शिलाई- नेताओं-प्रशासन की लापरवाही जनता पर पड़ रही भारी ddnewsportal.com

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शिलाई: बोहराड़ के समीप मलबा और पत्थर आने से एनएच चार घंटे बंद।

शिलाई- नेताओं-प्रशासन की लापरवाही जनता पर पड़ रही भारी

आए दिन एनएच पर मलबा और दीवारों के ध्वस्त होने से सड़क हो रही बंद, एनएच निर्माण कार्य पर सवाल उठाने के बाद भी नेताओं की चुप्पी  का जवाब जानना चाहती है जनता।

जब भी कोई स्थानीय व्यक्ति एनएच निर्माण के दौरान हो रही अनियमितताओं को लेकर सवाल उठाते तो उन्हे यह कहकर चुप करवा दिया जाता कि विकास के लिए थोड़ा-बहुत तो नुकसान झेलना पड़ता है। यही नही उसीए खिलाफ सा माहौल तैयार कर दिया जाता कि वह जनता का नही बल्कि अपना हित साध रहा है। ऐसा ही मीडिया को भी बदनाम करने की कौशिशें होती रही किये लोग तो खबरें इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि इन्हे पैसे चाहिए। 
लेकिन आज एनएच-707 के कारण स्थानीय जनता की जो हालत है उससे लोगों को समझ आ चुका है कि बार बार काम में धांधली की आवाज उठाने वाले स्थानीय कुछ लोग और मीडिया गलत नही था। वरना एक ही बरसात में दर्जनों दीवारें ताश की पत्तों की तरह न ढहती और न ही लोगों की अवैज्ञानिक डंपिंग से जमीने बरबाद होती। 

पिछले कुछ दिनों से एनएच पर रौजाना यातायात बाधित हो रहा है। कभी एक गंटे के लिए कभी 5-5 घंटे के लिए। कारण एनएच निर्माण के दौरान लगाई गई घटिया दीवारों का ढहना और गलत तरीके से कटिंग करना जिससे मलबा और पत्थर सड़क पर आ रहे है। परेशानी आम जनता को भुगतनी पड़ रही है। इतना सबकुछ होने के बाद भी स्थानीय कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के मुहं से निर्माण कर रही कंपनियों के खिलाफ एक शब्द तक नही निकल रहा। जनता इस चुप्पी को क्या समझे...? न तो प्रशासन सुध ले रहा और न ही सरकार और उनके नुमाईंदे


1350 करोड़ रूपए की भारी लागत से बन रहे बद्रीपुर-गुम्मा एनएच 707 पर बन रही दीवारें बरसात में ताश के पत्तों की तरह ढ़ह रही है। जिस कारण निर्माण कार्य और सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
हैवणा से बोहराड़ तक 25 किलोमीटर का निर्माण कार्य आरजीबी कंपनी कर रही है। आरजीबी कंपनी ने बड़वास से शिल्ला के बीच सड़क के साथ दीवारों का निर्माण कार्य किया।
लेकिन बड़वास के नजदीक आरडी नंबर 28/100 के आसपास बनी दीवारें बरसात में ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है। जिसमें साफ दीखाई दे रहा है की निर्माण कार्य में सीमेंट बहुत ही कम डाला गया है। जिससे निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।


इससे पहले भी कई बार क्षेत्र के ग्रामीण निर्माण कार्य में गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा चुके हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने इस नेशनल हाईवे को ग्रीन कोरिडोर प्रोजेक्ट में डाला है। जिसको एनएचएआई अथॉरिटी खुद देख रही है लेकिन उसके बावजूद भी लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं।
गोर हो कि बद्रीपुर -गुम्मा एनएच 707 पर 104 किलोमीटर सड़क के चार भागों में 1350 करोड़ रूपए की लागत से निर्माण कार्य चला हुआ है। जिनमे अधिकांश स्थानों पर दीवारों के ढहने से यातायात बंद और बेतरतीब ढंग से डंप किये गये मलबे से किसानों की खेती और सिंचाई के साधन तबाह हो गये है। लेकिन कार्यवाई के नाम पर किसी भी विभाग द्वारा कोई खास एक्शन नही लिया गया है। 


उधर एनएचएआई अथॉरिटी के स्थानीय अधिकारी का कहना है कि शिकायत मिली है, जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि सभी को पता है कि जांच कब पूरी होगी और किस पर कार्यवाही होगी, लेकिन जनता ने मन बना लिया है कि जितने वे परेशान हुए है, उसका आगामी चुनाव में बदला जरूर चुकाया जाएगा।