Paonta Sahib: सुखराम चौधरी को हराने उतरने वालों के जानियें हाल... ddnewsportal.com
Paonta Sahib: सुखराम चौधरी को हराने उतरने वालों के जानियें हाल...
तथाकथित दिग्गजों की छत्रछाया में चुनाव लड़ रहे निर्दलीय उम्मीदवार को जनता ने दिखाया आईना...
पाँवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार के विधानसभा चुनाव में सिरमौर जिला में सबसे अधिक 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। इनमे से अधिकांश तो निर्दलीय मैदान में विशेषकर इसी उद्देश्य से उतरे थे कि वह भाजपा उम्मीदवार सुखराम चौधरी को पराजित करेंगे या उनकी हार का कारण बनेंगे। लेकिन जब चुनावी परिणाम सामने आए तो सभी को आईना दिख गया और पता चल गया कि वह कहां पर है। जनता ने बता दिया कि हवा में बातें करने से कुछ नही होता। लोगों के बीच रहकर उनके दुख दर्द को सुनना पड़ता है और जनता के काम करवाने पडते है। इनमे से एक निर्दलीय उम्मीदवार पर तो भाजपा के पूर्व में रहे आधा दर्जन तक पदाधिकारी व तथाकथित दिग्गज नेताओं का हाथ था, लेकिन रोचक बात तो यह है कि इसी उम्मीदवार की बड़ी फजीहत हुई है। चुनाव से पूर्व शुरूवाती दौर में इस निर्दलीय उम्मीदवार के जीतने की बातें कही जाती रही। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आया वैसे वैसे फील्ड में इन्हे अपना वजूद भी नजर आने लगा। तो कहने लगे कि कम से कम 8 से 9 हजार वोट लेकर भाजपा उम्मीदवार की हार का मुख्य कारण बनेंगे। जब ईवीएम खुली तो 2 हजार के आंकड़े तक भी नही पंहुच पाये।
पाँवटा साहिब के अंतिम चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो यहाँ पर कुल 66075 मत डले थे। इसमे ईवीएम के माध्यम से 65249 तो पोस्टल वोट 826 रहे। इसमे भाजपा के विजयी उम्मीदवार सुखराम चौधरी को 31008, कांग्रेस के किरनेश जंग को 22413, आम आदमी पार्टी के मनीष ठाकुर को 5090, निर्दलीय मनीष को 3417, रोशन लाल को 1872, सुनील कुमार को 896, अश्वनी वर्मा को 367, रामेश्वर को 315 तथा सीमा देवी को 203 मत प्राप्त हुए। नोटा को 495 वोट डले। सुखराम चौधरी ने जहां 46% से अधिक वोट शेयर हासिल किया वहीं कांग्रेस को 33% वोट शेयर मिला। पोस्टल वोट में से सुखराम चौधरी को 423 और किरनेश जंग को 308 मत मिले।
इन सबके बीच रोचक बात यह है कि सुखराम चौधरी का विरोध कर चुनाव में खड़े हुए तीनों निर्दलीय उम्मीदवार को कुल 6185 मत हासिल हुए। जो भाजपा के कैडर वोट को मामूली नुकसान ही कर सके। यही कारण रहा कि सुखराम चौधरी के खिलाफ रोश का माहौल बनाने के असफल प्रयास करने पर भी भाजपा उम्मीदवार 8596 मतो के बड़े अंतर से जीत गये।
बहरहाल, चुनाव लड़ना सबका अधिकार है, वैसे भी आप कहां खड़े है इसका पता तो चल ही जाता है।