भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के 50-50 कोटे में बदलाव नही मंजूर ddnewsportal.com
भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के 50-50 कोटे में बदलाव नही मंजूर
हिमाचल प्रदेश मुख्य अध्यापक प्रधानाचार्य अधिकारी संवर्ग एसोसिएशन ने बैठक मे दर्ज करवाया जोरदार विरोध।
हिमाचल प्रदेश मुख्य अध्यापक-प्रधानाचार्य अधिकारी संवर्ग एसोसिएशन की बैठक शिक्षा निदेशक कार्यालय शिमला मे अमरजीत शर्मा शिक्षा निदेशक उच्च की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक मे संघ का नेतृत्व विजय गौतम प्रदेश प्रधान ने किया, वहीं उक्त बैठक में प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संवर्ग महासंघ के चेयरमैन विजेंद्र ठाकुर की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश पदोन्नत प्रवक्ता संघ के प्रधान यशवीर जमवाल, हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ के प्रदेश प्रधान नरेंद्र ठाकुर, हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक कला के पदाधिकारी एवं अन्य अध्यापक संगठन पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए। बैठक मे मुख्य अध्यापकों एवं सीधी भर्ती वाले प्रवक्ताओं के लिए प्रधानाचार्य पद के 1992 के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में कोटे 50% : 50% में बदलाव लाने की मुहिम का जोरदार शब्दों में पूर्ण तथ्यों सहित विरोध दर्ज किया गया।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में मान्यता प्राप्त 14 संगठनों में से अधिकतर संगठनों का लिखित विरोध भी दर्ज करवाया गया। उक्त बैठक में शिक्षा निदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा सचिव को प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संवर्ग के लगभग 26000 अध्यापकों एवं जेबीटी, सीएंडवी अध्यापकों की संख्या सहित लगभग 60000 अध्यापकों के हित सुरक्षित रखने का तथ्यपूरक मांग पत्र प्रेषित किया गया। उपरोक्त संदर्भ में प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संवर्ग जोकि मुख्य अध्यापक पद का 100% फीडिंग काडर है, से प्रधानाचार्य पद हेतु 1992 के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के वर्तमान कोटे में जोकि 50:50 नियमों में किसी प्रकार के फेरबदल ना करने की मांग की गई तथा मुख्य अध्यापक पद के फीडिंग काडर संख्या के अनुरूप वर्तमान 50:50 कोटे को बढ़ाकर मुख्य अध्यापकों के पक्ष में 80:20 करने की भी मांग की गई। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि मुख्य अध्यापकों को मात्र काडर समझकर सरकार एवं विभाग को गुमराह किया जा रहा है। वास्तव में मुख्य अध्यापक पद सौ प्रतिशत पदोन्नति द्वारा टीजीटी काडर से भरा जाता है, जिसमें टीजीटी के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार 37.5 प्रतिशत टीजीटी कमीशन द्वारा सीधी भर्ती माध्यम से 37.5 टीजीटी, बैच वाइज 15% जेबीटी तथा 10% सीएंडवी वर्ग के अध्यापकों द्वारा पदोन्नति द्वारा भरी जाती है। इन सब की संयुक्त संख्या मुख्य अध्यापक पद का फिटिंग काडर कहलाता है जोकि पदोन्नत प्रवक्ता
(जोकि 26. 4. 2010 से पहले पदोन्नत हो चुके हैं) की संख्या 4500, टीजीटी नियुक्ति प्राप्त अध्यापकों की संख्या 16320, जेबीटी अध्यापकों की संख्या 19647 एवं सीएंडवी अध्यापकों की 17734 संख्या, कुल मिलाकर 59133 बनती है, वहीं दूसरी और सीधी भर्ती वाले प्रवक्ता जो कि अपनी संख्या लगभग 18900 का आंकड़ा दर्शा कर हिमाचल प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग को लगातार गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, वह निश्चित तौर
पर भर्त्सना योग्य कदम है। वास्तव में प्रवक्ता पद के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अंतर्गत 50% पद सीधी भर्ती द्वारा एवं 50% पद पदोन्नति से भरने का नियम है। अतः 18900 प्रवक्ताओं में से लगभग 9450 संख्या पदोन्नत प्रवक्ताओं की बनती है। इसमें से भी
26.4.2010 से पहले पदोन्नत लगभग 4500 प्रवक्ता, मुख्य अध्यापक पद हेतु पदोन्नति के लिए पात्रता रखते हैं तथा पदोन्नत अध्यापकों को प्रवक्ता न्यू के पदनाम के बाद स्पष्ट भर्ती एवं पदोन्नति नियमों की अनदेखी के कारण प्रधानाचार्य पदोन्नति में सीधी भर्ती वाले प्रवक्ताओं के 50% कोटे में 1:1 अनुसार 25% कोटे का लाभ पदोन्नत प्रवक्ताओं को मिलना चाहिए, जिससे उन्हें आज तक वंचित रखा गया है। प्रधानाचार्य पद हेतु मुख्य अध्यापक वेडिंग कार्ड सहित एवं सीधी भर्ती वाले प्रवक्ताओं में तुलनात्मक अध्ययन द्वारा मुख्य अध्यापक पद हेतु प्रधानाचार्य पद पर 1992 के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में फेरबदल कर वर्तमान कोटा 50:50 को बढ़ाकर 80:20 किया जाना चाहिए। वर्तमान में टीजीटी अध्यापक लगभग 26 से 28 साल के बाद मुख्य अध्यापक पद पर पदोन्नति प्राप्त करता है तथा मुख्य अध्यापक से प्रधानाचार्य पद पर लगभग 30 वर्ष की सेवा काल के बाद पदोन्नति प्राप्त करता है। वहीं, सीधी भर्ती वाले प्रवक्ता 18 से 22 वर्ष के सेवाकाल पश्चात ही प्रधानाचार्य पद पर (पदोन्नत प्रवक्ताओं को पदोन्नति कोटे के लाभ से वंचित कर ) पदोन्नति प्राप्त कर लेते हैं। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार के पर्सनल विभाग की अधिसूचना के अनुसार किसी पदोन्नति हेतु एक से अधिक फीडिंग काडर संख्या हो तो पदोन्नति का कोटा न्याय संगत रूप से पदोन्नति पद के फीडिंग काडर संख्या के तदनुसार तय करने का प्रावधान नियत है। अतः हिमाचल प्रदेश मुख्य अध्यापक अधिकारी संवर्ग एसोसिएशन एवं हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संवर्ग महासंघ ने सरकार से मांग की है कि प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति हेतु 1992 के नियमों अनुसार वर्तमान कोटे में किसी छेड़छाड़ का प्रयास ना किया जाए एवं न्याय संगत रूप से मुख्य अध्यापक पद हेतु फीडिंग काडर की संख्या के अनुरूप वर्तमान कोटे को बढ़ाकर 80:20 किया जाए एवं हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के एक संघ द्वारा लगातार हिमाचल प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग को तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने पर गुमराह करने के मध्य नजर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश पारित किया जाए। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव एवं शिक्षा निदेशक के पूर्ण आश्वासन एवं मामले में न्याय संगत निर्णय
लेकर टीजीटी काडर के हितों को सुरक्षित रखने का आग्रह किया गया है एवं हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक महासंघ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के शब्दों पर पूर्ण रूप से विश्वास प्रकट करते हुए हिमाचल प्रदेश के संपूर्ण प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक संवर्ग सहित जेबीटी एवं सीएनबी अध्यापकों का पूर्ण समर्थन सरकार के साथ व्यक्त करते हुए तन मन धन से सरकार को सहयोग करने का आश्वासन व्यक्त किया है। बैठक में हिमाचल प्रदेश मुख्य अध्यापक अधिकारी संवर्ग के महासचिव
ध्रुव पटियाल, प्रदेश प्रवक्ता अजय शर्मा, डॉक्टर रतन सिंह वर्मा प्रधानाचार्य, सुनील शर्मा प्रधानाचार्य, मनोज पाल सिंह परिहार मुख्य अध्यापक, चंद्रकेश धीमान विज्ञान अध्यापक, संजीव कुमार विज्ञान अध्यापक,
लवलीन ठाकुर, मंगलेश्वर गनेरिया, भाग सिंह प्रधानाचार्य एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।