श्री साई अस्पताल में आधुनिक सर्जरी से बवासीर से मुक्ति ddnewsportal.com

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श्री साई अस्पताल में आधुनिक सर्जरी से बवासीर से मुक्ति 

बिना दर्द, बिना चीरा, बिना टांका हजारों रोगियों का सफल इलाज।

जिला सिरमौर में लेजर सर्जरी से बवासीर, फिशर एवं फिस्टुला का सफल इलाज हो रहा है। श्री साई ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स के पाइल्स केयर एवं क्योर सेंटर, नाहन में डॉ. दिनेश बेदी लप्रोस्कोपिक सर्जन लेज़र तकनीक द्वारा बवासीर का सफल इलाज कर रहे है।  डॉ दिनेश बेदी ने बताया कि बवासीर रोग से आज हर तीसरा व्यक्ति जाने अनजाने ग्रस्त है। हमारा लाइफस्टाइल, खान-पान, वर्किंग स्टाइल सब कहीं न कहीं बवासीर रोग को उत्पन करने में सहायक हो रहा है। बवासीर जिसे  Piles या Hemorrhoids भी कहा जाता है बेहद तकलीफदेह होती है। इसमें गुदा (Anus) के अंदर और बाहर तथा मलाशय (Rectum) के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से गुदा के अन्दर और बाहर, या किसी एक जगह पर मस्से बन जाते हैं। मस्से कभी अन्दर रहते हैं, तो कभी बाहर आ जाते हैं। करीब 60 फीसदी लोगों को उम्र के किसी न किसी पड़ाव में बवासीर की समस्या होती है। रोगी को सही समय पर पाइल्स का इलाज (Piles Treatment) कराना बेहद ज़रूरी होता है। समय पर बवासीर का उपचार नहीं कराया गया तो तकलीफ काफी बढ़ जाती है।

बवासीर दो प्रकार की होती हैं, जो ये हैंः-

खूनी बवासीर

खूनी बवासीर में किसी प्रकार की पीड़ा नहीं होती है। इसमें मलत्याग करते समय खून आता है। इसमें गुदा के अन्दर मस्से हो जाते हैं। मलत्याग के समय खून मल के साथ थोड़ा-थोड़ा टपकता है, या पिचकारी के रूप में आने लगता है। मल त्यागने के बाद मस्से अपने से ही अन्दर चले जाते हैं। गंभीर अवस्था में यह हाथ से दबाने पर भी अन्दर नहीं जाते। इस तरह के बवासीर का तुरंत उपचार कराएं। 

बादी बवासीर-

बादी बवासीर में पेट की समस्या अधिक रहती है। कब्ज एवं गैस की समस्या बनी ही रहती है। इसके मस्सों में रक्तस्राव नहीं होता। यह मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें बार-बार खुजली एवं जलन होती है। शुरुआती अवस्था में यह तकलीफ नहीं देते, लेकिन लगातार अस्वस्थ खान-पान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इनमें खून जमा हो जाता है, और सूजन हो

जाती है। इसमें भी असहनीय पीड़ा होती है, और रोगी दर्द से छटपटाने लगता है। मलत्याग करते समय, और उसके बाद भी रोगी को दर्द बना रहता है। वह स्वस्थ तरह से चल-फिर नहीं पाता, और बैठने में भी तकलीफ महसूस करता है। इलाज कराने से यह समस्या ठीक हो जाती है। 
डॉ दिनेश बेदी ने बताया की पाइल्स केयर एन्ड क्योर सेंटर में बवासीर का आधुनिक लेज़र तकनीक दवारा इलाज किया जाता है। लेज़र सर्जरी द्वारा ऑपरेशन में रोगी को न तो दर्द होता है, ना कोई कट लगते है, ना ही टांका लगाया जाता है।  इस तकनीक दवारा इलाज के लिए रोगी को जयादा दिन तक अस्पताल में नहीं रहना पड़ता। रोगी ऑपरेशन के दिन ही वापिस घर जा सकता है। साथ ही अगले दिन अपने रोज़ मर्रा के  कार्य कर भी सकता है। उन्होंने कहाँ की बवासीर रोग को लोग किसी को बताने में शरमाते है मगर रोग छुपाने से स्थिति भयानक हो सकती है। इसलिए समय रहते रोगी को सही इलाज करवाना चाहिए। हमारे पाइल्स केयर एन्ड क्योर सेंटर में अब तक हज़ारों सफल ऑपरेशन किये गए है।