मजदूर नेता प्रदीप चौहान ने सरकार की मंशा पर उठाये सवाल- ddnewsportal.com
इस तरह कैसे नशा मुक्त होगा हिमाचल......
मजदूर नेता प्रदीप चौहान ने सरकार की मंशा पर उठाये सवाल, शराब ठेकेदारों पर इतनी मेहरबानी क्यों? खरीददारों की लिमिट बढ़ाना सही नही।
एक तरफ तो सरकार हिमाचल को नशा मुक्त करने की बात कहती है और दूसरी तरफ ऐसी नीतियां बना रही है जिससे नशे को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा। सरकार की मंशा प्रदेश मे शराब के कारोबार को खुली छूट देना लगती है। यह बात जिला सिरमौर के मजदूर नेता प्रदीप चौहान ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार बयान देती रहती है कि वह राज्य को नशा मुक्त करेगी। लेकिन दूसरी और जो नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है उससे तो
नशा बढ़ेगा ही। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति के तहत अब एक व्यक्ति चार या उससे अधिक बोतलें भी खरीद सकता है। सिर्फ उसे ठेके के पास एक और आदमी खड़ा करना है। इस प्रकार की छूट से नशा बढ़ेगा। वहीं ठेकेदार को भी खुली छूट दे दी है कि वह जितना मर्जी कोटा रख सकता है। यही नही यदि ठेकेदार एमआरपी से अधिक दाम पर शराब बेचता है तो जुर्माने की राशि आधी कर दी है। पहले इसमे 50 हजार रूपये जुर्माना लगता था और अब सिर्फ 25 हजार रूपये ही लगेगा। जबकि होना ये चाहिए था कि जुर्माने की राशि बढाकर कम से कम एक लाख रूपये की जानी चाहिए थी। उन्होंने सवाल उठाया है कि आखिर सरकार शराब ठेकेदारों पर इतनी मेहरबानी क्यों दिखा रही है? और यदि सरकार राज्य को नशा मुक्त करना चाहती है तो प्रति व्यक्ति की शराब खरीद की लिमिट को क्यों बढ़ाया गया है। ये सरकार की दौहरी नीतियाँ है। कहना कुछ और करना कुछ। सरकार के इब तरह के निर्णय से प्रदेश मे नशा मुक्ति नही बल्कि नशे को बढावा मिलेगा। सरकार को फिर से एक भार अपने निर्णय पर विचार कर इसे वापिस लेना चाहिए।