Himachal News: हिमाचल में फिर बढ़ी सियासी हलचल! CRPF के घेरे में बागियों के घर, पढ़ें पूरी खबर... ddnewsportal.com
Himachal News: हिमाचल में फिर बढ़ी सियासी हलचल! CRPF के घेरे में बागियों के घर, पढ़ें पूरी खबर...
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय विधायकों के मामले में नया मोड़ आया है। उक्त बागियों और निर्दलीय विधायकों के परिवारों को भी अब सीआरपीएफ की सुरक्षा मिल गई है। उनके घरों के बाहर सीपीआरएफ के जवान तैनात हो गए हैं। बता दें कि विधानसभा से सदस्यता गंवाने वाले कांग्रेस के छह विधायकों को राज्यसभा चुनाव के बाद से ही केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ की सुरक्षा दी है। कांग्रेस के बागी विधायक सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र भुट्टो, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा और निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, होशियार सिंह और केएल ठाकुर के परिवारों को सुरक्षा मिली है। वहीं, जसवां परागपुर के भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर को भी सुरक्षा दी गई है।
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह विधायकों के अलावा तीनों निर्दलीय कभी हरियाणा, कभी उत्तराखंड तो कभी दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। विधानसभा की सदस्यता बहाल करने को लेकर मामला सर्वोच्च न्यायालय में है। चैतन्य शर्मा के पिता और आशीष शर्मा पर चुनाव में खरीद फरोख्त के आरोप में शिमला थाने में सीपीएस संजय अवस्थी ने मामला दर्ज करवाया हुआ है। मामले में उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिलने के बाद उन्हें पुलिस थाना में हाजिर होने के निर्देश हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार की ओर से चैतन्य शर्मा समेत कुछ नेताओं के कारोबार और संस्था के वित्तीय मामलों की जांच के आदेश भी जारी हुए हैं।
कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो, गगरेट से चैतन्य शर्मा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, हमीरपुर से आशीष शर्मा के खिलाफ लगातार उग्र प्रदर्शन किए जा रहे हैं। समर्थकों में टकराव का माहौल भी बना है। इस बीच गुरुवार को केंद्र सरकार की ओर कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय विधायकों के घरों के बाहर केंद्रीय पुलिस बल के जवान तैनात किए गए हैं, ताकि उनके परिवारों के साथ कोई अनचाही घटना न घटे।
उधर, बागी विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो ने कहा कि हमने जो किया, हिमाचल की जनता के लिए किया। आज भी हम अपने निर्णय पर कायम हैं। जिस बदले की भावना से सीएम काम कर रहे हैं। उससे केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय को लगा होगा कि मेरे परिवार को सुरक्षा देना अनिवार्य है। इसके लिए हम केंद्रीय गृह मंत्रालय का आभार प्रकट करते हैं।
वहीं, पुलिस अधीक्षक ऊना राकेश सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत दो स्थानों पर सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं। फैसला गृह मंत्रालय की ओर से लिया जाता है। जहां सुरक्षा का जरूरत होती है, केंद्र उससे जुड़ा फैसला लेता है।