Paonta Sahib: ये पांच वर्ष भी यूं ही निकल गये, रेल लाइन की आस फिर धरी की धरी ddnewsportal.com

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फाइल फोटो।

Paonta Sahib: ये पांच वर्ष भी यूं ही निकल गये, रेल लाइन की आस फिर धरी की धरी, अंतरिम बजट में पाँवटा साहिब का नही जिक्र...

ओद्योगिक व शिक्षा के हब मे उभर रहे तीन राज्यों के सीमांत नगर पाँवटा साहिब के लिए रेल लाईन मिलने की दशकों पुरानी मांग को क्या इस बार भी दरकिनार किया जाएगा। पांवटा की जनता और नगर से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े आम व खास लोगों के जेहन मे बार बार यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अंतरिम बजट में कहीं भी पाँवटा साहिब का ज़िक्र नही है। 
हर बार औद्योगिक क्षेत्र पाँवटा साहिब की रेल नेटर्वक के मामले में अनदेखी होती रही है। हमेशा चुनावी शोर मे ही यह मुददा सुनते है तथा उसके बाद यह खामौश हो जाता है। कभी यमुनानगर के जगाधरी से तथा कभी चंडीगढ़ और कभी देहरादून से सर्वेक्षणों का दिखावा जरुर होता रहा लेकिन गाड़ी उससे आगे नही बढ़ पाई। इसे जनप्रतिनिधियों द्वारा मामले को सही ढंग से पेश न किए जाने का दोष कहें या केन्द्र सरकार की बेरुखी कि हिमाचल के इस औद्योगिक क्षेत्र की रेल लाईन के मामले मे हमेशा अनदेखी होती रही है। 


जानकारी के मुताबिक पांवटा साहिब मे देशभर के करीब एक दर्जन से अधिक राज्यों के लोग बसते है। कुछ रोजगार की तलाश मे यहा पंहुचे है तो कई बिजनेस और नौकरी मे यहां सेटल है। ऐसे मे शहर मे रौजाना बाहरी राज्यों से लोगों का आवागमन रहता ही है। दूसरे यहां पर उद्योगों मे कई प्रकार का माल तैयार किया जाता है जो देश के कौने कौने और यहां तक कि विदेश मे भी जाता है। उद्योगों का कच्चा माल भी रेल मे आसानी व कम खर्चे मे आ सकता है। इसके अलावा पांवटा साहिब के प्रसिद्व दशम गुरु गोबिन्द सिंह के गुरुद्वारे मे भारत ही नही बल्कि विदेशों से भी सिख संगते आती रहती है। रेल लाईन के जुड़ने से पांवटा दून का पहाड़ी गिरिपार क्षेत्र भी र्प्यटन की दृष्टि से विकसित हो जाता। लेकिन लगता है कि जनता के चुने हुए नुमांईदों व केन्द्र सरकार को जनता को सड़क पर उतरकर बताना पड़ेगा कि वह रेल लाईन के हकदार है तथा उन्हे इस बार एक रेल लाईन अवश्य मिलनी चाहिए। इस मामले को बार बार पांवटा की आधा दर्जन से अधिक निजी संस्थाएं भी उठा रही है। प्रदेश के मुख्यमत्री समैत केन्द्र मे प्रधानमंत्री व रेल मंत्री को भी पत्र लिखकर इस मांग को पूरा

करवाने की मांग की जा रही है लेकिन केंन्द्र द्वारा बार बार अनसुना करना जनता की समझ से परे है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि लोस चुनाव के बाद पूर्ण बजट में पाँवटा साहिब के लिए रेल लाईन के मामले में कुछ अच्छी खबर सामने आएगी।                       
                        
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क्या कहती है संस्थाएं-

चैम्बर ऑॅफ कार्मस पांवटा साहिब के अध्यक्ष सतीष गोयल, गुरूद्वारा प्रंबधक कमेटी पांवटा साहिब के पूर्व मेनेजर कुलवन्त सिंह चौधरी, सिरमौर नागरिक कल्याण समिति व पांवटा साहिब व्यापार मंडल के प्रधान अनिन्द्र सिंह नौटी आदि का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा रेल मंत्री को लिखे पत्रों मे कहा गया है कि जगाधरी-पांवटा-राजबन रेल मार्ग बनाने हेतु सर्वेक्षण का कार्य वर्ष 1972 मे भी किया गया। एक सूचना के अनुसार रेल मंत्रालय द्वारा पांवटा को पेवाह से जगाधरी होते हुए रेल मार्ग से जोड़ने का एक प्रस्ताव योजना आयोग को भेजा गया परन्तु निर्माण की ओर एक कदम भी नही बढ़ सका। एक विश्वस्त सूचना के अनुसार केन्द्रीय सरकार मे रेल राज्यमंत्री रहे अधीर रजंन चौधरी ने संसद में एक प्रश्न का उतर देते हुए कहा था कि घनौली-बददी-नालागढ़-कालाआम्ब-पांवटा-देहरादून के बीच नई रेलवे लाईन का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है व अनुमानित राशि के अनुमोदन हेतु प्रस्ताव योजना आयोग को भेजा गया है। पत्र मे मांग की गई कि गत लोकसभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश मे रेलवे विस्तार का किया गया वादा पूरा करते हुए आने वाले बजट मे पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किया जायें तथा घनौली-पांवटा-देहरादून प्रस्तावित रेलवे लाईन बिछाने का काम शीघ्र आरम्भ किया जाए।

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पचास के दशक से चल रहा है सर्वेक्षण

जानकारी के मुताबिक सिरमौर जिला के पाँवटा क्षेत्र को रेल लाईन से जोड़ने हेतु 50 के दशक मे सर्वेक्षण का कार्य आरम्भ किया गया था जिसमें पाँवटा साहिब को यमुनानगर (जगाधरी,) सहारनपुर अथवा चण्डीगढ़ से जोड़ने की संभावनाएं तलाशी जानी थी। वर्ष 1962 मे सर्वेक्षण का कार्य किया भी गया। चण्डीगढ़ से देहरादून वाया बद्दी औद्यौगिक क्षेत्र, कालाआम्ब, पांवटा साहिब, सेलाकूई रेल लाईन बिछाने के लिए ममता बेनर्जी के मंत्रीत्वकाल मे 2 करोड़ रूपये की धनराशि आबंटित भी की गई थी परन्तु बताया जा रहा है कि तब से मामला फाइलों मे ही दब कर रह गया। उसके बाद सांसद वीरेन्द्र कश्यप और सुरेश कश्यप ने भी अपने चुनावी मेनिफेस्टो में पाँवटा साहिब को रेल मार्ग से जोड़ने के वायदे किए, लेकिन अभी तक ये वायदे ही रहे। 

इस बार के अंतरिम बजट में हालंकि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की तीन रेल लाइन के लिए पैसा स्वीकृत किया है। केंद्र सरकार ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी, नंगल डैम-तलवाड़ा और चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन के निर्माण के लिए अंतरिम बजट में 2,500 करोड़ का प्रावधान रखा है। इनमें सबसे ज्यादा 1700 करोड़ रुपये भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन के लिए मिलेंगे। नंगल डैम-तलवाड़ा के लिए 500 करोड़ और चंडीगढ़-बद्दी को 300 करोड़ मिलेंगे। लोकसभा चुनाव के चलते केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में कई रेल लाइनों का बजट बढ़ाया है।

क्या कहते हैं सांसद सुरेश कश्यप-

उधर, इस बारे में शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि पाँवटा साहिब को जगाधरी से रेल लाईन से जोड़ने की डीपीआर तैयार की जा चुकी है। ये अंतरिम बजट है, इसमे डिटेल में नहीं बताया जाता। उन्होंने बताया कि उन्हे उम्मीद है कि लोस चुनाव के बाद के पूर्ण बजट में जगाधरी-पांवटा साहिब प्रस्तावित रेल लाईन के सर्वेक्षण को बजट अवश्य मिलेगा।