क्या बैला वैली की सौंठ की लौटेगी चमक ddnewsportal.com

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क्या बैला वैली की सौंठ की लौटेगी चमक

70 के दशक मे एशिया की कृषि मंडी मे होती थी धाक, हाटी समीति ने शुरु किये ब्रांडिंग के प्रयास

क्या एशिया मे सौंठ के लिए मशहूर बैला वैली की सौंठ की चमक वापिस लौट आएगी। यह सवाल अब इसलिए उठ रहा है क्योंकि हाटी समीति के पदाधिकारी इसकी ब्रांडिंग का कार्य शुरू करने जा रहे है। जानकारी के मुताबिक भौगोलिक उपदर्शन न होने की वजह से गिरिपार क्षेत्र के बैला वैली

के सौंठ की चमक फीकी पड़ गई है। 70 के दशक से एशिया की कृषि मंडी में अपनी धाक जमाने वाली बैला वैली की सौंठ, बिना ब्रैंडिंग के इतिहस बनकर रह जाती यदि इसके लिए स्थानीय जागरूक लोग इसकी ब्रांडिंग के लिए प्रयास न करते। लेकिन अब बैला वैली की सौंठ को ब्रैंडिंग दिलवाने के लिए केंद्रीय हटी समिति के महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने कार्य आरंभ कर दिया है। यदि गिरीपार के बैला वैली की सोंठ की ब्रांडिंग हो जाती है तो क्षैत्र मे आने वाले एक सौ से अधिक गांव के किसानों की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार आएगा। बातचीत मे कुंदन सिंह शास्त्री ने बताया कि पूरे हिंदुस्तान में चेरापूंजी

आसाम, मेघालय, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश केरल, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में अदरक की जबरदस्त खेती होती है। तथा इन राज्यों में किसान अल्पाइ नामक सौंठ बनाते है। लेकिन गिरिपार की बैला वैली के 100 से ज्यादा गांव के किसानों द्वारा बनाई जाने वाली सौंठ की क्वालिटी एशिया में प्रसिद्ध है। यहां की सौंठ में हर्बल ओषधीय गुण, पाउडर, साईज अच्छा रहता है। आज भी बैला वैली की सौंठ की कीमत भारत के विभिन्न राज्यों व नेपाल, भूटान, चीन की अल्पाई सौंठ से दुगुनी है। लेकिन ब्रैंडिंग ना होने की वजह से किसानों को इसकी कीमत सही नहीं मिल पा रही है। कुंदन सिंह शास्त्री का कहना है कि उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के उपकुलपति डॉ एस के गुप्ता के साथ मिलकर बैला वैली की सोंठ को ब्रांडिंग बनाने के लिए कार्य शुरू किया था लेकिन वह सेवानिवृत्त हो गए। जल्दी वह वर्तमान कुलपति से मिलेंगे। उनका कहना है कि पहले ब्रांडिंग उसके बाद पैकिंग तथा उसके बाद सोंठ का ब्रेंड नाम देना अनिवार्य है। तभी लुप्त हो रही एशिया में प्रसिद्द बैला जिंजर वैली की सौंठ को सही मार्केट मिलेगी। किसानों को अच्छा लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। वह जल्द ही कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपति, कृषि मंत्री तथा किसान संगठन से  मिलकर गिरिपार के बैला वैली की सौंठ को ब्रांडेड बनाने के कार्य को अमली जामा पहनाने का प्रयास करेंगे।