यहाँ माइनस 30 डिग्री मे भी नल से मिलेगा जल ddnewsportal.com

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यहाँ माइनस 30 डिग्री मे भी नल से मिलेगा जल

बर्फ पिघलाकर पानी पीने की अब सेना और जनता को नही आएगी नौबत, जाने क्या है नई तकनीक...

अक्सर होता ये है कि सर्दी के मौसम मे बर्फ से ढके इलाकों मे पीने के पानी की बड़ी समस्या उभर कर सामने आती है। पाईपें ठंड के कारण जाम हो जाती हैं जिस कारण ऐसे क्षेत्र के लोगों को बर्फ पिघलाकर पानी पीना पड़ता है। लेकिन अब ऐसी नई तकनीक पर काम हो रहा है जो माइनस 30 डिग्री मे भी पाइपों मे पानी को नही जाम करने देगा। इसका पहला प्रयोग जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में किया जा रहा है। क्षेत्र के चीन सीमा पर डटे जवानों को सर्दियों में अब बर्फ पिघलाकर पानी पीने की नौबत नहीं आएगी। काजा के समदो में अब माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी जवानों को नल से जल मिलेगा। जलशक्ति विभाग ने काजा में स्पीति नदी के किनारे 96.27 लाख की योजना से 2700 मीटर की ऊंचाई पर बोरवेल के जरिए 24 घंटे पानी पहुंचाने की व्यवस्था की है। इस योजना का 80 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) एंड डोगरा स्काट नामक इस उठाऊ पेयजल योजना में सर्दियों में पानी पहुंचाने के लिए हीट

ट्रेस केबल का सहारा लिया जाएगा, जो पाइपों को गर्म रखती है। इसके बनने से भारत-चीन सीमा पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) व सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवानों सहित 2364 लोगों को लाभ होगा। समदो के आसपास कुछ ही घर हैं, जिनकी आबादी 150 के करीब है। 2700 मीटर ऊंचाई पर बोरवेल का काम पूरा हो चुका है। 25,000 लीटर की क्षमता का वाटर टैंक बनाया गया है। इसके बाद 300 मीटर ऊंचाई के लिए पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इसे जमीन में तीन फीट नीचे बिछाया जाएगा। इस पाइप को पालीयूरेथन फोम से ढका जाएगा। पाइप के साथ हीट ट्रेस केबल भी डाली जाएगी। केबल ट्रांसफार्मर व जेनरेटर से जुड़ी होगी जो पेयजल पाइप को गर्म रखेगी। पाइप को समय-समय पर खाली भी किया जाएगा ताकि पानी की आवाजाही में कोई रुकावट न हो। पुलिस चौकी समदो के जवानों को भी इस पेयजल योजना का लाभ होगा।

कैसे काम करता है ये सिस्टम :

यह हीट ट्रेसिंग सिस्टम है जो अब भारत में भी उपलब्ध है। इसमें जैसी परियोजना की मांग हो उसके मुताबिक केबल को पाइप के साथ लगाया जाता है। जब इस केबल को बिजली से जोड़ा जाता है तब यह पाइप को गर्म रखती है, जिससे पाइप में पानी नहीं जमता। इसका ट्रायल काजा में पहले हो चुका है, अब इसी माह दूसरा ट्रायल किया जाएगा। लाहुल घाटी में भी यह ट्रायल पहले सफल रहा है। जलशक्ति विभाग काजा के अधिशाषी अभियंता

मनोज नेगी का कहना है कि चीन सीमा पर सेना के जवानों सहित करीब 2400 की आबादी के लिए बोरवेल के जरिये सर्दियों में भी पानी की व्यवस्था की जाएगी। योजना का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। सर्दियों में हीट ट्रेस केबल के जरिए पाइप को गर्म रखा जाएगा। इससे पानी की आपूर्ति सुचारू रहेगी। जलशक्ति विभाग हिमाचल प्रदेश के सचिव विकास लाबरू का कहना है कि हमारा प्रयास है कि सभी को निर्बाध पेयजल की आपूर्ति हो। पेयजल आपूर्ति के लिए विशेषज्ञों से भी परामर्श लिया जा रहा है। समदो में इस पेयजल योजना के लिए अब निजी एजेंसी की सेवाएं ली जाएंगी। इसके बाद पाइप को तीन फुट नीचे जमीन में डालेंगे। बाद में थर्मल कोटिंग यानी हीट ट्रेसिंग सिस्टम भी प्रयोग किया जाएगा, ताकि इनका ताप बाहर न निकले और पानी न जमे।