Paonta Sahib: जंगली फल अंजीर-लाल बेर से सकते हैं उत्तम श्रेणी की बागवानी: चंद्र मोहन शर्मा ddnewsportal.com
Paonta Sahib: जंगली फल अंजीर-लाल बेर से सकते हैं उत्तम श्रेणी की बागवानी: चंद्र मोहन शर्मा
पाँवटा साहिब के श्री गुरु गोविंद सिंह जी राजकीय महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ विभव कुमार शुक्ल के निर्देशन में करियर काउंसलिंग और प्लेसमेंट सेल तथा वनस्पति विज्ञान द्वारा 'कैरियर ऑप्शंस इन हार्टिकल्चर' लेक्चर का आयोजन किया गया। लेक्चर के मुख्य वक्ता बागवानी रिसर्च यूनिट शिमला के पूर्व निदेशक चंद्र मोहन शर्मा ने विद्यार्थियों को बागवानी में कैरियर एवं रोजगार के अवसर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्री शर्मा ने विद्यार्थियों को सेब की आधुनिक किस्मों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जिसमें बहुत सी किस्मों को वो इटली, जेनेवा और अन्य देशों से आयात करते हैं। इसके अलावा पाँवटा साहिब एवं आसपास की जलवायु को ध्यान में रखते हुए यहां पर पैदा किए जाने वाले फलों जैसे आम, स्ट्रॉबेरी आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। यहां पर पाए जाने वाले जंगली फल अंजीर, लाल बेर आदि को किस तरह उत्तम श्रेणी की बागवानी में बदला जा सकता है। यही नहीं फलों की ऐसी विकसित किस्मों के बारे में बताया जो बहुत कम जगह पर ज्यादा पैदावार देती है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि बागवानी, कृषि और पशुपालन में जो हमारे देश के पारंपरिक
तरीके सदियों से प्रयोग किए जाते रहे हैं, वे आज के दौर में भारत में और विदेशों में प्रयोग किए जाने वाले तरीकों से कहीं ज्यादा बेहतर है क्योंकि वे प्राकृतिक हैं और जमीन को नुकसान नहीं पहुंचाते। उन्होंने अपने जीवन के अनुभव से बताया कि आज के समय में बागवानी में बहुत अच्छा भविष्य है किंतु इसके लिए मेहनत के साथ-साथ धैर्य रखना भी बहुत आवश्यक है। खुद उन्हे भी बागवानी में पूर्णरूप से स्थापित होने के लिए 16 वर्षों का समय तय करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यदि इंसान की इच्छा शक्ति मजबूत है तो निश्चित तौर पर वह बागवानी में नए आयाम और कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ शुक्ल ने बताया कि महाविद्यालय में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए और भविष्य में उन्हें रोजगार के लिए तैयार करने की दिशा में प्रयास किए जाते हैं और इसीलिए समय-समय पर विद्यार्थियों की रुचि और उनकी जरूरत को ध्यान में रखते हुए संबंधित जानकारी देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञों को बुलाया जाता है। करियर प्लेसमेंट सेल की ट्रेनिंग और प्लेसमेंट अधिकारी प्रो दीपा चौहान ने बताया कि इस कार्यक्रम में बीएससी प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के अलावा हर संकाय और विषय से छात्रों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लिया। लेक्चर आयोजन का मुख्य मक़सद छात्रों को इस बात के प्रति जागरूक करना है कि उनके पास जो जमीन है उस में वे अपने लिए रोजगार के अवसर खुद तलाश कर सकते हैं और केवल नौकरी पाना ही रोजगार का विकल्प नहीं हो सकता।
कार्यक्रम के अंत में वनस्पति विभाग की प्रोफेसर धनवंती कंडासी ने मुख्य वक्ता चंद्र मोहन शर्मा का धन्यवाद किया तथा उनसे भविष्य में बागवानी पर वर्कशॉप के द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए सहयोग की अपेक्षा जताई। उन्होंने करियर काउंसलिंग एंड प्लेसमेंट सेल की डिप्टी हेड डॉ रितू पंत और वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर जाहिद अली के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।