Himachal News: पूरा राज्य आपदा प्रभावित घोषित, सीएम सुक्खू ने विधानसभा में की घोषणा ddnewsportal.com

Himachal News: पूरा राज्य आपदा प्रभावित घोषित, सीएम सुक्खू ने विधानसभा में की घोषणा
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हो रही तबाही को देखते ही पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सोमवार को विधानसभा में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक मानसून में 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। ऐसे में इस अधिनियम को लागू कर हिमाचल आपदा प्रभावित राज्य घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के साथ ही मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सोमवार को इसके आदेश जारी कर दिए। सीएस ने कहा कि इस बार मानसून सीजन में 45 जगह बादल फटने, 91 जगह बाढ़ आने और 105 जगहों पर बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। 161 लोगों की जान चली गई है और 40 लोग लापता हैं। इस दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 154 लोगों की मौत हुई है। 845 घर पूर्ण क्षतिग्रस्त, 3254 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अब तक कुल 3056 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अभी अन्य नुकसान का आकलन और रिपोर्ट बाकी है। राष्ट्रीय राजमार्गों को हुआ नुकसान इससे अलग है।
मनाली, लाहौल स्पीति व चंबा-भरमौर से राष्ट्रीय राजमार्गों का सड़क संपर्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। चंबा और मणिमहेश के रास्ते कई यात्री अभी भी फंसे हुए हैं, जबकि हजारों लोगों को पहले ही बचा लिया गया है। कई यातायात और पैदल पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
■ ये प्रावधान होंगे लागू:
● आपातकालीन प्रतिक्रिया के तहत जिला मजिस्ट्रेट आवश्यक आदेश जारी कर सकते हैं, जो उन्हें किसी भी संभावित आपदा की स्थिति में ऐसा करने के लिए अधिकृत करता है।
● लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग और राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड अपनी सेवाओं की युद्ध स्तर पर बहाली सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करेंगे।
● राज्य के सभी विभाग और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की सुचारु आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे।
● सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सुनिश्चित करेंगे कि प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए समय पर राहत उपाय किए जाएं।
● सभी दूरसंचार सेवा प्रदाता सुनिश्चित करेंगे कि राज्यभर में मोबाइल और लैंडलाइन कनेक्टिविटी युद्धस्तर पर बहाल और बनाए रखी जाए।
● सभी पंचायती राज संस्थाएं और शहरी स्थानीय निकाय प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन प्रतिक्रिया, पुनर्स्थापन और राहत के लिए सभी उपाय करेंगे।