पीसीसी महासचिव अनिन्द्र सिंह नौटी ने सरकार के रवैये पर उठाए सवाल ddnewsportal.com
सत्ता पक्ष का गुंडागर्दी और तानाशाही का खुला प्रदर्शन
पीसीसी महासचिव अनिन्द्र सिंह नौटी ने सरकार के रवैये पर उठाए सवाल
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्ता पक्ष द्वारा जिस तरह गुंडागर्दी तथा तानाशाही का खुला प्रदर्शन किया गया वह हिमाचल के संसदीय इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज हो चुका है। आंदोलन, रास्ता रोकना, नारेबाजी यह दशकों से आजाद भारत में विपक्ष द्वारा किया जाता रहा है और भारतीय जनता पार्टी
विपक्ष में रहते हुए विरोध के इससे अजीबोगरीब तरीके अख्तियार करती रही है। जैसे संसद में नोटों के सूटकेस तक भाजपा ने विपक्ष के रूप में लहराए। वैसे भी राज्यपाल संवैधानिक पद पर आसीन हैं उनके लिए उनकी अपनी सुरक्षा काफी है। अगर चूक भी हो कानून का सहारा लिया जा सकता था। लेकिन कल जिस तरह से सत्तारूढ़ दल द्वारा बाउंसरस की भूमिका निभाई गई, वह भी विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा जो खुद संवैधानिक पद पर है, बहुत ही अशोभनीय है। खैर पांवटा साहिब क्षेत्र की जनता तो विधानसभा उपाध्यक्ष से जन मंच पर ही रूबरू हो चुकी थी। जब उन्होंने खुले हाथ सरकारी कर्मचारियों से भी दो-दो हाथ करने तक की धमकी दी थी। हिमाचल
प्रदेश की संस्कृति के अनुसार हिमाचल प्रदेश की राजनीति संस्कृति सभ्याचार के लिए काला दिन काले अक्षरों में लिखा जा चुका है। यह अघोषित आपातकाल नहीं है तो और क्या है? नेता प्रतिपक्ष को लोकतंत्र में नित बड़ा मान सम्मान प्राप्त होता है और उनके साथ किसी भी तरह की धक्का-मुक्की अब बदसलूकी किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जा सकती। आज सत्तारूढ़ दल के लोगों ने खुद अपने मुंह पर कालिख पोती है। जिस संयम का परिचय कांग्रेस विधायक दल ने दिया वह स्वागत के योग्य है। कम से कम विपक्ष ने तो इस देश के संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर कोई प्रश्न चिन्ह लगने नहीं दिया।