HP Accident News: हिमाचल में शाम 6 से 9 बजे के बीच होते हैं अधिकांश सड़क हादसे, पढ़ें, एक वर्ष की iRDA की रिपोर्ट... ddnewsportal.com

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फाइल फोटो: संजय कुंडू, डीजीपी हिमाचल प्रदेश।

HP Accident News: हिमाचल में शाम 6 से 9 बजे के बीच होते हैं अधिकांश सड़क हादसे, पढ़ें, एक वर्ष की iRDA की रिपोर्ट..

हिमाचल प्रदेश में अधिकांश भयानक सड़क हादसे शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच होते हैअअं। इसका खुलासा iRDA यानि एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस की एक वर्ष की रिपोर्ट में हुआ है। हिमाचल पुलिस के डीजीपी संजय कुंडू के माध्यम से जानकारी मिली है कि iRDA से एक वर्ष के डेटा माइनिंग दृष्टिकोण के साथ सड़क दुर्घटना विश्लेषण किया जाएं तो 1 सितंबर 2022 से 17 अक्टूबर 2023 तक आईआरएडी एप्लिकेशन में कुल 2400 सड़क दुर्घटनाएं हुई है, जिसमे 966 लोग मौत का शिकार हुए हैं। इसमे अधिकांश रोड एक्सीडेंट शाम के तीन घण्टों यानि 6 से 9 बजे के

बीच हुए है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कांगड़ा में सबसे अधिक 313 सड़क हादसे हुए है। जबकि सिरमौर जिला 233 एक्सीडेंट के साथ चौथे स्थान पर है। दूसरे स्थान पर शिमला 302 तथा तीसरे स्थान पर मंडी 289 सड़क हादसों के साथ है। इस रिपोर्ट में शामिल डेटा और विश्लेषण सभी के लिए सड़क सुरक्षा के सामान्य लक्ष्य तक पहुंचने की दिशा में सभी हितधारकों के लिए सहायक होगा।

हिमाचल प्रदेश पुलिस टीटीआर शिमला के एडिश्नल एसपी नरवीर सिंह राठौर बताते हैं कि एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (iRAD) परियोजना भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की एक पहल है और इसे विश्व बैंक द्वारा

वित्त पोषित किया जाता है। जिसका उद्देश्य देश में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश के हर हिस्से से दुर्घटना डेटाबेस को समृद्ध करने के लिए एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (आईआरएडी) का विकास करना है। यह परियोजना डेटा एनालिटिक्स तकनीक के कार्यान्वयन के माध्यम से देश भर में एकत्रित सड़क दुर्घटना डेटा का विश्लेषण करके विभिन्न प्रकार की अंतर्दृष्टि उत्पन्न करेगी। प्रस्तावित प्रणाली

आसान समझ के लिए मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग डैशबोर्ड और एनालिटिक्स डैशबोर्ड के माध्यम से विश्लेषण आउटपुट का प्रतिनिधित्व करेगी और तदनुसार नई नीतियों और रणनीतियों के निर्माण के लिए शीर्ष अधिकारियों द्वारा पूर्वानुमान और निर्णय लेगी। परियोजना के परिणाम से भारत में सड़क सुरक्षा यानी 'सभी के लिए सुरक्षित सड़क' में वृद्धि होगी।