शिलाई: NDRF ने आपदा प्रबंधन पर जागरुक किये विद्यार्थी, बताये भूकंप-बाढ़ से बचाव के तरीके ddnewsportal.com

शिलाई: NDRF ने आपदा प्रबंधन पर जागरुक किये विद्यार्थी, बताये भूकंप-बाढ़ से बचाव के तरीके ddnewsportal.com

शिलाई: NDRF ने आपदा प्रबंधन पर जागरुक किये विद्यार्थी, बताये भूकंप-बाढ़ से बचाव के तरीके

एनडीआरएफ टीम 14वीं बटालियन नूरपुर हिमाचल प्रदेश एव् शिलाई कॉलेज आपदा प्रबंधन प्रकोष्ट द्वारा कॉलेज में आपदा जागरूकता अभ्यास का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य आगाही अभ्यास द्वारा छात्रों में आपदा प्रबंधन और तैयारी के बारे में जागरूकता फैलाना रहा, ताकि आपदा के दौरान विद्यार्थी जरूरी जानकारी और कौशल से प्रशिक्षित रहें। कार्यक्रम की शुरुआत आपदा प्रबंधन प्रकोष्ट के समन्व्यक् सहायक आचार्य कमलेश कुमार द्वारा स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने आपदा तैयारी के महत्व और आपदाओं के दौरान एनडीआरएफ की

भूमिका पर प्रकाश डाला। एनडीआरएफ की टीम, जिसका नेतृत्व श्री नफीस खान एव्ं 10 सदस्यीय ने किया। इसके अतिरिक्त गृह रक्षक एव्ं आग्निशमक विभाग के सदस्य भी उपस्थित रहे। NDRF टीम ने आपदा के दौरान उपयोगी जीवन रक्षक तकनीकों जैसे सीपीआर, प्राथमिक चिकित्सा, एव्ं कंबल, प्लास्टिक बैग, शर्ट का इस्तेमाल करके  वैकल्पिक स्ट्रेचर  बनाकर जख्मी व्यक्ति को दुर्गम शेत्र से अस्पताल तक भूकंप, बाढ़ आदि आपदाओं के दौरान कैसे पहुंचाया जाये, के बारे में विद्यार्थियों एव्ं शिक्षकों को अभ्यास के माध्यम से विस्तार से बताया। इसके साथ ही मोटा अनाज, मधुमक्खी, के महत्व के बारे मे भी बताया। 


एनडीआरएफ टीम का यह महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम प्राचार्य डाॅ जे आर कश्यप तथा तहसीलदार शिलाई मनमोहन जिस्टु के साथ ही कॉलेज के वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर अजय सिंह, अनुज शर्मा, विद्या वर्मा, रीना शर्मा, एवं गैर शिक्षक गण, तथा लगभग 171 विद्यार्थियों  की उपस्थिती मे हुआ। अंत में शिलाई तहसीलदार मनमोहन जिष्टु तथा शिलाई कॉलेज के प्राचार्य डॉ जेआर कश्यप ने एनडीआरएफ टीम  का धन्यवाद किया और छात्रों में आपदा प्रबंधन की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उनके योगदान की सराहना की। कार्यक्रम का समापन समन्व्यक् द्वारा धन्यवाद और सामुहिक राष्ट्रगान के तत्पश्चात् एनडीआरएफ टीम के साथ सामूहिक फोटो के साथ हुआ। इस विशेष अवसर पर आपदा प्रबंधन प्रकोष्ट के सदस्य सहायक प्रोफेसर रविन्द्र शर्मा, सहायक प्रोफेसर ए आर ठाकुर, सहायक प्रोफेसर सुजाता खमन, सहायक प्रोफेसर मनीषा सिंह आदि भी मौजूद रहे।