ऐसी तस्वीरें-वीडियो उठाती है सरकारों के विकास के दावों पर सवाल ddnewsportal.com
हिमाचल- यहाँ चारपाई पर प्रदेश का विकास
ऐसी तस्वीरें-वीडियो उठाती है सरकारों के विकास के दावों पर सवाल, कंधों पर उठाकर ले जाना पड़ता है मरीज...
हिमाचल प्रदेश में चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की, सभी विकास के दावे करते नही थकते। लेकिन धरातल पर जब सच्चाई सामने आती है तो सरकारों के विकास के दावों की पोल खोल जाती है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है जिस कारण उन्हे आए दिन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ताजा मामला प्रदेश के ऊना जिले में सामने आया है। यहां के कुटलैहड़ में एक वीडियो ऐसा भी सामने आया है, जिसमें एक प्रसूता को चारपाई पर डालकर अस्पताल से छुट्टी
के बाद घर तक पहुंचाया जा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि कुटलैहड़ के गांव टीहरा में एक महिला को चारपाई पर लिटाया हुआ है और लोग उसको कंधों पर उठाकर चढ़ाई चढ़ते हुए घर तक पहुंचाने में लगे हैं, वहीं साथ पैदल चल रहे लोग सामान पकड़े हुए हैं। इस वीडियो से कुटलैहड़ के विकास के दावों पर प्रश्नचिन्ह लग गया है और स्थानीय ग्रामीण रोष जता रहे हैं। कुटलैहड़ के वार्ड नंबर-3 के निवासी ब्रह्मदास, पंकज और राकेश आदि के
घरों के लिए रास्ता अभी तक नहीं बन पाया है। उनकी मानें तो पिछले कई वर्षों से वह रास्ते के निर्माण की मांग उठा रहे हैं लेकिन रास्ता नहीं बन पाया है। पिछले लॉकडाऊन के दौरा उन्होंने स्वयं मेहनत करके रास्ते को सुधारा था लेकिन हालत यह है कि यहां कोई गाड़ी नहीं पहुंच पाती है। इसके चलते लगभग सवा किलोमीटर का सफर पैदल करना पड़ता है और बीमार मरीज को चारपाई पर लेकर जाना पड़ता है।कुटलैहड़ के गांव टीहरा निवासी पंकज
कुमार की पत्नी जसविंद्र कौर को डिलीवरी के लिए क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया गया था। यहां डिलीवरी के बाद गांव तक एम्बुलैंस में उसको पहुंचाया गया लेकिन यहां से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर उसके घर तक उसको चारपाई पर लिटाकर पहुंचाया गया। चढ़ाई चढ़ते और कच्चे रास्ते से जाते हुए लोग प्रदेश सरकार और व्यवस्थाओं को कोसते नजर आ रहे हैं। उधर, इस संबंध में पंचायत की प्रधान सुनीता कुमारी ने कहा कि यहां रास्ते को लेकर समस्या है। पिछली पंचायत द्वारा मनरेगा के तरह थोड़ा काम करवाया गया था। अब भी प्रस्ताव डाला गया है। इन घरों को रास्ता मिले इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।