गिरिपार: समारोहों के दौरान शराब परोसने और अन्य महंगे रीति-रिवाजों पर लगाया प्रतिबंध ddnewsportal.com
Sirmour: इन पांच गांवों का सामूहिक निर्णय बना गिरिपार क्षेत्र के लिए मिसाल
सामाजिक एवं शादी समारोहों के दौरान शराब परोसने और अन्य महंगे रीति-रिवाजों पर लगाया प्रतिबंध, जानिए क्या-क्या हुए फैसले...
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले गिरीपार क्षेत्र वैसे तो पारंपरिक रीतिरिवाज, पर्व, त्यौहार और संस्कृति का धनी है लेकिन कुछ रीतिरिवाज ऐसे प्रचलन में है जिनके समय के साथ साथ बदलना जरूरी भी है। ऐसे ही कुछ रिवाजों को बदलने की पांच गांव के लोगों ने एक सराहनीय प्रयास किया है, जो आने वाले समय में क्षेत्र के लिए एक मिसाल और सीख बन सकता है।
बात गिरीपार क्षेत्र के उपमंडल शिलाई की हो रही है। यहां की ग्राम पंचायत नाया पंजोड़ के पांच गांवों में सामाजिक एवं शादी समारोहों के दौरान शराब परोसने और अन्य महंगे रीति-रिवाजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल, ये फैसला गांव के ही बुद्धिजीवियों और युवाओं ने लिया है। इसको लेकर नाया गांव के महासू देवता मंदिर परिसर (थाती चौंतरा) में पांच गांवों के लोगों की वार्षिक बैठक हुई, जिसमें ये कई अहम फैसले लिए गए। इस दौरान कुछ रीति रिवाजों को कम करने और सादे तरीके से निभाने के लिए तांदियों, कफेनू, कूकडेच, नाया, ठोंठा के लोगों ने अपने
विचार रखे। बैठक में निर्णय लिया गया कि शादी समारोह और पार्टियों में शराब नहीं परोसी जाएगी। समारोह में रुटयारी यानी रोटी बनाने वाली महिलाओं को घी आदि देने का रीति-रिवाज भी बंद कर दिया गया। इसकी जगह सभी सामूहिक भोजन की व्यवस्था रहेगी।
इसके साथ-साथ लड़की की शादी में दहेज लेने और देने की परंपरा को भी बंद किया गया। दणाटी, सोइताटी ले जाने वाले व्यक्ति को 200 रुपये की भेंट और आने-जाने के लिए दूरी के हिसाब से किराया दिया जाएगा। वहीं, विवाहिता के प्रसव के दौरान घी का सैर और गुड़ की भेली देने का रिवाज भी खत्म कर दिया है। क्षेत्र के बुद्धिजीवी हुकमीराम डिमेदार, महेंद्र सिंह और रणदीप शर्मा कन्याल आदि ने कहा कि सभी खेलों व वर्गों के लोगों ने मिलकर ये फैसले लिए हैं। इनका पालन करना सभी की जिम्मेदारी रहेगी। जो इसका उल्लंघन करेगा, उसे दंडित किया जाएगा और उसे पांचों गांव से अलग किया जाएगा। इस बैठक में पांचों गांव के गणमान्य लोग मौजूद रहे।