ओटीपी से पैसे ही नही राशन भी होने लगा गायब ddnewsportal.com

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फोटो: साभार गूगल।

ओटीपी से पैसे ही नही राशन भी होने लगा गायब

सिरमौर के पड़ोसी जिले में आया हैरान करने वाला मामला, जानिए, उपभोक्ता के फिंगर प्रिंट के बगैर कैसे राशन पर हुआ हाथ साफ।

अभी तक आपने ओटीपी यानि वन टाइम पासवर्ड से बैंक फ्राॅड होने की खबरें सुनी होगी लेकिन अब तो ओटीपी से उपभोक्ता के फिंगर प्रिंट के बगैर डिपु के राशन पर भी हाथ साफ होने लगा है। यह हैरान करने वाले मामला हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला में सामने आया है। यहां के चम्बाघाट में बसाल रोड पर स्थित जिला उपभोक्ता विपणन संघ के राशन डिपो में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें अपने घर में बैठे एक उपभोक्ता के मोबाइल पर ओटीपी नम्बर आता है। अभी वह उसे समझ पाता कि थोड़ी देर में उनके मोबाइल पर पीडीएस बिल का मैसेज डिलीवर होता है। जिसके

अनुसार उन्होंने राशन डिपो से 265.55 रुपए का राशन खरीदा है। इसमें 6.5 किलो चावल मूल्य 65 रुपए, चीनी 2.50 किलो मूल्य 75 रुपए और चावल 13.5 किलो मूल्य 125.55 रुपए है। उपभोक्ता ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को भी इसकी शिकायत की है, जिसके चलते इस मामले में संबंधित डिपो होल्डर को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। अभी यह किसी की समझ में नहीं आया है कि यह गड़बड़ी किस स्तर पर हुई है। हालांकि विभाग फिलहाल इसे साइबर क्राइम से जोड़कर नहीं देख रहा है। उपभोक्ता ने यह मैसेज मिलने के बाद जब संबंधित डिपो होल्डर से संपर्क किया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। 
मामला बीते 31 जनवरी का है। उपभोक्ता ने जनवरी माह का अपना राशन नहीं लिया था। अब उनका राशन कोई दूसरा कैसे ले गया यह जांच का विषय है। क्योंकि राशन कार्ड आधारकार्ड से जुड़े हुए हैं। पोस मशीन में राशन कार्ड में दर्ज परिवार के किसी सदस्य के फिंगर प्रिंट मैच होने के बाद ही राशन दिया जाता है। राशनकार्ड धारक का कहना है कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य राशन के लिए नहीं गया था। फिर आधारकार्ड का ओटीपी कैसे जैनरेट हो गया। उपभोक्ता ने डिपो होल्डर से अपना ओटीपी नम्बर भी शेयर नहीं किया तो फिर कैसे उनके कोटे का राशन किसी और का दे दिया।
मामला सामने आने के बाद ऐसा लग रहा है कि राशन डिपो में बायोमीट्रिक मशीन के बावजूद गड़बड़ियां हो रही हैं। विशेषकर वे उपभोक्ता जो डिपो से

हर माह अपना राशन नहीं ले रहे हैं, उनके कोटे का राशन किसी और को दिया जा रहा है। यह पूरा काम महीने के आखिर दिनों में हो रहा है। ऐसी संभावनाओं को नकारा भी नहीं जा सकता। यदि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग इस पूरे मामले की जांच करता है तो बहुत बड़े घोटाले का खुलासा हो सकता है। 
उधर, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सोलन नरेन्द्र धीमान का कहना है कि प्रारम्भिक तौर यह गड़बड़ी डिपो स्तर पर ही हुई है। डिपो होल्डर को नोटिस जारी किया जा रहा है। विभाग के निरीक्षक को इस मामले की जांच करने को कहा गया है। जिस राशन कार्ड नम्बर एचपी 201607-2443577 का राशन किसी और को दिया गया है, उस उपभोक्ता की विभाग को शिकायत मिली है। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। इस तरह का उनके ध्यानार्थ पहला मामला आया है। उन्होंने बताया कि हो सकता है कि ओटीपी नम्बर के बाद मैन्युअल एंट्री की गई हो। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।