45 निजी काॅलेजों के प्रिंसिपल अयोग्य करार ddnewsportal.com
45 निजी काॅलेजों के प्रिंसिपल अयोग्य करार
राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की प्रारंभिक जांच में हुआ खुलासा, 100 और काॅलेजों के दस्तावेज खंगाल रहा आयोग
करीब दो माह पूर्व हिमाचल प्रदेश के आठ निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार दिया गया था। और अब 45 निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल भी अयोग्य पाए गए हैं। यह खुलासा राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की प्रारंभिक जांच में हुआ है। जांच के दौरान संस्कृत, नर्सिंग, मैनेजमेंट और डेंटल कॉलेजों से एक भी प्रिंसिपल मानकों पर सही नहीं उतरा है। आयोग अभी 100 और कॉलेजों के दस्तावेज खंगाल रहा है। अयोग्य करार दिए गए प्रिंसिपलों के कॉलेजों को आयोग ने नोटिस जारी कर
जवाब तलब किया है। कॉलेजों का पक्ष सुनने के बाद आयोग आगामी कार्रवाई करेगा। इन कॉलेजों पर आरोप है कि प्रिंसिपलों की नियुक्ति से पहले संबद्ध विश्वविद्यालयों से मंजूरी नहीं ली, नियमित प्रिंसिपल नियुक्त नहीं किए, नियुक्ति प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया और तकनीकी शिक्षा बोर्ड से भी मंजूरी नहीं ली गई है। गोर हो कि निजी कॉलेजों के प्रिंसिपलों की नियुक्ति प्रक्रिया और शैक्षणिक योग्यता जांचने के लिए आयोग ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो वीसी डॉ. एनके शारदा की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया है। फरवरी में कई कॉलेजों की ओर से अधूरी जानकारी भेजी
गई थी। इसके बाद आयोग ने सभी कॉलेजों को नया परफार्मा जारी किया था। 25 फरवरी तक आयोग के पास 61 कॉलेजों ने जानकारी भेजी है।
उधर इस बारे मे निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने कहा कि प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 61 कॉलेजों की जांच पूरी हुई है। 45 कॉलेजों को पक्ष रखने के लिए समय दिया जाएगा। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो नियमानुसार आगामी कार्रवाई अमल मे लाई जाएगी।