HRTC की बसों मे सफर के साथ धुआं फ्री ddnewsportal.com

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HRTC की बसों मे सफर के साथ धुआं फ्री

खटारा बसें बन रही लोगों के लिए आफत, कुछ बीच रास्ते खड़ी तो फैला रही प्रदूषण।

हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी की बसों की हालत किसी से छिपी नही है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो ऐसी खटारा बसें चलाई जा रही है जो या तो बीच रास्ते खड़ी हो जाती है या भारी धुंआ छोड़कर प्रदूषण फैला रही है। ऐसी ही कुछ बसें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के करसोग उपमंडल में कुछ रूटों पर दौड़ रही खटारा बसें लोगों के लिए आफत बन गई हैं। करसोग डिपो को नई बसें न मिलने से अधिकतर रूट पुरानी बसों के सहारे चलाए जा रहे हैं, ऐसे में आए दिन लोकल रूटों पर कुछ बसें तो रास्तों में ही खराब होने से खड़ी हो रही हैं, जबकि कुछ खटारा बसें घना धुआं छोड़कर

प्रदूषण फैला रही हैं। बीते दिन करसोग डिपो की निहरी से आ रही एक बस नंबर (एचपी 28ए-1421) रास्ते भर में धुआं छोड़ती हुए पहुंची, जिस कारण लोगों काे सांस लेना भी मुश्किल हो गया।
करसोग डिपो के बेड़े में कुल 54 बसें हैं, जिनमें से अधिकतर की स्थित खराब है। पुरानी होने की वजह से ये बसें खटारा हो गई हैं। डिपो को 13 बसें जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत मिली हैं, जिसमें 3 बसें खराब होकर वर्कशॉप में खड़ी हैं। इसी तरह से 3 बसों का परमिट खत्म हो गया है। करसोग डिपो के तहत 48 बसें रूटों पर

दौड़ रही हैं लेकिन इसमें कुछ बसें धक्का स्टार्ट हैं। इस तरह से एचआरटीसी की बसों में सफर करते हुए यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को कहना है कि यात्रियों का सफर सुरक्षित व आरामदायक हो, इसके लिए सरकार को डिपो के लिए नई बसें भेजनी चाहिए। लोकल रूटों पर भेजी जा रही खटारा बसें आधे रास्ते में ही खड़ी हो जाती हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 
उधर, करसोग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक सुभाष रंहोत्रा का कहना है कि 4 साल से डिपो को नई बसें नहीं मिली हैं। जो बसें खराब हैं उसके लिए सामान मंगवाया गया है। जल्द ही इन बसों की मुरम्मत की जाएगी।