Himachal News: Alert- साइबर शातिरों के निशाने पर अब पैंशनर्स ddnewsportal.com

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फोटो साभार गूगल

Himachal News: साइबर शातिरों के निशाने पर अब पैंशनर्स 

जीवन प्रमाण-पत्र ऑनलाइन अपडेट के नाम पर हो रही ठगी की कौशिश, साइबर सेल की एडवाइजरी...

ऑनलाइन के इस दौर में साइबर अपराध के मामले बढ़ते जा रहे है। हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नही है। यहां भी ऑनलाइन फ्राड करने के केस सामने आ रहे हैं। साइबर ठग लोगों को नये नये तरीकों से अपना निशाना बना रहे हैं। अब इनका निशाना पैंशनर्स है। हिमाचल प्रदेश में भी लाखों की संख्या में पैंशनर्स है, जिन्हे हर वर्ष जीवन प्रमाण-पत्र अपडेट करवाना पड़ता है। ऐसे में साइबर अपराधों को अंजाम देने वालों ने इस बड़े तबके को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है। 


जी हां, साइबर अपराधियों ने अब जीवन प्रमाणपत्र ऑनलाइन अपडेट करने के नाम पर ठगी का नया खेल शुरू कर दिया है। इनके निशाने पर सेवानिवृत अधिकारी और कर्मचारी हैं। आपकी जरा सी लापरवाही आपकी जीवनभर की पूंजी लुटा सकती है। साइबर अपराधी पेंशन धारकों को जीवन प्रमाण-पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए पूरे डाटा के साथ फोन कॉल कर रहे हैं। इसके बाद पेंशनरों को झांसे में लेकर ओटीपी भेजकर ठगी की वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।


साइबर पुलिस में इस तरह की शिकायत आई है। ऐसे में पुलिस ने भी पेंशनर धारकों को  ठगी से बचने के लिए अलर्ट रहने की सलाह दी है। साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन ठगी के तरीके बदल दिए है। पेंशन धारकों को जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए फोन कॉल किए जा रहे हैं। 
हैरत की बात यह है कि शातिरों के पास पेंशनर की नियुक्ति और सेवानिवृति दिनांक, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड संख्या, स्थायी पता, ईमेल आईडी, मासिक पेशन और नॉमिनी की पूरी जानकारी है। शातिर पेंशनर को विश्वास में लेकर ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं। एक बार जब पेंशनधारक फोन पर आए ओटीपी को साझा करते हैं तो जालसाजों को पेंशनर के खाते का डायरेक्ट एक्सेस कंट्रोल मिल जाता है। इसके बाद पेंशनधारक के खाते से जमा समस्त राशि को दूसरे फर्जी बैंक खातों एवं वॉलेट में स्थानांतरित कर देते हैं। अब शातिर सूबे के पेंशनरों को फोन कॉल कर ठगी करने की फिराक में हैं।

■ बैंक-आधार में दर्ज नंबर रखें गोपनीय- 

उधर, एएसपी साइबर क्राइम भूपेंद्र नेगी का कहना है कि साइबर ठगों से बचने के लिए लोग बैंक, आधार और राशन कार्ड में दर्ज नंबर को गोपनीय रखें। इनमें दर्ज नंबरों को व्हाट्सएप नंबर पर

रखने से बचें। बैंक से संबंधित मैसेज के साथ लिंक और अज्ञात नंबरों से आए लिंक को भी न खोलें। ओटीपी शेयर न करें। जीवन प्रमाण-पत्र को व्यक्तिगत तौर पर कार्यालय जाकर अपडेट करवाएं। किसी व्यक्ति को ऑनलाइन जीवन प्रमाण-पत्र बनाने संबंधित कॉल आती है तो 1930 नंबर एवं संबंधित थाने में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। 

■ ये रहे है ठगी के हथकंडे-

●बिजली बिल जमा करने के नाम पर
●लक्की ड्रा के नाम पर
●ट्रैफिक चालान जमा करने पर
●बैंक अफसर बन अकाउंट बंद होने का झांसा देकर
●बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करने के नाम पर
●एटीएम लैप्स होने का झासा देकर
●आधार, राशन कार्ड डाटा चुराकर
●केवाईसी अपडेट
●कूरियर और विदेशों से कीमती सामान भेजने पर
●मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से फर्जी लिंक भेजकर
●बैंक का फिशिंग पेज बनाकर

■ साइबर पुलिस ने जारी  की एडवाइजरी-
 
सावधानी बरतने से ही ठगी से बच सकते हैं। उधर, साइबर पुलिस ने अज्ञात नंबरों से आए फोन कॉल को न उठाने की एडवाइजरी जारी की है।