करवा-चौथ- कल सुबह इतने बजे से शुरू हो जाएगी चतुर्थी ddnewsportal.com

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फोटो: पं कमलकांत सेमवाल, ज्योतिषाचार्य, सिरमौर

करवा-चौथ- कल सुबह इतने बजे से शुरू हो जाएगी चतुर्थी

क्या है महत्व, शुभ योग क्या और कब निकलेगा चांद?... जानने के लिए पढें ये पूरी रिपोर्ट...

करवा-चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए सबसे खास होता है। इस दिन का सुहागिन पूरा वर्ष इंतजार करती है। ऐसी मान्यता है कि जो सुहागिन स्त्री करवाचौथ का निर्जला व्रत करती है और व्रत पूर्ण होने पर चौथ के चंद्रमा को अर्घ्य देती है उनके पति की आयु लंबी होती है। इस वर्ष करवाचौथ कल रविवार 24 अक्तूबर को मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति के मंगल की कामना से करवाचौथ का व्रत रखती है। मान्यता है कि इस दिन जो सुहागिन स्त्री व्रत करती हैं और सच्चे मन से माता पार्वती से अपने पति के मंगल की कामना करती है, उन्हे माता पार्वती से सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलता है। पांवटा साहिब के ज्योतिषी पं कमलकांत सेमवाल ने बताया कि हिन्दू धर्म के पर्वों मे से एक अहम पर्व करवाचौथ का पर्व रविवार 24 अक्तूबर को मनाया जा रहा है। चतुर्थी तिथि बुधवार सुबह

03 बजकर 01 मिनट से शुरू हो जाएगी। इसी तरह चंद्रमा उदय रात 08 बजकर 17 मिनट पर होगा। ज्योतिषी पं सेमवाल ने बताया कि करवाचौथ का व्रत 16 श्रृंगार के बिना अधूरा है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक सुहागिन को इस दिन 16 श्रृंगार यानि बिंदी, सिंदूर, काजल, मेहंदी, लाल जोड़ा, गजरा, मांग टीका, नथ, कान की बालियां, हार या मंगल सूत्र, आलता (लाल रंग जैसा), चूड़ियां, अंगूठी, कमरबंद, बिछिया और पायल का श्रृंगार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि चंद्रमा को सामान्यतः आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है। इसलिए करवाचौथ पर चंद्रमा की पूजा की जाती है। और महिलाएं वैवाहिक जीवन मे सुख शांति एवं पति की लंबी आयु की कामना करती है। 

बन रहे शुभ योग-

इस बार के करवाचौथ पर पांच साल बाद यह शुभ योग बन रहे हैं कि करवाचौथ के व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र मे की जाएगी।