खास खब़र- छोटे-छोटे समूह मे बच्चों को शिक्षा दे रहे गांव के पढ़े-लिखे युवा- ddnewsportal.com

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खास खब़र- यहां 20 गांव मे बच्चों तक स्कूल पंहुचाने की नायाब मुहिम ला रही रंग

छोटे-छोटे समूह मे बच्चों को शिक्षा दे रहे गांव के पढ़े-लिखे युवा,

बीआरसीसी संगड़ाह के प्रयासों की हो रही सराहना, ePTM मीटिंग मे शिक्षा मंत्री ने भी दी शाबाशी।

कोरोना महामारी की वजह से पिछले 15 -16 महीनों से पाठशाला बंद होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई थी। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को ज्यादा दिक्कत आ रही थी। हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का कार्यक्रम हर घर पाठशाला शुरू किया तथा सप्ताह के अंत में असेसमेंट बेस्ट

साप्ताहिक क्विज कंपटीशन करवाया जा रहा है। इतना सब कुछ करने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। क्योंकि कई जगह नेटवर्क नहीं था तो कहीं अभिभावकों के पास फोन नहीं था और कुछ अभिभावक काम में अपनी व्यस्तता होने के कारण बच्चे को अपना समय नहीं दे पा रहे थे। जिसकी वजह से सही ढंग से पहाड़ी और ग्रामीणों क्षेत्र के बच्चे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे थे। इस समस्या से निजात पाने के लिए शिक्षा खंड संगड़ाह के बीआरसीसी माया राम शर्मा ने एक नायाब योजना निकाली। उन्होंने खंड के गांव में पढ़े लिखे नौजवान साथियों, जिन्होंने बीएड कर रखी है, कोई जेबीटी कर रहा है, कोई बी ए, एम ए है, कोई शास्त्री कर चुका है आदि, की एक टीम तैयार की और उनको निशुल्क रूप से 5 से 10 बच्चे छोटे-छोटे समूह में पढ़ाने का कार्य सौंपा गया। मायाराम शर्मा ने बताया कि इस कार्य के लिए उन्हे जिला के शिक्षा उपनिदेशक और डीपीओ डाइट नाहन का भी भरपूर सहयोग मिला। इस अभियान के तहत खंड के गांव क्षेत्र के कई युवा जुड़े और उन्होंने अपने घर के आस-पास स्कूल जाने वाले बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि उन्होंने विभाग द्वारा दिए जाने वाले ऑनलाइन हर घर पाठशाला का पत्रक पाठशाला

के बच्चे को ऑनलाइन पढ़ाना आरंभ किया तथा सप्ताहिक क्विज कंपटीशन में भी बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित की। साथ में जिन बच्चों को बेसिक शिक्षा की जरूरत थी, जैसे पहली या दूसरी के बच्चे जो अभी तक पाठशाला में दाखिल हुए हैं लेकिन पाठशाला नहीं जा पा रहे थे, उनको भी पढ़ने और लिखने में सहायता प्रदान की। इस अभियान में धीरे-धीरे बहुत सारे नौजवान साथी जुडे हैं और इस अभियान की ePTM मीटिंग मे हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के साथ जब उन्होंने इस पर चर्चा की तो उन्होंने इस कार्य की प्रशंसा की और पूरे हिमाचल में इसको लागू करने का आश्वासन दिया। बीआरसीसी ने साथ ही सरकार से मांग की है कि जो यह सभी अध्यापक पढ़ाने का कार्य कर रहे हैं उनके लिए भता या मानदेय दिया जाए ताकि जब तक स्कूल नहीं खुलते हैं तब तक घर-घर में बच्चों को पढ़ाने का कार्य जारी रखें।