ट्रक ऑपरेटर्स के लिए लाई गई नई पॉलिसी का व्यापारिक संगठन ने किया विरोध ddnewsportal.com
ट्रक ऑपरेटर्स के लिए लाई गई नई पॉलिसी का व्यापारिक संगठन ने किया विरोध
व्यापार मंडल पांवटा ने निजी बसों की तर्ज पर ट्रक ऑपरेटर्स को भी राहत देने की उठाई मांग
सरकार द्वारा ट्रक ऑपरेटर्स के लिए लाई गई नई पॉलिसी का क्षेत्र के सभी व्यापारिक संगठन विरोध करते हैं। यह बात पांवटा साहिब मे जारी प्रेस बयान में व्यापार मंडल पांवटा साहिब के प्रधान अनिन्द्र सिंह नौटी ने कही। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में एक बैठक की गई थी और बैठक के माध्यम से ट्रक ऑपरेटरों के ऊपर एक नई पॉलिसी लागू की गई थी। जिसमें कहा गया है कि जब से ट्रक की रजिस्ट्रेशन हुई है तब से लेकर अब तक का जितना भी बकाया गुड्स बकाया है जमा करवाकर
एनओसी ली जानी अनिवार्य है। इस पर पर 18 प्रतिशत टैक्स पर ब्याज के अतिरिक्त पेनाल्टी भी लगाई गई है। सरकार आज भी पुराने सूदखोरों के खून चूसने वाले ब्याज दर को अपना रही है जबकि बैंक का ब्याज भी अब 9% से अधिक नहीं है। सरकार की नई नीति के कारण ट्रक ऑपरेटरों को आर्थिक तौर पर खासा नुकसान भी झेलना पड़ा है। सरकार द्वारा पिछले महीने बैठक के दौरान बसों के दो-दो सालों के टोकन व गुड्स टैक्स माफ किए गए थे, इसी वजह से ट्रक आपरेटरों में रोष पनपा हुआ है। करोना की मार ट्रक मालिको पर भी उतनी ही पड़ी जितनी बाकी वर्गो पर। ट्रक जैसे वाहनों पर टैक्स बड़ने से सीधे किराए पर असर होगा जो व्यापारी वर्ग और उपभोक्ता दोनो पर बोझ डालेगा। ट्रक ऑपरेटरों द्वारा जब अपनी गाड़ी की पासिंग करवाई जाती थी तो वह एक क्वार्टर का टोकन टैक्स व गुड्स टैक्स जमा करने के बाद हो जाती थी लेकिन अब सरकार ने उन्हें नए नियमों से बांध दिया है। जिसके चलते उनका पुराना गुड्स टैक्स लाखों रुपए बकाया आ रहा है और वह उस
पर 18 प्रतिशत ब्याज व पेनालिटी भी देना पड़ रहा है जिसके चलते वह एनओसी लेने में असमर्थ है। जयराम ठाकुर अगर जल्द ही बसों की तर्ज पर ट्रक ऑपरेटरों पर लगाया गया यह फरमान और जजिया कर और 18 प्रतिशत गुड्स टैक्स लगा ब्याज व अतिरिक्त पेनेलिटी वापस नहीं लेती तो ट्रक ऑपरेटरों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ धरने प्रदर्शन व आंदोलन करने को सभी मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। सरकार को समझना होगा की कर्मचारी वर्ग के साथ साथ अन्य वर्गो को भी न्याय देना जरूरी है खासतौर ट्रक देश की लाइफलाइन हैं और सरकार को कई तरह का टैक्स देते हैं पर लेते कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि नई पॉलिसी एक गुंडा टैक्स के इलावा कुछ नहीं है, जिसको जल्द से जल्द वापिस लिया जाए।