Diwali Special: देशभर में दीपोत्सव आज, ज्योतिषाचार्य पंडित कमलकांत सेमवाल ने बताया पूजा का अति शुभ मुहूर्त... ddnewsportal.com

Diwali Special: देशभर में दीपोत्सव आज, ज्योतिषाचार्य पंडित कमलकांत सेमवाल ने बताया पूजा का अति शुभ मुहूर्त... ddnewsportal.com

Diwali Special: देशभर में दीपोत्सव आज, ज्योतिषाचार्य पंडित कमलकांत सेमवाल ने बताया पूजा का अति शुभ मुहूर्त...

रविवार को दीपों का महापर्व दीवाली बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इसके लिए जहां बाजार सज गये हैं वहीं लोग भी दीवाली की खरीददारी में जुटे हुए हैं। जिला सिरमौर के प्रसिद्व ज्योतिषाचार्य पं कमलकांत सेमवाल ने बताया कि इस बार

दीवाली पर्व आज रविवार यानि 12 नवंबर को पूरे देश मे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। उन्होने बताया कि पर्व पर लक्ष्मी पूजन के वैसे तो दिनभर लग्न के हिसाब से कईं मुर्हुत है लेकिन मुख्य रुप से गृहस्थ लोगों के लिए प्रदोष काल का पूजा के लिए विशिष्ट मुर्हुत है। पं कमलकांत का कहना है कि दीपावली हिन्दु धर्म का मुख्य पर्व है। रोशनी का पर्व दीवाली कार्तिक

अमावस्या के दिन मनाई जाती है। मान्यता है कि दीपों से सजी इस रात में मां लक्ष्मी जी भ्रमण के लिए निकलती है और अपने भक्तों को खुशियां बांटती है। दीवाली भगवान श्रीराम के लंका पर विजयी के पश्चात अयोध्या लौटने की खुशी मे मनाई जाती है। इस मौके पर लोग घर मे घी के दिए जलाते है और इस त्यौहार का खूब आनद लेते है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है।

दीपावली के दिन दीपदान का विशेष महत्व है। नारद पुराण के मुताबिक इस दिन मन्दिर, घर, नदी, बगीचे, वृक्ष, गौशाला और बाजार में दीपदान देना शुभ माना जाता है। इस दिन जो कोई श्रद्वापूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा करता है। उसके घर कभी दरिद्रता का वास नही होता। दीपावली के दिन घर में चौमुखा दीपक रात को प्रदीप्त होना चाहिए। 

पूजा विधि-

मां लक्ष्मी से पूर्व गणेश जी की पूजा करें। उसके बाद मां लक्ष्मी, सरस्वती, कुबेर, कमल, दवात की पूजा करें। बही खातों की भी पूजा करें। मां लक्ष्मी की मूर्ति गणेश जी के दाईं और रखें। एक कलश स्थापित करें। कलश को चावलों की ढेरी पर स्थापित करें।

दो बड़े दीपक रखें। एक दीपक तेल का और एक दीपक घी का प्रज्वलित करें। कलश की तरफ चावलों से नौ ढेरियां नवग्रह के रूप में बनाएं। गणेश जी के सामने चावलों से 6 ढेरियां षोडष मातिृका के रूप में बनाए एवं स्वास्तिक का चिन्ह भी बनाएं। चौकी के सामने तीन थाली जिसमें खील, पताशे, मेवे इत्यादि रखे। जलभर कर कलश रखें। धनतेरस पर जो पात्र खरीदा हैं उसमें अन्न भर कर रखें। 

मां लक्ष्मी के प्रिय-

मां लक्ष्मी को पूजा में कमल के फूल व गुलाब प्रिय है। फल में श्रीफल, सीताफल, बैर, अनार, सिंघाड़े प्रिय है। सुगंध में केवडा, गुलाब, जल, चन्दन व पित्र प्रिय है। अनाज में चावल, मिठाई में

केसर की मिठाई का हलवा। दीपक प्रकाश के लिए गाय का घी, मुंगफली या तिल का तेल इनको शीघ्र प्रसन्न करता है। गन्ना, रबडी, हल्दी, कमल गठ्ठा, बिलपन्न आदि भी इन्हे प्रिय है। स्कन्द पुराण के मुताबिक कार्तिक अमावस्या को प्रातः स्नान कर सभी देवताओं की पूजा करनी चााहिए। 

ये है पूजन का शुभ समय-

दीपावली का पर्व शुभ पर्व है। इस दिन लक्ष्मी, गणेश, कुबेर व इंद्र देव की पूजा करनी चाहिये। प्रदोष काल मे पूजा का शुभ विधान है, अतः इस समय की गयी पूजा सभी मनोरथो को पूरा करती है। इस दिन पूजा का शुभ समय इस प्रकार है:- 

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 05 बजकर 40 मिनट से शाम 07 बजकर 36 मिनट तक।
अवधि: 01 घंटा 54 मिनट।
प्रदोष काल- 05:29 से 08:07 तक।
वृषभ काल- 05:40 से 07:36 तक।
दिवाली महानिशीथ काल पूजा मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 11:39 से 12:31 तक,
अवधि 52 मिनट।
महानिशीथ काल- 11:39 से 12:31 तक।
सिंह काल- 12:12 से 02:30 तक।
दिवाली शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त
अपराह्न मुहूर्त (शुभ)- 01:26 से 02:47 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल) - 05:29 से 10:26 तक।
रात्रि मुहूर्त (लाभ)- 01:44 से 03:23 तक।
उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ)- 05:02 से 06:41 तक रहेगा।

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