साइबर अटैक से बचने के 10 खास तरीके भी जानें... ddnewsportal.com
पब्लिक सर्विस प्रोवाईडर की जवाबदेही होनी चाहिए सुनिश्चित
एक्सपर्ट्स का सुझाव; साइबर क्राइम को रोकने के लिए सरकार को गाइडलाइन कर देनी चाहिए सख्त,
साइबर अटैक से बचने के 10 खास तरीके भी जानें साइबर अपराध शिमला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह राठौर से।
साइबर अपराध पर अंकुश लगाने एवं आमजन को न्याय दिलाने के लिए पब्लिक सर्विस प्रोवाइडर की जवाबदेही भी सुनिश्चित करना अति आवश्यक है। एक्सपर्ट्स की मानें तो साइबर क्राइम को रोकने के लिए सरकार को गाइडलाइन सख्त कर देनी चाहिए। कोई भी बैंक अकाउंट बिना पर्सनल वेरिफिकेशन के नहीं खोला जाना चाहिए। दूसरी बात सिम कार्ड की तो यहां भी सरकार को सख्ती बरतनी चाहिए। एक भी सिम कार्ड बिना सही केवाईसी के निकलता है तो टेलीकॉम कंपनियों को पेनाल्टी लगाए। वहीं डाटा प्राइवेसी बिल आ जाएगा तो उससे और ज्यादा फर्क पड़ेगा, क्योंकि इससे आपका डाटा आपके देश में ही रहेगा तो बाहर से डाटा लीक होना बंद होगा और यदि होता है तो कंपनियां जवाबदेह होंगी।
वहीं, साइबर सेल लगातार साइबर फ्राड से बचने के लिए जागरूकता फैलाने मे अपना योगदान दे रही है। प्रिंट सहित इलेक्ट्रॉनिक और वैब मीडिया के माध्यम से लोगों को साइबर क्रिमिनल से बचाव के तरीके बताते रहते हैं।
वर्तमान मे हैकर कैसे आपके डिवाइस पर करते हैं अटैक; 10 सवाल और उनके जवाब से समझें कैसे बचें?
साइबर अटैक... ये एक ऐसा शब्द है जिसने लोगों की रातों की नींद और दिन का चैन छीन लिया है। इसकी मदद से हैकर्स ने लोगों का डेटा और इन्फॉर्मेशन तो चुराए ही हैं। साथ ही, बैंक अकाउंट तक खाली कर दिए। साइबर अटैक के बारे में आज भी कई लोग नहीं जानते। यही वजह है कि फोन पर आए एक SMS, वॉट्सऐप पर मिले मैसेज या फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिंक पर एक क्लिक करने से सारा काम बिगड़ जाता है।
साइबर अटैक क्या होता है? कोई कैसे दूर बैठकर सिर्फ एक लिंक से आपका बैंक अकाउंट खाली कर देता है? कैसे आपकी जरूरी जानकारी फोन या
कम्प्यूटर से चोरी हो जाती है? इन तमाम सवालों के जवाब दे रहे हैं साइबर अपराध शिमला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह राठौर।
सवाल-1: साइबर अटैक क्या होता है?
जवाब: साइबर अटैक को इस तरह भी समझा जा सकता है कि एक अंजान आदमी आपके घर पर नॉक करता है और आप दरवाजा खोल देते हैं, तब वो घर के अंदर घुसकर कुछ भी कर सकता है। लेकिन उसके नॉक करने पर यदि हम दरवाजा खोलने से पहले उससे पूछते हैं कि आप कौन हैं? किससे मिलना है? क्या काम है? तब शायद उसे घर में एंट्री ही ना मिले। इसी तरह आपके फोन, कम्प्यूटर या दूसरे डिवाइस पर जो मैसेज आते हैं, उन्हें ओपन करने से पहले समझदारी दिखाएं। इस दौर में ज्यादातर चीजें डिजिटल हो चुकी हैं। हम डिजिटल इंडिया की तरफ तेजी से अग्रसर हो रहे हैं। अब हमें हर काम के लिए एक मशीन की जरूरत है, इसके बिना हम गुजारा नहीं कर सकते। ऐसे में जब हम एक मशीन पर निर्भर हो जाते हैं और हमारा डेटा या इन्फॉर्मेशन एक प्लेटफॉर्म पर ट्रैवल करने लगती है, तब उसको सिक्योर करने की भी जरूरत हो जाती है। जब कोई डेटा एक लोकेशन से दूसरी लोकेशन पर जाता है, फिर चाहे वो किसी ट्रांजैक्शन से जुड़ा हो या कोई सूचना दे रहा हो। उसे प्रोटेक्ट करना जरूरी हो जाता है। साइबर अटैकर आपकी सोच को जानने की कोशिश करते हैं। वे पता लगाते हैं कि किस यूजर की कौन सी चीज पर अटैक किया जाए। साइबर अटैक एक मिनट या एक दिन में नहीं होते, बल्कि वे सही समय का इंतजार करते हैं। फिर भले ही इसके लिए एक महीना या एक साल लग जाए।
सवाल-2: साइबर अटैक से जुड़ी सिक्योरिटी की जरूरत क्यों है?
जवाब: कोविड-19 में डिजिटलाइजेशन का नया रूप उभर कर सामने आया है। वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन एजुकेशन जैसे नए कॉन्सेप्ट हमें देखने को मिले। डिजिटलाइजेशन बढ़ने से हैकर्स को भी कई मौके मिलने लगे हैं। ऐसे में लोगों को इस बात को समझना होगा कि आपकी जो इन्फॉर्मेशन है वो किसे, कितनी और कब देना है, तब तक आप सुरक्षित हैं। इस बात को बच्चों
से लेकर बड़े और बुजुर्गों तक, सभी को समझना होगा। साइबर क्राइम से बचने के लिए अलर्ट रहना बेहद जरूरी है, क्योंकि कई बार संवेदनशील पद पर बैठे सीनियर अधिकारी भी इसके शिकार हो जाते हैं। उनके पास हैकर का फोन आता है जो उन्हें डेबिट या क्रेडिट कार्ड हैक होने की बात कहकर उसका पिन नंबर या दूसरे डेटा पता कर लेता है। हड़बड़ाहट में कई बार यूजर के दिमाग का संतुलन बिगड़ जाता है और उससे गलती हो जाती है। यही वजह है कि हमें साइबर सिक्योरिटी का पूरा ध्यान रखने की जरूरत है।
सवाल-3: साइबर अटैक से क्या-क्या नुकसान हो सकता है?
जवाब: साइबर अटैक का मतलब सिर्फ लोगों के पैसे चुराना ही नहीं है, बल्कि इससे जेहाद भी हो सकता है, आतंकी गतिविधियां भी हो सकती हैं, लोगों को भड़काया जा सकता है, या फिर इसके जैसी कोई भी गतिविधि की जा सकती है। ऐसे में इन तमाम चीजों को रोकने के लिए साइबर सिक्योरिटी की जरूरत होती है। हालांकि हमें जिस लेवल पर होना चाहिए था, अभी हम वहां से काफी दूर हैं। हम आज भी थ्योरी को ज्यादा मानते हैं, प्रैक्टिकल नहीं करते। इसी के चलते भारत में एक दिन में करीब 47 हजार साइबर अटैक होते हैं। नॉर्थ कोरिया, चीन, वेस्ट एशियन देशों से सबसे ज्यादा साइबर अटैक किए जा रहे हैं। आज के दौरा में सारे वॉर, सारे गेम्स, सारा बिजनेस लगभग सभी चीजें इन्फॉर्मेशन पर आधारित है। यानी ये इन्फॉर्मेशन लीक हुईं, तो मुसीबत आना तय है। चीन दुनिया का ऐसा देश है जिसने सालों पहले ही इस चीज को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था। उसकी 50 प्रतिशत फोर्स (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) साइबर सिक्योरिटी को समझती है। ऐसे में अब हमें भी इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
सवाल-4: क्या लोग अपने डिवाइस को साइबर अटैक से सुरक्षित रख सकते हैं?
जवाब: साइबर वर्ल्ड में हमेशा कहा जाता है कि सब सुरक्षित है, और कुछ भी सुरक्षित नहीं है। स्मार्टफोन और कम्प्यूटर तो सिर्फ एक डिवाइस है। साइबर अटैक कभी भी डिवाइस पर नहीं होते, बल्कि उन पर इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर किए जाते हैं। जैसे, हैकर को किसी पर साइबर अटैक करना है तब वो ये नहीं देखेगा कि आपके पास कौन सा फोन या कम्प्यूटर है। बल्कि, वो ये देखेगा कि आप कौन से सोशल प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। कौन-कौन से गैजेट्स यूज कर रहे हैं। हैकर को सिर्फ आपके डिवाइस का ऐक्सिस चाहिए। इसके लिए वो किसी भी प्लेटफॉर्म से आपके डिवाइस में घुस जाएगा। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी इन्फॉर्मेशन को शेयर करने से पहले इस बात को देखें कि वो कौन और कहां ले रहा है?
सवाल-5: क्या एंटी वायरस से साइबर अटैक को रोका जा सकता है?
जवाब: अब साइबर अटैक मेल, फिशिंग, मैसेज, फोटो किसी भी तरह से किया जा सकता है। हैकर आपके वॉट्सऐप पर एक मैसेज में लिंक भेजेगा जिस पर क्लिक करते ही आपके डिवाइस का ऐक्सिस उसे मिल जाएगा। फिर वो अपने हिसाब से आपके डेटा को नुकसान पहुंचा सकता है। यानी किसी भी एंटी वायरस या दूसरे सॉफ्टवेयर से भी आपका डिवाइस सुरक्षित नहीं हो सकता। ठीक ऐसे ही वॉट्सऐप की जगह टेलीग्राम या वायर का इस्तेमाल करना भी इसका समाधान नहीं है क्योंकि हैकर आपके वॉट्सऐप अकाउंट को हैक कर सकता है तब वो टेलीग्राम या वायर को भी हैक कर लेगा।
सवाल-6: साइबर अटैक से बचने का पहला कदम क्या है?
जवाब: जब भी आप किसी से कनेक्ट हो रहे हैं तब आपको सोर्स, मोड और अपना पाथ स्टडी करना आना चाहिए। यानी ये इन्फॉर्मेशन कहां से आ रही है? क्या मैं इस आदमी को जानता हूं? ये मुझसे कौन सी इन्फॉर्मेशन चाह रहा है? ये किस तरह से मुझसे कनेक्टेड है? यदि इन सभी बातों की आपने स्टडी कर ली, तब कोई भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।
सवाल-7: साइबर अटैक को कैसे कम कर सकते हैं?
जवाब: हमारे यहां जितनी भी साइबर सिक्योरिटी फर्म हैं वे अकेले ही काम करती हैं। ये सभी अपनी-अपनी इन्फॉर्मेशन शेयर नहीं करते। ऐसे में आपकी इन्फॉर्मेशन का फ्लो नहीं होगा, तब नुकसान होना तय है। जैसे, मान लीजिए मुझे पता चल गया कि 3500 लड़कों का वॉट्सऐप या टेलीग्राम पर जेहादी रिक्रूटमेंट चल रहा है, लेकिन ये इन्फॉर्मेशन मैंने अपने पास ही रख ली। तो जब तक कि ये जानकारी सुरक्षा एजेंसी के पास नहीं पहुंचेगी, इसका मेरे पास रहने से क्या फायदा होगा।
सवाल-8: हैकर्स को जानकारी चुराने से क्या फायदा होता है?
जवाब: हमारे ही लोग हमें हैक कर रहे हैं। एजेंसी हैकर्स को डिफेंस के लिए रिक्रूट करती हैं, लेकिन वो हमें ही हैक करने लगते हैं। हमने एक केस आइडेंटीफाई किया था जिसमें कई सारे स्टूडेंट्स हैकिंग की वजह से पकड़े गए थे। वे स्टूडेंट यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे और हैकिंग भी करते थे। जब उनसे पूछा गया कि आपने ऐसा क्यों किया, तब उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है। उन्हें तो डार्क वेब पर एक मैसेज आया कि किसी ऑर्गेनाइजेशन से डेटा चाहिए, इसके लिए उन्हें बिटकॉइन ट्रांसफर कर रहे हैं। ऐसे में वे जानकारी चुराकर आगे पहुंचा देते थे। बाद में आपकी इस जानकारी का हैकर्स गलत इस्तेमाल करते हैं।
सवाल-9: आपके डिवाइस पर साइबर अटैक हो गया, तब क्या करें?
जवाब: फोन पर आने वाले SMS में हैकर्स एक लिंक भी देते हैं, जो वास्तव में एक मैलवेयर होता है। जैसे ही यूजर ऐसे लिंक पर क्लिक करता है तो मैलवेयर एक्टिवेट होकर आपके सिस्टम का ऐक्सिस हैकर को दे देता है। कभी इस तरह की स्थिति बन जाए तो सिस्टम को शटडाउन कर देना चाहिए। इससे कनेक्टिविटी ब्रेक हो जाएगी, लेकिन नुकसान नहीं पहुंचेगा, इस बात की गारंटी नहीं है। यदि किसी नौसिखिया के साथ ऐसा होता है तब उसे सबसे पहले अपने फोन को बंद करके सिम निकाल देना चाहिए। फिर कम से कम 10 सेकेंड के बाद उसे फिर से ऑन करे।
सवाल-10: साइबर क्राइम से बचने के लिए सबसे आसान टिप क्या है?
जवाब: मान लीजिए कि हैकर्स ने एक किसान के वॉट्सऐप पर मैसेज भेजा जिसमें लिखा है कि आज मंडी में दाल और चावल का ये रेट है। तब उसे लगेगा कि सरकार की तरफ से ये मैसेज आ रहा है। फिर जैसे ही वो इस पर क्लिक करेगा, हैकर उसके बैंक अकाउंट को हैक कर लेगा। इसे रोकने का एकमात्र तरीका लोगों को इसके प्रति अवेयर करना है। उन्हें ऐसे मैसेज या लिंक से होने वाले नुकसान का प्रैक्टिकल करके दिखाना होगा। जब वे सामने से इसे देखेंगे और समझेंगे, तब शायद ऐसी घटनाओं को कंट्रोल किया जा सके। लोग अपने साइबर गैजेट्स को केयरफुली यूज करें, क्योंकि आप किस क्षण अपना आपा खो देंगे, आपको पता नहीं चलेगा। हैकर्स हमेशा सही मौके का इंतजार करते हैं। जब आप किसी से जुड़ते हैं, किसी से कम्युनिकेशन करते हैं, किसी को अपनी फ्रेंड लिस्ट में जोड़ते हैं, किसी को अपनी डिटेल देते हैं, तो इन सभी बातों के दौरान सतर्कता बरतना बहुत जरूरी है।