शिलाई: शिलाई कॉलेज में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का आयोजन, आर्यभट्ट से गगनयान तक के सफर पर चर्चा ddnewsportal.com

शिलाई: शिलाई कॉलेज में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का आयोजन, आर्यभट्ट से गगनयान तक के सफर पर चर्चा
भौतिक विज्ञान विभाग, राजकीय महाविद्यालय शिलाई ने विज्ञान प्रसार क्लब के सहयोग से राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया। इस अवसर पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका विषय था "आर्यभट्ट से गगनयान: प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाओं तक"।
यह व्याख्यान डॉ. संसार चंद, सहायक प्राध्यापक, भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. सुजाता खमन, सहायक प्राध्यापक, वनस्पति विज्ञान विभाग के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने व्याख्यान के सार और संदर्भ को बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया और मंच संचालन करते हुए श्रोताओं को व्याख्यान के विषय से जोड़े रखा।
डॉ. संसार चंद ने इसरो की यात्रा को विस्तार से बताया कि कैसे इसकी स्थापना से लेकर अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट के प्रक्षेपण से आगामी गगनयान मिशन तक का सफर तय हुआ।
उन्होंने इसरो के कई महत्वपूर्ण सफल अभियानों का उल्लेख किया। साथ ही भारत की प्राचीन खगोल ज्ञान परंपरा पर प्रकाश डालते हुए उन वेधशालाओं का भी वर्णन किया जिनका उपयोग समय मापने और ग्रह-नक्षत्रों की गतियों का अध्ययन करने के लिए किया जाता था। उन्होंने सूर्य सिद्धांत की महत्ता को भी समझाया, जो हिंदू पंचांग और खगोल विज्ञान में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
व्याख्यान में वैदिक और पूर्ववैदिक कालीन भारतीय ज्ञान परंपरा पर भी चर्चा की गई, जिसमें जीवन विज्ञान, गणित, आयुर्वेद तथा भारतीय विज्ञान-दर्शन शामिल हैं। डॉ. चंद ने यह भी स्पष्ट किया कि किस प्रकार भारतीयों की आध्यात्मिक जिज्ञासा से जुड़ा यह ज्ञान आज तक आगे बढ़ता आया है और वर्तमान वैज्ञानिक परिदृश्य तक पहुँचा है। उन्होंने इसरो की भविष्य की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।
यह व्याख्यान अत्यंत संवादात्मक और ज्ञानवर्धक रहा। छात्रों ने इसमें गहरी रुचि दिखाई और जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए प्रश्न पूछे। इस अवसर पर निबंध लेखन और पोस्टर निर्माण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ. जे. आर. कश्यप ने भौतिक विज्ञान विभाग और विज्ञान प्रसार क्लब के इस ज्ञानवर्धक आयोजन की सराहना की। अपने समापन संबोधन में उन्होंने ऐसे आयोजनों की महत्ता पर बल दिया और भविष्य में भी इन्हें निरंतर आयोजित करने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में विज्ञान प्रसार क्लब के अन्य सदस्य प्रोफेसर रंजना चौहान, प्रोफेसर रीबा के अतिरिक्त महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण उपस्थित रहे और अंत में राष्ट्रीय गान के साथ यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।