गांवों की ओर महामारी का मुख- ddnewsportal.com

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गांवों की ओर महामारी का मुख

टेस्टिंग मे संक्रमण की दर चिंता देने वाली, दिन प्रतिदिन बढ़ रहे मामले, स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ करने की ज़रूरत।

हिमाचल प्रदेश मे कोरोना संक्रमण अब ग्रामीण क्षेत्रों मे तेजी से फैल रहा है। सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों की और ध्यान देकर सुविधाएं बढानी होगी तभी प्रदेश के गांव बच पायेंगे। दरअसल, राज्य के शहरी क्षेत्रों मे टेस्टिंग काफी हद तक पूरी हो चुकी है। इसलिए पीक के बाद मामलों मे गिरावट लाजिमी हैं। लेकिन गांव मे कम टेस्टिंग या लोगों द्वारा टेस्टिंग न करवाना आने वाले समय मे घातक साबित हो सकता है। इसके उदाहरण देखने को मिलने लगे हैं। लोग तब अस्पताल पंहुच रहे हैं जब वह गंभीर हो जाते हैं जिससे उन्हें बचाना चिकित्सकों के लिए भी मुश्किल हो जाता है। सिरमौर जिला की ही बात करें

तो ग्रामीण क्षेत्रों में जो टेस्ट हो रहे हैं उसमे पोजिटिविटी रेट डराने वाला है। गत दिनों शिलाई विधानसभा क्षेत्र के जाखना मे 67 लोगों की कोविड जांच हुई। जिसमे करीब 45 लोग पाॅजिटिव पाए गए। वहीं 15 मई को कफोटा मे भी सैंपलिंग हुई। यहां पर कुल 69 लोगों के टेस्ट हुए जिसमे से 35 लोग पाॅजिटिव पाए गये। यही हाल जिले की अन्य विधानसभा के भी है। यह आंकड़ा अच्छे संकेत नही है। ऐसे मे सरकार को शहर की तरह अब सरकारी तंत्र का ज्यादा से ज्यादा उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में करना चाहिए। चाहे वो टेस्टिंग हो या कोविड केयर सेंटर और ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था को बढ़ाना। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक हर्ष वर्धन चौहान सरकार से मांग भी कर चुके हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में घर-द्वार जाकर लोगों के सैंपल उठाये जाने चाहिए ताकि संक्रमण को समय रहते काबू किया जा सके। हालांकि शिलाई विधानसभा क्षेत्र के शिलाई और कफोटा मे 5-5 ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की गई है। लेकिन आने वाले समय के दिए ये नाकाफी है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों मे अधिकतर आबादी रहती है। ऐसे मे प्रदेश सरकार को जल्द ही गांव मे स्वास्थ्य सुविधाएं जुटाने की और अग्रसर होना चाहिए।