाने के लिए कंपनी द्वारा बस का प्रबंध किया गया, जिससे विकलांगों को विकलांग सेवा केंद्र, अम्बाला केंट पहुँचने में आसानी हुई। सेवा केंद्र में पहुंचे के बाद विकलांग सेवा केंद्र, अम्बाला केंट के कर्मचारियों ने विकलांगों को कृत्रिम उपकरण लगाए और इन् उपकरणों को चलाने का प्रशिक्षण भी दिया गया। उपकरणों के मिलने के बाद लाभार्थियों के चेहरे पे मुस्कान थी और काफी हर्षित थे। उपकरण मिलने से उनको बिना सहारे चलने-फिरने में मदद मिली, जिससे उनका आत्मबल भी बढ़ा। लाभार्थियों ने बताया कि इस तरह की मदद मिलने से उनको काफी फायदा हुआ। जिसकी ख़ुशी उन्होंने, रोटरी पांवटा साहिब और विकलांग सेवा केंद्र अम्बाला केंट का आभार प्रकट करके जताई। अध्यक्ष, रोटरी पौंटा साहिब, मनमीत सिंह मल्होत्रा ने सभी सहयोग देने वालो को धन्यवाद् किया और कहा कि इस तरह के शिविर विकलांगो को आत्मबल देने के लिए जरुरी है। 

4- पांवटा- जब काॅलेज के कार्यक्रम मे पंहुचे पूर्व छात्र...

पांवटा साहिब के राजकीय महाविद्यालय पांवटा साहिब में पूर्व छात्र संघ (एलुमनाई एसोसिएशन) द्वारा वार्षिक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य संरक्षक एवं प्राचार्य डॉ. वीना राठौर ने की। गवर्निंग बॉडी से उपाध्यक्ष संतोष कुमार गुप्ता, सचिव डॉ ज़ाहिद अली मलिक, सलाहकार दिनेश पुंडीर, इंटरनल ऑडिटर संजय कुमार, कार्यालय सचिव डाॅ. पूजा भाटी इस बैठक मे उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में डाॅ. पूजा भाटी ने बैठक मे पहुंचे सभी पूर्व छत्रों एवं प्राध्यापकों का का स्वागत किया। सभी पूर्व छात्रों ने अपना परिचय दिया और अपने कॉलेज जीवन के दौरान और बाद के अनुभवों को साझा किया। कॉलेज का स्थापना दिवस का उल्लेख करते हुये हुए प्राचार्य डॉ. वीना राठौर ने कॉलेज के सभी संस्थापक सदस्यों और पूर्व प्राचार्यों को याद किया और कॉलेज को कई मानक हासिल कराने के लिए उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने सभी पूर्व छात्रों को वार्षिक बैठक में आने के लिए धन्यवाद दिया और बाल दिवस पर आशीर्वाद दिया। उन्होंने बैठक मे उपस्थित सभी सदस्यों को नैक

द्वारा अगले वर्ष के मूल्यांकन के बारे में सूचित किया और पूर्व छात्र संघ के सक्रिय योगदान के लिए आशा की तलाश की। तत्पश्चात डॉ. जाहिद मलिक, महासचिव, (GCPAA) ने आम सभा की कार्यसूची पर चर्चा की गयी तथा छात्रों के हित के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर देवेंद्र गुप्ता ने भी पूर्व छात्रों को संबोधित किया और वार्षिक बैठक के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। कार्यक्रम में संगीत विभाग के प्रोफेसर रविंदर कुमार एवं डॉ. किरण बाला द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गयी। सचिव डाॅ जाहिद अली ने बताया कि गवर्निंग बॉडी के सदस्यों, पूर्व छात्रों एवं महाविद्यालय प्राध्यापकों सहित लगभग 70 लोगों ने इस बैठक में भाग लिया।

5- ABVP पांवटा- लितेश ठाकुर अध्यक्ष, प्रीति सचिव।

अखिल भारतीय परिषद पाँवटा इकाई द्वारा महाविद्यालय में नव कार्यकरणी का गठन हुआ। जिसमें जिला सगठन मंत्री रोहित, जिला संयोजक अंकित,

प्रदेश कार्यकरणी सदस्य कुणाल शर्मा की उपस्तिथि में  कार्यकरणी का गठन किया गया। जिसमें इकाई अध्यक्ष लितेश ठाकुर और इकाई सचिव प्रीति

ठाकुर को बनाया गया। कुणाल शर्मा ने बताया कि जल्द ही बाकी कार्यकारिणी का भी गठन कर लिया जाएगा। 

6- शिलाई- यहां पुलिस को क्यों बांधे गये फ्रैंडशिप बैंड।

चाइल्ड लाइन सिरमौर की टीम द्वारा दोस्ती सप्ताह मनाने के उपलक्ष में शिलाई ब्लॉक में विभिन्न प्रशासनिक कार्यालयों का विज़िट किया गया। टीम सबसे पहले पुलिस थाना शिलाई में थाना प्रभारी मस्त राम व अन्य पुलिस कर्मियों से मिली। इस दौरान टीम द्वारा लोगों को 1098 के बारे में जागरूक किया गया व पेम्पलेटस दिए गए। चाइल्ड हेल्पलाइन दोस्ती सप्ताह पर उन्हें चाइल्ड लाइन से दोस्ती बैंड बांधा गया और बच्चो की मदद करने के लिए बाध्य किया गया। उसके बाद टीम द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शिलाई का दौरा किया गया। टीम वहां पर प्रधानाचार्य और अन्य अध्यापकों से मिली टीम द्वारा विद्यालय में बच्चो के साथ पेंटिंग प्रतियोगिता करवाई गई। जिसमें 15 बच्चो ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी व तृतीय श्रेणी में आए विद्यार्थियों के लिए इनाम भी दिए गए। चाइल्ड लाइन

टीम द्वारा बच्चों तथा अध्यापकों को चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 के बारे में बताया गया।  लोगों को जागरूक किया गया। टीम इस दौरान वहां पर 400 बच्चों और 14 अध्यापकों से मिली। इसके बाद टीम सीडीपीओ कार्यालय में जाकर कार्यालय कर्मियों को चाइल्ड लाइन दोस्ती बैंड बांधा। उसके बाद पंचायत समिति कार्यालय मे जाकर वीडीओ, पंचायत समिति के अध्यक्ष व अन्य कर्मियों को भी दोस्ती बैंड बांधा गया। साथ ही पंचायत भवनों में चाइल्ड लाइन का लोगो लगवाने के लिए बोला गया। उसके बाद टीम कोर्ट में जाकर माननीय न्यायाधीश से मिली। टीम द्वारा उन्हे चाइल्ड लाइन को आने वाली समस्याओं के बारे में बताया गया। न्यायधीश ने कहा कि जागरूकता अभियान से ही सारी समस्याओं से राहत मिल सकती है। चाइल्ड लाइन टीम ने इस दौरान लोगों को भी जागरुक किया। इस दौरान चाइल्ड लाइन सिरमौर की टीम की समन्वयक सुमित्रा शर्मा व सदस्य सुरेश पाल और राजेंद्र सिंह साथ रहे।  

7- पांवटा साहिब में कल इन 30 स्थानों पर होगा कॉविड -19 टीकाकरण। 

खण्ड चिकित्सा अधिकारी ड़ॉ. अजय देओल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उपमंडल पांवटा साहिब में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए  17 नवम्बर को 30 स्थानों पर कॉविड -19  टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 17 नवम्बर  को  राजपुरा स्वास्थ्य खण्ड के सिविल अस्पताल पांवटा साहिब, ज्ञान चंद धर्मशाला, मोबाइल टीम पांवटा साहिब, चैम्बर ऑफ कॉमर्स, ई.एस.आई. मालवा कोटन, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजपुरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कफोटा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भरोग बनेडी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर भारापुर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माजरा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमरगढ़, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  कुंडियों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सतौन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कमरऊ, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोरखूवाला, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाखणा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भगानी, उप स्वास्थ्य केंद्र लोहगढ़, आर बी एस के टीम, आर बी एस के टीम 1, आर बी एस के टीम 2, उप स्वास्थ्य केंद्र तारूवाला ए के, उप स्वास्थ्य केंद्र  शिवपुर, उप स्वास्थ्य केन्द्र अजोली एम डब्लयू, उप स्वास्थ्य केंद्र नवादा बी जेड, उप स्वास्थ्य केन्द्र बहराल, उप स्वास्थ्य केंद्र मिस्रवाला, उप स्वास्थ्य केंद्र मानपुर देवडा, मोबाइल टीम पांवटा साहिब-1, उप स्वास्थ्य केंद्र  शिवा इन सभी स्थानों पर कॉविड -19 से बचाव के लिए वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी क्षेत्रवासी तथा बाहर से आए प्रवासी इन केन्द्रों  पर जाकर टीका लगवा सकते हैं। 
ड़ॉ. अजय देओल ने बताया कि टीका लगवाने के लिए आधार कार्ड या अन्य कोई भी फोटोयुक्त पहचान पत्र अपने साथ ज़रुर लाएं। उन्होंने क्षेत्रवासियों तथा प्रवासी लोगों से टीकाकरण का लाभ उठाने की अपील भी की।

8- सभी रुके विकास कार्यों को समयबद्ध व गुणवत्ता पूर्वक पूर्ण करें अधिकारी: सुरेश कश्यप

सिरमौर जिला में केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही 33 योजनाओं के तहत सभी रुके विकास कार्यों को समयबद्ध व गुणवत्ता पूर्वक पूर्ण करें। यह निर्देश सांसद सुरेश कश्यप ने आज यहां उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अधिकारियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाना सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कृषि विभाग व उद्यान विभाग के अधिकारियों को कहा कि किसानों व बागवानों को दिये जाने वाले बीजों व खादों का वितरण समय पर तथा समान अनुपात में करना सुनिश्चित करें। सुरेश कश्यप ने कोविड काल के दौरान बेहतर कार्य करने के लिए सभी अधिकारियों की

प्रशंसा की और कहा कि अभी भी कोविड-19 का दौर खत्म नहीं हुआ है जिसके लिए सभी लोगों को अभी भी सतर्कता बरतना जरूरी है। उन्होंने बताया कि हिमाचल कोविड टीकाकरण के मामले में देश में प्रथम स्थान पर है और कोविड-19 के दूसरे डोज के लिए जिला सिरमौर में 77 प्रतिशत टीकाकरण हो चुका है। इस अवसर पर उपायुक्त राम कुमार गौतम ने अवगत करवाया कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अर्न्तगत अब तक जिला में 10944 गैस कनेक्शन वितरित कर लक्षय पूरा किया गया है, और मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना के अर्न्तगत 35483 पात्र लोगों को गैस कनेक्शन वितरित किये गए हैं तथा शेष लोगों को भी जल्द वितरित किये जाएगें। उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर में 416 स्कूलों में किचन गार्डन बनाए गए हैं जबकि अन्य 1473 स्कूलों में मार्च 2022 में किचन गार्डन बनाए जाएगें। उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा जिला सिरमौर के सभी विकास खंडों में 205706 पौधों का वितरण किया गया है, जिसमें से राजगढ़ में 14461, शिलाई में 7651, पच्छाद में 5917, संगड़ाह में 16515 व नाहन में 1 लाख नींबू के पौधे वितरित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नाहन नगर परिषद में 377 लाभार्थियों का चयन किया गया था जिसमें से 200 लोगों के मकान तैयार कर दिए गए हैं और शेष मकान बनाने का भी लक्ष्य जल्द पूरा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पांवटा नगर परिषद में 193 लाभार्थियों का चयन किया गया था जिसमें से 33 लाभार्थियों के मकान पूर्ण कर दिए गए हैं। इसी प्रकार, राजगढ़ नगर पंचायत के अंतर्गत 72 लाभार्थियों में से 26 लाभार्थियों के मकान का कार्य पूरा कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री अंत्योदय योजना के अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिला में 660 स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य दिया गया जिसमें से 110 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, जिला में 44995 शौचालय बनाने की योजना थी, जिसमें से अभी तक 2218 शौचालय बनाए गए हैं और शेष को भी जल्द पूरा किया जाएगा। बैठक में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, उपाध्यक्ष राज्य नागरिक आपूर्ति निगम बलदेव तोमर, जिला परिषद अध्यक्ष सीमा कन्याल, भाजपा जिला अध्यक्ष विनय गुप्ता, सहित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति के सरकारी व गैर सरकारी सदस्य भी उपस्थित रहे।

9- रेणुका मेला के चौथे दिन खेल प्रतियोगिताएं रही मुख्य आकर्षण का केन्द्र।

अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका मेला 2021 के चौथे दिन खेल प्रतियोगिताएं मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। महिला वर्ग में कबड्डी का फाइनल मैच स्पोर्ट्स अकैडमी शिलाई बनाम महारानी लक्ष्मीबाई स्पोर्ट्स एकेडमी लूदाना जींद हरियाणा के बीच हुआ जिसमें शिलाई की टीम 60ः34 से विजयी रही। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर सोनाक्षी सिंह तोमर विशेष रूप से उपस्थित रहीं। अतिरिक्त उपायुक्त ने मेला परिसर में लगाई गई प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया। उपमंडल अधिकारी नाहन एवं सदस्य सचिव श्री रेणुका

जी विकास बोर्ड रजनेश कुमार व तहसीलदार ददाहू चेतन चौहान भी उपस्थित रहे।  इससे पहले, प्रातः कालीन आयोजित की गई खेल गतिविधियों में सहायक आयुक्त प्रियंका चंद्रा उपस्थित रहीं। आज महिला वर्ग में कबड्डी के 4 मैच आयोजित किए गए तथा पुरुष वर्ग में वॉलीबॉल व कबड्डी के मैच खेले गए। खेलों के आयोजन के साथ-साथ भाषा कला व संस्कृति विभाग के सौजन्य से दो दलों जिनमें माँ बाला सुंदरी रतन वादक सांस्कृतिक दल काँटी मशवा पांवटा साहिब तथा दया राम वाद्य दल बकरास शिलाई के कलाकारों द्वारा वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति भी दी गई।


(हिमाचल)

1- ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न और शोषण मामले मे सीबीआई की बड़ी कार्रवाई।

सीबीआई यानि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न और शोषण मामले मे बड़ी कार्रवाई करते हुए 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 76 स्थानों पर छापेमारी की है। सीबीआई ने छापेमारी के दौरान इन ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन भी चलाया है। सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न और शोषण से संबंधित आरोपों पर कुल 83 आरोपियों के खिलाफ 14 नवंबर 2021 को 23 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। सीबीआई ने इस मामले मे एक साथ आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में लगभग 76 स्थानों पर छापेमारी की है।

2- मुख्यमंत्री ने राज्य के लिए 1010.60 करोड़ रुपये की कृषि परियोजना का किया शुभारम्भ।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज धर्मशाला में राज्य के लिए जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के आर्थिक सहयोग से 1010.60 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण संवर्धन परियोजना (एचपीसीडीपी) चरण-2 के शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि इन क्षेत्रों में कुल जनसंख्या के 90 प्रतिशत से अधिक लोग रहते हैं और लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि सीमित वित्तीय संसाधनों और कोरोना महामारी के कारण मंदी के बावजूद, वर्तमान सरकार ने राज्य के सर्वांगीण और समान विकास के लिए सिंचाई, कृषि, बागवानी, वानिकी और संबद्ध क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि जाइका

सहायता प्राप्त फसल विविधिकरण परियोजना के दूसरे चरण को राज्य के सभी 12 जिलों में लागू किया जाएगा और इससे राज्य के किसान परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि परियोजना का पहला चरण 2011 से प्रायोगिक आधार पर राज्य के पांच जिलों मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में कार्यान्वित किया जा रहा है, जिससे जिलों के किसानों की अर्थव्यवस्था बदल गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य फसल विविधिकरण के एक सफल माॅडल का प्रसार करना और 2031 तक परियोजना क्षेत्र में सब्जी उत्पादन क्षेत्र को 2500 हेक्टेयर से बढ़ाकर 7000 हेक्टेयर करना है। राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए केंद्र सरकार, बाहरी वित्त पोषण एजेंसियां जैसे जाइका, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक आदि सभी संभावित स्रोतों से संसाधन जुटा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जाइका को वित्तीय सहायता का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत मानती है और राज्य के विकास में भागीदार है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बेमौसमी सब्जियों की खेती की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए मार्केट यार्ड का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है, लेकिन अभी भी राज्य में ऐसी कई मंडियों की आवश्यकता है ताकि किसानों को अपने उत्पादों के विपणन के लिए आसान पहुंच और बेहतर मूल्य मिल सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि भारत और जापान दोनों ने खाद्यान्न के थोक उत्पादन के बजाय सतत उत्पादन की प्रणाली विकसित की है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भी सतत विकास के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिन्हें 2030 तक हासिल किया जाना है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने बजटीय और योजना प्रक्रिया में सतत विकास लक्ष्यों का सहयोग कर उन्हें संस्थागत रूप दिया है और इन लक्ष्यों को रिकार्ड समय में हासिल करने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2007 से कृषि क्षेत्र में इस पहाड़ी राज्य

के किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रदेश, जापान सरकार और भारत सरकार का आभारी है। उन्होंने जाइका परियोजना चरण के प्रबंधन और कर्मचारियों को उनके अच्छे काम के लिए भी बधाई दी और परियोजना को देखने के लिए कई एशियाई देशों के प्रतिनिधिमंडल भेजकर उनके सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन के लिए उनका धन्यवाद किया। जय राम ठाकुर ने कहा कि महामारी के दौरान भी, कृषि और संबद्ध क्षेत्र ने राज्य की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना सामुदायिक भागीदारी में विविध कृषि प्रणालियों के अनुभवों को दोहराने और भारत में इसी तरह की जाइका समर्थित परियोजनाओं के प्रसार का अवसर भी प्रदान करती है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि हिमाचल प्रदेश जापान के साथ कृषि परियोजनाओं पर सहयोग कर रहा है, जिससे निश्चित रूप से कृषक समुदायों को उनकी आय बढ़ाने में लाभ हुआ है। मुख्यमंत्री ने जाइका को आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार, राज्य में परियोजना के दूसरे चरण के सफल कार्यान्वयन के लिए हर तरह की नीति और संसाधन सहायता प्रदान करेगी, जोकि किसानों की समृद्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने उपलब्धियां प्राप्त करने वालों की सफलता की कहानियों के दस्तावेज बनाने का भी सुझाव दिया ताकि अन्य किसानों को भी प्रेरित किया जा सके। उन्होंने किसानों से नकदी फसलों जैसे गैर-मौसमी फसलों की खेती करने का भी आग्रह किया ताकि उनकी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके। उन्होंने वैज्ञानिकों से नवीनतम तकनीक को किसानों व जमीनी स्तर तक ले जाने का भी आग्रह किया ताकि किसानों को लाभान्वित किया जा सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने इस अवसर पर परियोजना के पहले चरण की सफलता की कहानियों के बारे में कुछ प्रकाशनों का भी विमोचन किया। इस अवसर पर जाइका पर आधारित एक वृत्त चित्र भी प्रदर्शित किया गया। मुख्यमंत्री ने जाइका परियोजना में उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले प्रगतिशील किसान राम सिंह, यांगेश कुमार, किशोरी लाल, संदला देवी, सोहन लाल, बलदेव सिंह, प्रोमिला देवी, सुम्मू कुमार, पूर्णिमा कुमारी, दुलाश ठाकुर और होशियार सिंह को भी सम्मानित किया। कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायती मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में पहाड़ी स्थलाकृति के कारण खेती के लिए उपयुक्त क्षेत्र कम है, इसलिए किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसल विविधिकरण पर अधिक बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एचपीसीडीपी के नए चरण में जाइका ऋण घटक 807.30 करोड़ रुपये, जबकि राज्य का हिस्सा 203.30 करोड़ रुपये होगा। समारोह में गेस्ट आॅफ आॅनर और जाइका-इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि सैटो मित्सुनोरी ने कहा कि जाइका इंडिया, जापान का सबसे बड़ा और विकास का सबसे पुराना भागीदार है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य सतत और जलवायु अनुकूल कृषि विकास है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में तकनीकी समाधान का एक घटक भी होता है। उन्होंने परियोजना पर एक प्रस्तुति भी दी। इस अवसर पर मुख्य परियोजना सलाहकार डाॅ. जे.सी. राणा ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के संबंध में एक प्रस्तुति दी। सचिव कृषि डाॅ. अजय कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि परियोजना के दूसरे चरण में 7,933 हेक्टेयर फसल विविधिकरण के तहत सिंचाई प्रदान करने के लिए 296 उप-परियोजनाएं होंगी, जबकि दस अन्य उप-परियोजनाएं पहले से ही सिंचाई की सुविधा वाले 500 हेक्टेयर क्षेत्र में परिवर्तन के संबंध में फसल विविधिकरण के लिए शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि परियोजना के अंत में प्रति हेक्टेयर सकल आय वर्तमान में 55,000 प्रति हेक्टेयर से 2.50 लाख रुपये की लक्षित वृद्धि का अनुमान है। इस मौके पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चैधरी, वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया, विधायक अर्जुन ठाकुर, विशाल नेहरिया, मुल्ख राज प्रेमी, अरुण कुमार और होशियार सिंह, वूलफेड के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर, पूर्व विधायक, जाइका जापान के प्रतिनिधि, उपायुक्त कांगड़ा डाॅ. निपुण जिंदल और राज्य कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

3- बगीचों मे भी उगेंगे ये बड़ी बीमारी रोकने वाले काफल। 

अब कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों की रोकथाम में मददगार काफल बगीचों में भी उगाए जा सकेंगे। आईआईटी मंडी के सहयोग से फल वैज्ञानिकों ने इस जंगली फल का बगीचा तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। दावा किया जा रहा है कि यह सूबे का ही नहीं बल्कि देश का पहला काफल उद्यान होगा, जो दो-तीन साल में मई जून के सीजन में फल देना शुरू कर देगा। यह जंगली औषधीय फल 1500 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है और इन पेड़ों पर वर्ष में सिर्फ एक बार ही यह फल लगता है।
अधिक ठंडक और गर्मी वाले इलाकों में काफल के पेड़ नहीं मिलते। यही कारण है कि लोग वर्ष में सिर्फ एक बार मिलने वाले इस फल की खरीदारी के लिए इंतजार में रहते हैं। स्वाद बढ़ाने के लोग लिए सेंधा नमक के साथ इस फल को खाना पसंद करते हैं। काफल के बाहर एक रसीली परत होती है, जबकि अंदर एक छोटी सी सख्त गुठली होती है, लेकिन इस फल को गुठली

सहित खाया जाता है। सीजन में यह फल चार सौ रुपये किलो तक बिकता है। डॉ. तारा सेन ठाकुर, शोधकर्ता एवं असिस्टेंट प्रो. बॉटनी, क्लस्टर विवि मंडी ने बताया कि काफल का वैज्ञानिक नाम माइरिका एसकुलेंटा है। फल में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पेट से संबंधित रोगों को खत्म करते हैं। इस फल से निकलने वाला रस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है। निरंतर सेवन से कैंसर एवं स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। कब्ज या एसिडिटी में भी कारगर है। फल के ऊपर मोम के प्रकार के पदार्थ की परत होती है जोकि पारगम्य एवं भूरे व काले धब्बों से युक्त होती है। यह मोम मोर्टिल मोम कहलाता है तथा फल को गर्म पानी में उबालकर आसानी से अलग किया जा सकता है। यह मोम अल्सर की बीमारी में प्रभावी होता है। मानसिक बीमारियों समेत कई प्रकार के रोगों के इलाज के लिए भी काफल काम आता है। इसके तने की छाल का सार, अदरक तथा दालचीनी का मिश्रण अस्थमा, डायरिया, बुखार, टायफायड, पेचिश तथा फेफड़े ग्रस्त बीमारियों के लिए अत्यधिक उपयोगी है। वहीं, अजीत कुमार चतुर्वेदी, कार्यकारी निदेशक आईआईटी मंडी ने बताया कि आईआईटी मंडी परंपरागत जंगली फलों पर शोध कर रहा है। यदि कवायद रंग लाई तो काफल का पहला बगीचा कमांद में होगा। इसके लिए फल वैज्ञानिकों के साथ जुड़कर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि इससे रोजगार के अधिक साधन भी लोगों को मिल सकें।

4- महिला अधिकारी के गुम पेन ने छुड़ाए पुलिस जवानों के पसीने।

जिला मुख्यालय कुल्लू में पुलिस भर्ती करवाने आई हिमाचल प्रदेश पुलिस की एक महिला आईपीएस अधिकारी का महंगा पेन गुम हो गया। इसे ढूंढने के लिए पुलिस के जवान लगा दिए गए। हालांकि, पेन का पता नहीं लग पाया है, लेकिन पुलिस अधिकारी का गुम हुआ पेन चर्चा का विषय बन गया है। गुम हुए पेन की कीमत हजारों में बताई जा रही है। पेन तलाशने में जुटे पुलिस कर्मचारियों ने ढालपुर में कई दुकानों में जाकर पूछताछ की। यहां तक कि दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला गया। बताया जा रहा है कि बतौर कमांडेंट महिला आईपीएस अधिकारी पिछले कुछ दिनों से कुल्लू में चल रही पुलिस भर्ती की ड्यूटी में आई हैं। रविवार शाम को वह ढालपुर स्थित अस्पताल के आसपास की दुकानों में कुछ सामान की खरीदारी करने के लिए आई थीं। इस दौरान उनका कीमती पेन कहीं खो गया। हालांकि, पेन को उन्होंने ढूंढने की कोशिश की, लेकिन नहीं मिल पाया। ऐसे में सोमवार दोपहर के समय पुलिस के कर्मचारी दुकानों में पहुंचे और पेन के बारे में पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला है। पुलिस अधीक्षक कुल्लू गुरदेव शर्मा ने कहा कि उन्हें इस बारे जानकारी नहीं है। 

5- सदन की कार्यवाही के नियमों में एकरूपता लाई जाएगी।

देश भर के विधानमंडलों (विधानसभाओं-विधान परिषदों) में सदन की कार्यवाही के नियमों में एकरूपता लाई जाएगी। हिमाचल विधानसभा भवन काउंसिल चैंबर शिमला में मंगलवार को शुरू हुए चार दिवसीय पीठासीन अधिकारियों के 82वें सम्मेलन में यह प्रस्ताव रखा गया तो इससे राज्यसभा के महासचिव सहित 25 राज्यों की विधानसभाओं के सचिव सहमत नजर आए। सबने इस पर एक स्वर में अपनी सहमति दर्ज की तो यह तय हो गया कि अब इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक समिति बनेगी। इसमें सभी विधानसभा सचिव सुझाव पेश करेंगे। पहले दिन सचिवों की मंत्रणा में चार मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें पहला विषय वाद-विवाद तथा चर्चा को और उपयोगी बनाकर क्षमता निर्माण करना था। दूसरा विषय समिति की ऑनलाइन बैठक की सदन में आवश्यकता, चुनौतियां और इसके आगे का रास्ता रहा। लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्यसभा महासचिव प्रमोद चंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा की जमकर तारीफ की। यहां पर पेपरलेस कार्यवाही करने और इसे सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ने के प्रयासों की

सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक के साथ अपडेट रहना भी आज विधानमंडलों के समक्ष बड़ी चुनौती है। तीसरा विषय प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों में एकरूपता रखना था। देश भर में विधानमंडलों में अलग-अलग मामलों में भिन्न-भिन्न तरह से कार्यवाही की जाती है, जबकि इसमें एकरूपता होनी चाहिए। इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा के कार्यवाही नियमों के साथ भी राज्य विधानमंडलों के नियमों में एकरूपता लाने पर सहमति बनी। चौथे विषय विधानमंडलों के विशेषाधिकार और सूचना का अधिकार अधिनियम विषय पर मंत्रणा हुई। इस संबंध में विधानसभा के सचिवालय किस तरीके से बेहतर तरीके से भूमिका निभा सकते हैं, यह भी चर्चा का विषय रहा। विधानसभा सचिवालयों से आरटीआई एक्ट के तहत मांगी जाने वाली सूचनाओं और इस एक्ट के लागू होने की सीमाओं और अन्य विषयों पर भी चर्चा हुई। 

6- भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के 50-50 कोटे में बदलाव नही मंजूर: एसोसिएशन

हिमाचल प्रदेश मुख्य अध्यापक-प्रधानाचार्य अधिकारी संवर्ग एसोसिएशन की बैठक शिक्षा निदेशक कार्यालय शिमला मे अमरजीत शर्मा शिक्षा निदेशक उच्च की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक मे संघ का नेतृत्व विजय गौतम प्रदेश प्रधान ने किया, वहीं उक्त बैठक में प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संवर्ग महासंघ के चेयरमैन विजेंद्र ठाकुर की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश पदोन्नत प्रवक्ता संघ के प्रधान यशवीर जमवाल, हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ के प्रदेश प्रधान नरेंद्र ठाकुर, हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक कला के पदाधिकारी एवं अन्य अध्यापक संगठन पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए। बैठक मे मुख्य अध्यापकों एवं सीधी भर्ती वाले प्रवक्ताओं के लिए प्रधानाचार्य पद के 1992 के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में कोटे 50% : 50% में बदलाव लाने की मुहिम का जोरदार शब्दों में पूर्ण तथ्यों सहित विरोध दर्ज किया गया। हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में मान्यता प्राप्त 14 संगठनों में से अधिकतर संगठनों का लिखित विरोध भी दर्ज करवाया गया। उक्त बैठक में शिक्षा निदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा सचिव को प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संवर्ग के लगभग 26000 अध्यापकों एवं जेबीटी, सीएंडवी अध्यापकों की संख्या सहित लगभग 60000 अध्यापकों के हित सुरक्षित रखने का तथ्यपूरक मांग पत्र प्रेषित किया गया। उपरोक्त संदर्भ में प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संवर्ग जोकि मुख्य अध्यापक पद का 100% फीडिंग काडर है, से प्रधानाचार्य पद हेतु 1992 के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के वर्तमान कोटे में जोकि 50:50 नियमों में किसी प्रकार के फेरबदल ना करने की मांग की गई तथा मुख्य अध्यापक पद के फीडिंग काडर संख्या के अनुरूप वर्तमान 50:50 कोटे को बढ़ाकर मुख्य अध्यापकों के पक्ष में 80:20 करने की भी मांग की गई। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि मुख्य अध्यापकों को मात्र काडर समझकर सरकार एवं विभाग को गुमराह किया जा रहा है। वास्तव में मुख्य अध्यापक पद सौ प्रतिशत पदोन्नति द्वारा टीजीटी

काडर से भरा जाता है, जिसमें टीजीटी के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार 37.5 प्रतिशत टीजीटी कमीशन द्वारा सीधी भर्ती माध्यम से 37.5  टीजीटी, बैच वाइज 15% जेबीटी तथा 10% सीएंडवी वर्ग के अध्यापकों द्वारा पदोन्नति द्वारा भरी जाती है। इन सब की संयुक्त संख्या मुख्य अध्यापक पद का फिटिंग  काडर कहलाता है जोकि पदोन्नत प्रवक्ता 
(जोकि 26. 4. 2010 से पहले पदोन्नत हो चुके हैं) की संख्या 4500, टीजीटी नियुक्ति प्राप्त अध्यापकों की संख्या 16320, जेबीटी अध्यापकों की संख्या 19647 एवं सीएंडवी अध्यापकों की 17734 संख्या, कुल मिलाकर 59133 बनती है, वहीं दूसरी और सीधी भर्ती वाले प्रवक्ता जो कि अपनी संख्या लगभग 18900 का आंकड़ा दर्शा कर हिमाचल प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग को लगातार गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, वह निश्चित तौर पर भर्त्सना योग्य कदम है। वास्तव में प्रवक्ता पद के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अंतर्गत 50% पद सीधी भर्ती द्वारा एवं 50% पद पदोन्नति से भरने का नियम है। अतः 18900 प्रवक्ताओं में से लगभग 9450 संख्या पदोन्नत प्रवक्ताओं की बनती है। इसमें से भी 26.4.2010 से पहले पदोन्नत लगभग 4500 प्रवक्ता, मुख्य अध्यापक पद हेतु पदोन्नति के लिए  पात्रता रखते हैं तथा पदोन्नत अध्यापकों को प्रवक्ता न्यू के पदनाम के बाद स्पष्ट भर्ती एवं पदोन्नति नियमों की अनदेखी के कारण प्रधानाचार्य पदोन्नति में सीधी भर्ती वाले प्रवक्ताओं के 50% कोटे में 1:1 अनुसार 25% कोटे का लाभ पदोन्नत प्रवक्ताओं को मिलना चाहिए, जिससे उन्हें आज तक वंचित रखा गया है। प्रधानाचार्य पद हेतु मुख्य अध्यापक वेडिंग कार्ड सहित एवं सीधी भर्ती वाले प्रवक्ताओं में तुलनात्मक अध्ययन द्वारा मुख्य अध्यापक पद हेतु प्रधानाचार्य पद पर 1992 के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में फेरबदल कर वर्तमान कोटा 50:50  को बढ़ाकर 80:20 किया जाना चाहिए। वर्तमान में टीजीटी अध्यापक लगभग 26 से 28 साल के बाद मुख्य अध्यापक पद पर पदोन्नति प्राप्त करता है तथा मुख्य अध्यापक से प्रधानाचार्य पद पर लगभग 30 वर्ष की सेवा काल के बाद पदोन्नति प्राप्त करता है। वहीं, सीधी भर्ती वाले प्रवक्ता 18 से 22 वर्ष के सेवाकाल पश्चात ही प्रधानाचार्य पद पर (पदोन्नत प्रवक्ताओं को पदोन्नति कोटे के लाभ से वंचित कर ) पदोन्नति प्राप्त कर लेते हैं। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार के पर्सनल विभाग की अधिसूचना के अनुसार किसी पदोन्नति हेतु एक से अधिक फीडिंग काडर संख्या हो तो पदोन्नति का कोटा न्याय संगत रूप से पदोन्नति पद के फीडिंग काडर संख्या के तदनुसार तय करने का प्रावधान नियत है। अतः हिमाचल प्रदेश मुख्य अध्यापक अधिकारी संवर्ग एसोसिएशन एवं हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संवर्ग महासंघ ने सरकार से मांग की है कि प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति हेतु 1992 के नियमों अनुसार वर्तमान कोटे में किसी छेड़छाड़ का प्रयास ना किया जाए एवं न्याय संगत रूप से मुख्य अध्यापक पद हेतु फीडिंग काडर की संख्या के अनुरूप वर्तमान कोटे को बढ़ाकर 80:20 किया जाए एवं हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के एक संघ द्वारा लगातार हिमाचल प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग को तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने पर गुमराह करने के मध्य नजर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश पारित किया जाए। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव एवं शिक्षा निदेशक के पूर्ण आश्वासन एवं मामले में न्याय संगत निर्णय लेकर टीजीटी काडर के हितों को सुरक्षित रखने का आग्रह किया गया है एवं हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक महासंघ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के शब्दों पर पूर्ण रूप से विश्वास प्रकट करते हुए हिमाचल प्रदेश के संपूर्ण प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संवर्ग सहित जेबीटी एवं सीएनबी अध्यापकों का पूर्ण समर्थन सरकार के साथ व्यक्त करते हुए तन मन धन से सरकार को सहयोग करने का आश्वासन व्यक्त किया है। बैठक में हिमाचल प्रदेश मुख्य अध्यापक अधिकारी संवर्ग के महासचिव ध्रुव पटियाल, प्रदेश प्रवक्ता अजय शर्मा, डॉक्टर रतन सिंह वर्मा प्रधानाचार्य, सुनील शर्मा प्रधानाचार्य, मनोज पाल सिंह परिहार मुख्य अध्यापक, चंद्रकेश धीमान विज्ञान अध्यापक, संजीव कुमार विज्ञान अध्यापक, लवलीन ठाकुर, मंगलेश्वर गनेरिया, भाग सिंह प्रधानाचार्य एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। 

7- चयन आयोग ने टीजीटी नाॅन मेडिकल का परिणाम किया घोषित।

हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने टीजीटी नॉन मेडिकल पोस्ट कोड-794 के 144 पदों के लिए ली गई परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है। 144 पदों में से 143 के लिए अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो गए हैं, जबकि एससी वार्ड ऑफ एक्स सर्विसमैन के कोटे से पात्र अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण एक पद खाली रह गया है। आयोग के सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर ने कहा कि इन पदों के लिए आयोग को 9156 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 8744 पात्र पाए गए। 30 नवंबर 2020 को ली गई लिखित परीक्षा में 6636 अभ्यर्थी उपस्थित हुए। लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हुए 476 अभ्यर्थियों की मूल्यांकन परीक्षा 30 जून से सात जुलाई 2021 को आयोजित की गई। अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट पर अपना परिणाम देख सकते हैं।

शाम सात बजे तक का कोविड मीडिया बुलेटिन-