किसान आंदोलन के दौरान हुए मुकद्दमें वापिस लें सरकार ddnewsportal.com

किसान आंदोलन के दौरान हुए मुकद्दमें वापिस लें सरकार ddnewsportal.com

किसान आंदोलन के दौरान हुए मुकद्दमें वापिस लें सरकार 

संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को मुआवजा देने की भी उठाई मांग।

सेब, मक्की, अदरक,आलू, टमाटर जैसी अन्य फल, फसलों और सब्जियों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य दें केंद्र सरकार।

संयुक्त किसान मोर्चा ने हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर सरकार से किसान आंदोलन के दौरान पांवटा साहिब नालागढ़ सहित अन्य जगह दर्ज हुए मुकद्दमों को वापिस लेने की मांग की है। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने हिमाचल प्रदेश किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों तथा घायल हुए साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से उनको मुआवजा देने की भी मांग रखी है। जारी प्रेस बयान में संयोजक, संयुक्त

किसान मोर्चा हिमाचल प्रदेश अनिन्द्र सिंह नौटी, एवं खूब राम संयोजक जिला मंडी, मनीष ठाकुर संयोजक जिला सोलन, बृजेश शर्मा संयोजक जिला ऊना, गुरमुख सिंह, चरणजीत सिंह जैलदार, गुरजीत सिंह, जसविंदर बिलिंग, देवरूप सैनी, बलविंदर ठाकुर, हरिराम शास्त्री, अर्जुन सिंह रम्मी, गुरनाम सिंह आदि ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि लोकसभा के पटल पर केंद्र सरकार कहती है कि उसके पास आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है जबकि केंद्र की गुप्तचर एजेंसियां एक छोटी छोटी घटना का विवरण भी रोजाना नोट करके गृह मंत्रालय को भेजती रहती हैं। अगर यह सच भी हो तब भी यह गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार की बहुत बड़ी विफलता और चूक है।
सरकार इस गलतफहमी में ना रहे कि तीन काले कृषि कानूनों को वापिस लेने मात्र से यह आंदोलन खत्म हो जाएगा क्योंकि अभी किसानों की अन्य मांगों पर सरकार ने कोई घोषणा या बयान जारी नहीं किया है।
किसानों की अन्य मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी बिल, बिजली संशोधन विधेयक की वापसी, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को सरकारी मुआवजा शामिल हैं। संयुक्त किसान मोर्चा हिमाचल प्रदेश सेब, मक्की, अदरक,आलू, टमाटर जैसी अन्य फल,फसलों और सब्जियों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग करता

है। इस बार सेब और टमाटर के किसानों की दुर्दशा के बाद अदरक के किसान बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं और उच्चतम गुणवत्ता का अदरक मार्केट में मात्र 20 रूपये किलो थोक में बिक रहा है। हिमाचल प्रदेश में खाद का गंभीर संकट है और मांग के अनुपात में नाम मात्र खाद सरकारी डिपो तक पहुंच रही है। आंदोलन जारी रहने तक हिमाचल प्रदेश के किसान पहले की तरह इस आंदोलन और दिल्ली मोर्चे में भाग लेते रहेंगे तथा कल 3 दिसम्बर को हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों से किसानों का जत्था दिल्ली रवाना हो रहा है और हिमाचल प्रदेश संयुक्त किसान मोर्चा 4 दिसम्बर को दिल्ली में केंद्रीय संयुक्त किसान मोर्चा की महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेकर इसमें हिमाचल प्रदेश के किसानों का पक्ष रखेगा ताकि वह भी अगले एजेंडे में शामिल हो सकें।