राजनीति- टिकट आबंटन से बिगड़ गये हैं भाजपा के समीकरण... ddnewsportal.com

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क्या टिकट आबंटन से बिगड़ गये हैं भाजपा के समीकरण 

जुब्बल कोटखाई मे चेतन बरागटा ने निर्दलीय दाखिल किया नामांकन, अंतर्कलह का करना पड़ रहा सामना।

भाजपा के खिलाफ मंच शैयर करने वाले को टिकट मिलना पार्टी वर्कर्स को नही आ रहा रास, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की साख भी लगी दांव पर।

हिमाचल प्रदेश मे सत्ता का सेमीफाइनल शुरू हो गया है। सेमीफाइनल इसलिए क्योंकि इन्ही उपचुनाव का परिणाम 2022 मे होने वाले विधानसभा चुनाव पर बड़ा असर डालने वाला है। हिमाचल प्रदेश में 4 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिसमे एक मंडी लोस सीट सहित तीन विधानसभा सीटें फतेहपुर, अर्की और जुब्बल कोटखाई शामिल हैं। प्रदेश मे भाजपा की सरकार है तो ऐसे मे भाजपा को मजबूत होना चाहिए लेकान चुनावों में टिकट वितरण अपने आप में भारतीय जनता पार्टी में अंतर्कलह का काम कर गया। जी हां, जुब्बल कोटखाई सीट अब सभी सीटों मे अब हॉट सीट बनती दिख रही है। स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा के निधन के बाद ये माना जा रहा था कि इस सीट से उनके पुत्र चेतन बरागटा चुनाव लड़ेंगे और कुछ चेतन बरागटा को आदेश भी

वैसे ही मिले थे जिसके मद्देनजर वह प्रचार प्रसार में भी जुट गए थे। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के नेता भी चेतन बरागटा के समर्थन में वोट की अपील करने लगे लेकिन एकाएक ऐसा क्या हुआ कि जिसने चेतन बरागटा के सपनों को पानी फेर दिया। खुद चेतन बरागटा भी इस चीज़ को समझने में असमर्थ हैं। चेतन बरागटा ने खुले मन से अब इसका विरोध भी किया है। चेतन बरागटा ने कहा है कि मेरे स्वर्गीय पिता की वफादारी का ये सिला दिया गया। चेतन ने कहा मेरा कसूर क्या था ये तो बता देते। चेतन बरागटा ने कहा मैं वही कर रहा था जैसा पार्टी का आदेश था। भारतीय जनता पार्टी पर संगठन वैसे तो अनुशासन के बड़े-बड़े दावे करता है लेकिन आप खुद तस्वीर में देख सकते हैं जो व्यक्ति पार्टी विरोध नीतियों में शामिल रहा उसको भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। 30 अगस्त 2021 को कालीबाड़ी शिमला में भाजपा सरकार के खिलाफ संयुक्त किसान मंच की बैठक की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब शैयर हो रही है। तस्वीर में दिख रही महिला अब भाजपा की जुब्बल कोटखाई से विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी हैं नीलम सरैइक। त्रिकोणीय मुकाबले में जंग रोचक होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं लोग, देखना होगा जनता कितना साथ किसका देती है। आज चेतन बरागटा ने खड़ा पत्थर मे एक बड़ी रैली की और अपना नामांकन बतौर निर्दलीय दाखिल कर दिया। वहीं यदि राजनैतिक जानकारों की मानें तो टिकट के वितरण को लेकर जो बवाल मचा है, विशेषकर जुब्बल कोटखाई मे जिस तरह से सरकार और भाजपा के विरोध मे अक्सर मंच शैयर करने वाली नीलम सरैक को टिकट देना पार्टी वर्कर्स के गले से नही उतर रहा। जानकार यह भी बता रहे हैं कि यदि टिकट

आबंटन मे मुख्यमंत्री की भूमिका शून्य हैं तो कहीं इस प्रकार के सर्वे के विपरीत उम्मीदवार खड़े करना कहीं सीएम को ही डैमेज करने की कोई साजिश तो नही रची जा रही। सभी जानते हैं कि यदि इन उपचुनाव मे भाजपा के उम्मीदवार नही जीते तो दोष सीधे सीएम पर ही जड़ा जा सकता है। हालांकि ये राजनीति है और इसमे न तो कयास सही होते हैं और न ही अंदाजा। आने वाले दिनों मे वैसे भी परिणाम सभी के समक्ष होंगे। 
यहाँ आपको ये भी बताना जरूरी है कि ये वही चेतन बरागटा है जिन्होंने अपने कैरियर के स्थान पर नरेन्द्र मोदी के समक्ष पार्टी की सेवा करने को तरजीह दी और पिछले 15 वर्ष से आईटी सहित विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से भाजपा को मजबूत करने का काम किया।