शाम 5 बजकर 39 मिनट से शुरू है पूजा का शुभ मुहूर्त ddnewsportal.com

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शाम 5 बजकर 39 मिनट से शुरू है पूजा का शुभ मुहूर्त

इस समय तक खोला जा सकता है अहोई अष्टमी व्रत, जाने क्या है महत्व...

आज अहोई अष्टमी का पर्व है। यह पर्व करवाचौथ के चार दिन बाद होता है। हर साल कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाए जाने वाले इस पर्व पर महिलाएं अपने संतान की दीर्घायु एवं सुखी जीवन के लिए उपवास रखती है और अहोई देवी की पूजा करती है। जिला सिरमौर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कमल कमल कांत सेमवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पूजा का

समय आज गुरूवार शाम 05:39 बजे से 06:56 बजे तक रहेगा। अहोई अष्टमी व्रत की विधि के बारे में जानकारी देते हुए पंडित सेमवाल ने बताया कि माताएं सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत का संकल्प करती हैं।
सांयकाल के समय पूजन के लिए अहोई माता के चित्र के समक्ष चौकी रखें। उस पर जल से भरा कलश रखें, रोली व चावल से माता की पूजा करें। मीठे

पुए या आटा के हलवे का भोग लगाएं। कलश पर स्वास्तिक बनाएं एवं हाथ में गेहूं के सात दाने लेकर अहोई माता की कथा सुने। इसके बाद तारों को अर्घ्य देकर अपने से बड़ों का आशीर्वाद लें।

अहोई अष्टमी व्रत का महत्व....
 
अहोई अष्टमी का व्रत रखने से संतान के कष्टों का निवारण होता है एवं उनके जीवन में सुख समृद्धि आती है ऐसा माना जाता है कि जिन माताओं की संतान को शारीरिक कष्ट होता है या स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है, तो माता द्वारा अहोई अष्टमी का विधि विधान से व्रत करने पर संतान को कष्ट से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन साही माता व भगवती पार्वती से आशीष मिलता है।